RTI से मांगी गई थी आरोग्य सेतु की जानकारी, अदालत ने मांगा मंत्रालय से जवाब

आरोग्य सेतु एप
– फोटो : अमर उजाला
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अदालत ने माना कि आरोग्य सेतु एप का मुद्दा ‘जन महत्व’ का है। अदालत शिकायत सुने बगैर मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ जारी कारण बताओ नोटिस का निपटारा करने के केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर भी सुनवाई कर रही थी। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने मंत्रालय, मंत्रालय के केंद्रीय जनसूचना अधिकारियों, राष्ट्रीय ई-शासन संभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, ई-सरकार और राष्ट्रीय सूचना केंद्र को नोटिस जारी किया है।
अदालत का स्पष्ट रूप से यह मानना है कि सीआईसी ने आरटीआई कार्यकर्ता का पक्ष सुने बगैर ही 24 नवंबर, 2020 का आदेश पारित किया है। कार्यकर्ता ने आरटीआई के जरिए विभिन्न एजेंसियों से आरोग्य सेतु एप का डेटा मांगा था, लेकिन उसे कोई उत्तर नहीं मिला। इस पर कार्यकर्ता ने इसे सीआईसी में चुनौती दी थी। सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर दो अप्रैल, 2020 को आरोग्य सेतु एप लांच किया था।
अदालत ने माना कि आरोग्य सेतु एप का मुद्दा ‘जन महत्व’ का है। अदालत शिकायत सुने बगैर मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ जारी कारण बताओ नोटिस का निपटारा करने के केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर भी सुनवाई कर रही थी। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने मंत्रालय, मंत्रालय के केंद्रीय जनसूचना अधिकारियों, राष्ट्रीय ई-शासन संभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, ई-सरकार और राष्ट्रीय सूचना केंद्र को नोटिस जारी किया है।
अदालत का स्पष्ट रूप से यह मानना है कि सीआईसी ने आरटीआई कार्यकर्ता का पक्ष सुने बगैर ही 24 नवंबर, 2020 का आदेश पारित किया है। कार्यकर्ता ने आरटीआई के जरिए विभिन्न एजेंसियों से आरोग्य सेतु एप का डेटा मांगा था, लेकिन उसे कोई उत्तर नहीं मिला। इस पर कार्यकर्ता ने इसे सीआईसी में चुनौती दी थी। सरकार ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर दो अप्रैल, 2020 को आरोग्य सेतु एप लांच किया था।