Live: दिल्ली पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस, 25 जनवरी की शाम को ही वादे से मुकर गए थे किसान

लाल किले पर प्रदर्शन करते किसान
– फोटो : पीटीआई
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गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने जो ट्रैक्टर परेड निकाली उसमें दिल्ली के कई स्थानों पर हुई हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। लाल किले पर झंडा फहराने से लेकर नांगलोई, आईटीओ और अक्षरधाम जैसी जगहों पर हुए उपद्रव में काफी तोड़फोड़ और हिंसा हुई। उसी को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दे रहे हैं। पढ़ें- पुलिस ने क्या-क्या कहा-
दिल्ली पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव ने बताया कि किसान नेताओं को कुछ शर्तों के साथ मार्च की मंजूरी दी थी। किसानों ने तय रूट की अनदेखी की और बैरिकेट्स तोड़कर दिल्ली के अंदर घुस गए। जबकि हमने किसान नेताओं से कहा था कि वो कुंडली, मानेसर, पलवल पर ट्रैक्टर मार्च निकाले। लेकिन किसान दिल्ली में ही ट्रैक्टर रैली निकालने पर अडिग रहे।
जब किसान नेताओं को रैली की इजाजत दी गई तो उन्हें यह भी लिखित में दिया गया था कि 5000 से अधिक ट्रैक्टर (रैली में) नहीं होने चाहिए और उनके पास कोई हथियार नहीं होना चाहिए। लेकिन किसानों ने कल पुलिस के द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए पुलिस बैरिकेड तोड़कर हिंसक घटनाएं की। कुल मिलाकर 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और कुछ पुलिसकर्मी आईसीयू में भी हैं।
दिल्ली पुलिस आयुक्त ने बताया कि 25 जनवरी की देर शाम तक, यह सामने आया कि रैली निकाले जाने को लेकर हमारे और किसान नेताओं के बीच जो तय हुआ है उसे वे (किसान) नहीं रख रहे थे। वे आक्रामक और उग्रवादी तत्वों को सामने लाए, जिन्होंने मंच पर कब्जा कर लिया और भड़काऊ भाषण दिए, जिससे उनके इरादे स्पष्ट हो गए थे।