सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ऐसा जोखिम नहीं लेंगे कि हरिद्वार वुहान बन जाए, हमारी पहली लड़ाई कोविड के खिलाफ है। इसी बात को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने एसओपी जारी की है। मुख्यमंत्री ने ऐसा कहकर संकेत साफ कर दिए हैं कि इस बार का कुंभ श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या के लिहाज से सीमित और सुरक्षित होगा। केंद्र की एसओपी जारी होने के बाद अब राज्य सरकार को अपने स्तर से दिशा-निर्देश जारी करने हैं।
बुधवार को अल्मोड़ा दौरे पर रवाना होते वक्त मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि, हमारी पहली लड़ाई कोविड को लेकर है। कुंभ संक्रमण के फैलाव का कारण न बने, यही सोचकर केंद्र सरकार ने कोविड की गाइडलाइन जारी की है।
यह भी पढ़ें: Haridwar Maha Kumbh Mela 2021: 27 फरवरी से होगी कुंभ की शुरुआत, जल्द जारी होगी अधिसूचना
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार पहले भी हरिद्वार कुंभ में महामारी फैल चुकी है, तब हजारों लोगों की मृत्यु हो गई थी। कोई भी ऐसा काम नहीं होना चाहिए, जिससे जोखिम बढ़े। मुख्यमंत्री के बयान से साफ है कि कोरोना को लेकर सरकार किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती है। उनकी इस प्रतिक्रिया को केंद्र की एसओपी के आधार पर लागू होने की प्रबल संभावना के तौर पर देखा जा रहा है।
राज्य सरकार भी जारी करेगी एसओपी
केंद्र सरकार की एसओपी जारी होने के बाद अब राज्य सरकार के स्तर पर भी कुंभ को लेकर नई एसओपी जारी होगी। राज्य सरकार को रोज आने वाले श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या तय करनी है। राज्य की एसओपी में कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के पंजीकरण की व्यवस्था, बॉर्डर पर खास तैनाती की व्यवस्था करनी होगी। साथ ही मेले में कोविड की गाइडलाइन का पालन कराने के लिए भी उपाय करने होंगे।
तीर्थ नगरी हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेला में कोविड जांच और दो गज की शारीरिक दूरी और मास्क पहनने का पालन करना बड़ी चुनौती रहेगी। वहीं, बाहरी राज्यों आने वाले श्रद्धालुओं की कोविड निगेटिव रिपोर्ट की जांच करने के लिए व्यापक इंतजाम करने होंगे।
हरिद्वार कुंभ में कोविड महामारी के नियमों का पालन और संक्रमण को रोकना स्वास्थ्य विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। केंद्र सरकार ने कुंभ ने लिए एसओपी जांच की है। इसमें कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना की निगेटिव जांच रिपोर्ट लाने पर गंगा में डुबकी लगाने की अनुमति होगी।
केंद्र ने शारीरिक दूरी और मास्क पहनने की अनिवार्यता का पालन करने को कहा है। हालांकि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है। कुंभ में उमड़ने वाली भीड़ से संक्रमण को काबू करना बड़ी चुनौती है। एक दिन में लाखों श्रद्धालुओं की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट की सीमाओं पर जांच करना आसान नहीं होगा।
इसके साथ ही घाटों पर क्षमता से अधिक भीड़ जुटने पर शारीरिक दूरी का पालन किस तरह किया जाएगा। इसके लिए योजना बनाई जा रही है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि केंद्र की एसओपी के अनुसार व्यवस्था करने पर विचार विमर्श चल रहा है। इसमें सैंपल जांच की व्यवस्था के साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट की जांच किस तरह की जाएगी। इसके लिए व्यवस्था बनाई जाएगी।
सार
- दिए संकेत- सुरक्षित और सीमित हो सकता है आयोजन
- सरकार हूबहू लागू कर सकती है केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई एसओपी
विस्तार
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ऐसा जोखिम नहीं लेंगे कि हरिद्वार वुहान बन जाए, हमारी पहली लड़ाई कोविड के खिलाफ है। इसी बात को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने एसओपी जारी की है। मुख्यमंत्री ने ऐसा कहकर संकेत साफ कर दिए हैं कि इस बार का कुंभ श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या के लिहाज से सीमित और सुरक्षित होगा। केंद्र की एसओपी जारी होने के बाद अब राज्य सरकार को अपने स्तर से दिशा-निर्देश जारी करने हैं।
बुधवार को अल्मोड़ा दौरे पर रवाना होते वक्त मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि, हमारी पहली लड़ाई कोविड को लेकर है। कुंभ संक्रमण के फैलाव का कारण न बने, यही सोचकर केंद्र सरकार ने कोविड की गाइडलाइन जारी की है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार पहले भी हरिद्वार कुंभ में महामारी फैल चुकी है, तब हजारों लोगों की मृत्यु हो गई थी। कोई भी ऐसा काम नहीं होना चाहिए, जिससे जोखिम बढ़े। मुख्यमंत्री के बयान से साफ है कि कोरोना को लेकर सरकार किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती है। उनकी इस प्रतिक्रिया को केंद्र की एसओपी के आधार पर लागू होने की प्रबल संभावना के तौर पर देखा जा रहा है।
राज्य सरकार भी जारी करेगी एसओपी
केंद्र सरकार की एसओपी जारी होने के बाद अब राज्य सरकार के स्तर पर भी कुंभ को लेकर नई एसओपी जारी होगी। राज्य सरकार को रोज आने वाले श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या तय करनी है। राज्य की एसओपी में कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के पंजीकरण की व्यवस्था, बॉर्डर पर खास तैनाती की व्यवस्था करनी होगी। साथ ही मेले में कोविड की गाइडलाइन का पालन कराने के लिए भी उपाय करने होंगे।
सैंपल जांच और शारीरिक दूरी की रहेगी चुनौती
तीर्थ नगरी हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेला में कोविड जांच और दो गज की शारीरिक दूरी और मास्क पहनने का पालन करना बड़ी चुनौती रहेगी। वहीं, बाहरी राज्यों आने वाले श्रद्धालुओं की कोविड निगेटिव रिपोर्ट की जांच करने के लिए व्यापक इंतजाम करने होंगे।
हरिद्वार कुंभ में कोविड महामारी के नियमों का पालन और संक्रमण को रोकना स्वास्थ्य विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। केंद्र सरकार ने कुंभ ने लिए एसओपी जांच की है। इसमें कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना की निगेटिव जांच रिपोर्ट लाने पर गंगा में डुबकी लगाने की अनुमति होगी।
केंद्र ने शारीरिक दूरी और मास्क पहनने की अनिवार्यता का पालन करने को कहा है। हालांकि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है। कुंभ में उमड़ने वाली भीड़ से संक्रमण को काबू करना बड़ी चुनौती है। एक दिन में लाखों श्रद्धालुओं की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट की सीमाओं पर जांच करना आसान नहीं होगा।
इसके साथ ही घाटों पर क्षमता से अधिक भीड़ जुटने पर शारीरिक दूरी का पालन किस तरह किया जाएगा। इसके लिए योजना बनाई जा रही है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि केंद्र की एसओपी के अनुसार व्यवस्था करने पर विचार विमर्श चल रहा है। इसमें सैंपल जांच की व्यवस्था के साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट की जांच किस तरह की जाएगी। इसके लिए व्यवस्था बनाई जाएगी।
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