जेसीबी से रौंदी जा रही फसल।
– फोटो : अमर उजाला
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गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के लिए फसलों को जेसीबी से रौंदने और किसानों की पिटाई पर आजमगढ़ जनपद के गदनपुर के किसानों में काफी नाराजगी है। किसानों का कहना है कि लाठीचार्ज में कई लोग घायल हैं, जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे आजमगढ़ के बूढ़नपुर तहसील के कई गांवों से होकर गुजर रहा है। इसमें कुछ गांव के किसानों ने जमीन का बैनामा नहीं किया है। इसके बावजूद उनकी भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। मुआवजा के लिए किसानों को समय दिया गया था लेकिन कई किसानों ने मुआवजा नहीं लिया। रविवार को सरकारी अमला भूमि को कब्जे लेने पहुंचा और फसल को जेसीबी से उखाड़ दिया। विरोध करने पर किसानों पर लाठी चार्ज किया गया।
प्रशासन से बात करने पर बर्बरता से पीटने का आरोप
किसानों का कहना है कि उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री नहीं की है। इसके बावजूद प्रशासन ने बगैर नोटिस के उनकी फसल तहस-नहस कर दी। हमारी खड़ी फसल सरसों, गेंहू को जेसीबी से रौंदा जा रहा है। प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो बर्बरता पूर्वक पीटा गया। इसमें गांव के लगभग दर्जन लोग से घायल हैं। गोरथानी गांव निवासी 75 वर्षीय घायल किसान शिव प्रसाद सिंह ने बताया कि हम लोग बात करने जा रहे थे कि कुछ समय दे दिया जाए। पैसा हमारे खाते में दे दिया जाए, तभी भूमि का अर्जन किया जाए। लेकिन हमें बुरी तरह पीटा गया।
किसान राजकुमार यादव ने बताया कि पुलिस ने आते ही लाठीचार्ज कर दिया। अमरनाथ पांडेय ने बताया कि प्रशासन तानाशाही रवैया अपना रहा है। जबरदस्ती खड़ी फसलों को जोता जा रहा है। किसान रामप्यारे यादव ने बताया कि किसानों के साथ जो हुआ वह बहुत ही निंदनीय है। इसके खिलाफ समय लेकर मुख्यमंत्री के यहां जाएंगे।
किसान नेता फूलचंद यादव ने इसे निंदनीय बताया। उन्होंने आगाह किया कि प्रशासन अपनी दमनकारी नीतियों से बाज नहीं आता है तो किसान आंदोलन करेंगे।फसलें तैयार हो चुकी थी। 15 दिनों में फसल काट ली जाती। प्रशासन चाहता तो सब्र से काम ले सकता था। वहीं, एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह ने बताया कि किसानों पर लाठीचार्ज नहीं किया गया था। सिर्फ लाठी फटकार कर खदेड़ा गया था।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के लिए फसलों को जेसीबी से रौंदने और किसानों की पिटाई पर आजमगढ़ जनपद के गदनपुर के किसानों में काफी नाराजगी है। किसानों का कहना है कि लाठीचार्ज में कई लोग घायल हैं, जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे आजमगढ़ के बूढ़नपुर तहसील के कई गांवों से होकर गुजर रहा है। इसमें कुछ गांव के किसानों ने जमीन का बैनामा नहीं किया है। इसके बावजूद उनकी भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। मुआवजा के लिए किसानों को समय दिया गया था लेकिन कई किसानों ने मुआवजा नहीं लिया। रविवार को सरकारी अमला भूमि को कब्जे लेने पहुंचा और फसल को जेसीबी से उखाड़ दिया। विरोध करने पर किसानों पर लाठी चार्ज किया गया।
प्रशासन से बात करने पर बर्बरता से पीटने का आरोप
किसानों का कहना है कि उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री नहीं की है। इसके बावजूद प्रशासन ने बगैर नोटिस के उनकी फसल तहस-नहस कर दी। हमारी खड़ी फसल सरसों, गेंहू को जेसीबी से रौंदा जा रहा है। प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो बर्बरता पूर्वक पीटा गया। इसमें गांव के लगभग दर्जन लोग से घायल हैं। गोरथानी गांव निवासी 75 वर्षीय घायल किसान शिव प्रसाद सिंह ने बताया कि हम लोग बात करने जा रहे थे कि कुछ समय दे दिया जाए। पैसा हमारे खाते में दे दिया जाए, तभी भूमि का अर्जन किया जाए। लेकिन हमें बुरी तरह पीटा गया।
किसान राजकुमार यादव ने बताया कि पुलिस ने आते ही लाठीचार्ज कर दिया। अमरनाथ पांडेय ने बताया कि प्रशासन तानाशाही रवैया अपना रहा है। जबरदस्ती खड़ी फसलों को जोता जा रहा है। किसान रामप्यारे यादव ने बताया कि किसानों के साथ जो हुआ वह बहुत ही निंदनीय है। इसके खिलाफ समय लेकर मुख्यमंत्री के यहां जाएंगे।
किसान नेता फूलचंद यादव ने इसे निंदनीय बताया। उन्होंने आगाह किया कि प्रशासन अपनी दमनकारी नीतियों से बाज नहीं आता है तो किसान आंदोलन करेंगे।फसलें तैयार हो चुकी थी। 15 दिनों में फसल काट ली जाती। प्रशासन चाहता तो सब्र से काम ले सकता था। वहीं, एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह ने बताया कि किसानों पर लाठीचार्ज नहीं किया गया था। सिर्फ लाठी फटकार कर खदेड़ा गया था।
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