Study: पृथ्वी का होने वाला है महाविनाश! आकाश से गिरेंगे आग के गोले, हुआ खुलासा

नई दिल्ली: धरती पर प्रलय (Holocaust On Earth) की बातें सोचकर ही लोग घबरा जाते हैं. फिल्मों और कहानियों में हमने प्रलय के बारे में काफी कुछ सुना और देखा है. लेकिन अगर यह सच में हो तो क्या होगा! वैज्ञानिकों (Scientists) का मानना है कि विज्ञान के आधार पर प्रलय के समय का आकलन किया जा सकेगा.
आम है धरती पर प्रलय
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, धरती पर हर 2.7 करोड़ साल के बाद वैश्विक स्तर पर भीषण विनाशकारी घटनाएं होती हैं. आखिरी बार ऐसी घटना 6.6 करोड़ साल पहले हुई थी, जब शायद एक एस्टरॉइड (Asteroid) या धूमकेतु (Comet) के गिरने से डायनोसॉर (Dinosaurs) विलुप्त हो गए थे.
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धरती पर होगी एसिड और आग की बारिश
फिलहाल कहा जा रहा है कि प्रलय (Holocaust) कम से कम 3 करोड़ साल पीछे है. नए स्टैटिस्टिकल एनालिसिस (Statistical Analysis) के आधार पर अमेरिका के रिसर्चर्स ने पाया है कि पूरे जीवन को खत्म कर देने वाले धूमकेतुओं (Comets) की बारिश हर 2.6 से 3 करोड़ साल में होती है, जब वे गैलेक्सी (Galaxy) से होकर गुजरते हैं.
अगर ये धूमकेतु धरती से टकराते हैं तो पूरी दुनिया में अंधेरा और ठंड, जंगलों में आग, एसिड की बारिश (Acid Rain) होगी और ओजोन परत (Ozone Layer) खत्म हो जाएगी. जमीन पर रहने वाले जीवों के साथ-साथ पानी पर रहने वाले जीव भी नष्ट हो जाएंगे.
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एस्टरॉइड्स की टक्कर से डायनोसॉर हुए गायब
वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि अभी तक जमीन और पानी पर एक साथ विनाश तब हुए थे, जब धरती के अंदर से लावा निकलकर बाहर आ गया था. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आकाशगंगा (Galaxy) में जिस तरह से हमारा ग्रह चक्कर लगाता है, उससे खतरा भी तय होता है.
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी (New York University) के प्रोफेसर और स्टडी के लेखक माइकल रैम्पीनो का कहना है, ‘ऐसा लगता है कि बड़े ऑब्जेक्ट और धरती के अंदर होने वाली ऐक्टिविटी (जिससे लावा निकल सकता है), यह 2.7 करोड़ साल के अंतर पर विनाशकारी घटनाओं के साथ हो सकता है.
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उन्होंने ऐसी घटना का जिक्र करते हुए बताया कि पहले भी तीन ऐसी विनाशकारी घटनाएं हो चुकी हैं. ये सभी वैश्विक स्तर पर आपदा और सामूहिक विनाश का कारण बनने की क्षमता रखती थी. माना जाता है कि एस्टरॉइड्स की टक्कर से ही डायनोसॉर (Dinosaurs) की पूरी प्रजाति विलुप्त हो गई थी.