वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, जेनेवा
Updated Mon, 11 Jan 2021 09:53 AM IST
डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर भारत का मानचित्र
– फोटो : social media
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर दुनिया के सभी देशों को अलग-अलग रंगों से वर्गीकृत किया लेकिन भारत को दिखाते समय लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को अलग रंग से दिखाया गया, जिसके बाद से ब्रिटेन में भारतीय प्रवासियों से कुछ नाराज भरी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में दो केंद्रीय शासित प्रदेश बनाए गए जम्मू-कश्मी और लद्दाख को ग्रे रंग से दिखाया गया है, जबकि पूरा भारत नीले रंग से दर्शाया गया है। इसके अलावा, अक्साई चीन को विवादित सीमा को नीली धारियों के साथ सीमांकित किया गया है, जो कि चीन का हिस्सा लगता है।
ये मानचित्र विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड-19 डैशबोर्ड पर लगा है, जहां पर कोरोना के ताजा मामलों की जानकारी मिलती है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह साफ किया है कि वो मानचित्र के संबंध में संयुक्त राष्ट्र के दिशा-निर्देशों का पालन करता है।
लंदन में रहने वाले एक आईटी कंसेल्टेंट ने इस मानचित्र को सबसे नोटिस किया था। यह एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए शेयर किया गया था। उस शख्स के मुताबिक, जब उसने इस नक्शे को देखा जिसमें लद्दाख और जम्मू-कश्मीर भारत से अलग हैं, तो वो आश्चर्य में पड़ गया और उसने ऐसा कहा कि इसके पीछे चीन हो सकता है क्योंकि चीन डब्ल्यूएचओ को सबसे ज्यादा फंडिंग करता है।
आईटी कंसेल्टेंट पंकज का कहना है कि मैं इस बात से आश्चर्यचकित था कि दुनिया का इतना बड़ा संस्थान ऐसी गलती कर सकता है। मैं जानता हूं कि चीन विश्व स्वास्थ्य संगठन को सबसे ज्यादा फंड देता है और पाकिस्तान, चीन से ऋण लेता है और चाहता है कि उसका मुद्दा हमेशा सक्रिय रहे। पंकज ने आगे कहा कि इसके पीछे मुझे चीन का हाथ लगता है।
प्रवासी समूह रीच इंडिया की सोशल मीडिया अध्यक्ष नंदिनी सिंह ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को फटकार लगाई है और कहा है कि भारतीय क्षेत्र का मानचित्र यह दर्शाता है कि यह चीन की सांठगांठ है। नंदिनी सिंह ने कहा कि भारत का धन्यवाद करने की बजाय, ये जानबूझकर भारत को चोट पहुंचाने जैसा काम है।
नंदिनी सिंह ने बताया कि कोविड-19 के समय भारत ने संगठन की कितनी मदद की और उसके बाद भी संगठन ने ऐसा किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर दुनिया के सभी देशों को अलग-अलग रंगों से वर्गीकृत किया लेकिन भारत को दिखाते समय लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को अलग रंग से दिखाया गया, जिसके बाद से ब्रिटेन में भारतीय प्रवासियों से कुछ नाराज भरी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में दो केंद्रीय शासित प्रदेश बनाए गए जम्मू-कश्मी और लद्दाख को ग्रे रंग से दिखाया गया है, जबकि पूरा भारत नीले रंग से दर्शाया गया है। इसके अलावा, अक्साई चीन को विवादित सीमा को नीली धारियों के साथ सीमांकित किया गया है, जो कि चीन का हिस्सा लगता है।
ये मानचित्र विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड-19 डैशबोर्ड पर लगा है, जहां पर कोरोना के ताजा मामलों की जानकारी मिलती है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह साफ किया है कि वो मानचित्र के संबंध में संयुक्त राष्ट्र के दिशा-निर्देशों का पालन करता है।
लंदन में रहने वाले एक आईटी कंसेल्टेंट ने इस मानचित्र को सबसे नोटिस किया था। यह एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए शेयर किया गया था। उस शख्स के मुताबिक, जब उसने इस नक्शे को देखा जिसमें लद्दाख और जम्मू-कश्मीर भारत से अलग हैं, तो वो आश्चर्य में पड़ गया और उसने ऐसा कहा कि इसके पीछे चीन हो सकता है क्योंकि चीन डब्ल्यूएचओ को सबसे ज्यादा फंडिंग करता है।
आईटी कंसेल्टेंट पंकज का कहना है कि मैं इस बात से आश्चर्यचकित था कि दुनिया का इतना बड़ा संस्थान ऐसी गलती कर सकता है। मैं जानता हूं कि चीन विश्व स्वास्थ्य संगठन को सबसे ज्यादा फंड देता है और पाकिस्तान, चीन से ऋण लेता है और चाहता है कि उसका मुद्दा हमेशा सक्रिय रहे। पंकज ने आगे कहा कि इसके पीछे मुझे चीन का हाथ लगता है।
प्रवासी समूह रीच इंडिया की सोशल मीडिया अध्यक्ष नंदिनी सिंह ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को फटकार लगाई है और कहा है कि भारतीय क्षेत्र का मानचित्र यह दर्शाता है कि यह चीन की सांठगांठ है। नंदिनी सिंह ने कहा कि भारत का धन्यवाद करने की बजाय, ये जानबूझकर भारत को चोट पहुंचाने जैसा काम है।
नंदिनी सिंह ने बताया कि कोविड-19 के समय भारत ने संगठन की कितनी मदद की और उसके बाद भी संगठन ने ऐसा किया है।
Source link Like this:
Like Loading...