वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कांगो
Updated Mon, 04 Jan 2021 03:06 PM IST
डिजीज एक्स वायरस: कोरोना से भी ज्यादा खतरा होगा वायरस
– फोटो : iStock
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कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन के मोर्चे पर अभी राहत की खबर मिली ही थी कि उससे भी ज्यादा घातक नए वायरस के प्रसार की चेतावनी जारी हुई है। अफ्रीकी वायरस इबोला का पता लगाने वाले डॉक्टर जीन जैक्स मुएंब तामफम ने यह चेतावनी जारी की है और बताया है कि अभी डिजीज एक्स वायरस के प्रसार होने की संभावना है।
डॉ. तामफम के मुताबिक डिजीज एक्स मौजूदा कोरोना वायरस से ज्यादा घातक है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के मुकाबले यह वायरस तेजी से फैलता है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि इस नए वायरस से मरने वालों की संख्या इबोला की तुलना में 50-90 फीसदी तक ज्यादा हो सकती है।
एक अमेरिकी टेलीविजन चैनल को इंटरव्यू देते हुए डॉ. तामफम ने कहा कि आज हम एक ऐसी दुनिया में हैं, जहां नए वायरस बाहर आएंगे और यह नए वायरस मानवता के लिए ज्यादा खतरनाक बन सकते हैं। डॉ. तामफम के अनुसार भविष्य में आने वाली महामारी कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक होगी और यह ज्यादा तबाही मचाने वाली होगी।
बता दें कांगो में एक महिला में डिजीज एक्स के लक्षण पाए गए हैं। कांगो के इगेंड में एक महिला मरीज में बुखार के लक्षण देखे गए। इसके बाद मरीज ने इबोला की जांच कराई लेकिन यह जांच निगेटिव आई। अब डॉक्टरों को इस बात का डर है कि ये महिला डिजीज एक्स की पहली मरीज है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक वैज्ञानिकों का कहना है कि डिजीज एक्स महामारी अभी परिकल्पना है लेकिन अगर यह फैलती है तो पूरी दुनिया में इससे तबाही मच जाएगी। डॉ. तामफम की 1976 में इबोला वायरस का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका थी। इबोला वायरस का जब पहली बार पता चला था तो कांगो के यामबूकू मिशन अस्पताल में 88 फीसदी मरीजों और 80 फीसदी कर्मचारियों की मौत हो गई थी।
कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन के मोर्चे पर अभी राहत की खबर मिली ही थी कि उससे भी ज्यादा घातक नए वायरस के प्रसार की चेतावनी जारी हुई है। अफ्रीकी वायरस इबोला का पता लगाने वाले डॉक्टर जीन जैक्स मुएंब तामफम ने यह चेतावनी जारी की है और बताया है कि अभी डिजीज एक्स वायरस के प्रसार होने की संभावना है।
डॉ. तामफम के मुताबिक डिजीज एक्स मौजूदा कोरोना वायरस से ज्यादा घातक है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के मुकाबले यह वायरस तेजी से फैलता है। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि इस नए वायरस से मरने वालों की संख्या इबोला की तुलना में 50-90 फीसदी तक ज्यादा हो सकती है।
एक अमेरिकी टेलीविजन चैनल को इंटरव्यू देते हुए डॉ. तामफम ने कहा कि आज हम एक ऐसी दुनिया में हैं, जहां नए वायरस बाहर आएंगे और यह नए वायरस मानवता के लिए ज्यादा खतरनाक बन सकते हैं। डॉ. तामफम के अनुसार भविष्य में आने वाली महामारी कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक होगी और यह ज्यादा तबाही मचाने वाली होगी।
बता दें कांगो में एक महिला में डिजीज एक्स के लक्षण पाए गए हैं। कांगो के इगेंड में एक महिला मरीज में बुखार के लक्षण देखे गए। इसके बाद मरीज ने इबोला की जांच कराई लेकिन यह जांच निगेटिव आई। अब डॉक्टरों को इस बात का डर है कि ये महिला डिजीज एक्स की पहली मरीज है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक वैज्ञानिकों का कहना है कि डिजीज एक्स महामारी अभी परिकल्पना है लेकिन अगर यह फैलती है तो पूरी दुनिया में इससे तबाही मच जाएगी। डॉ. तामफम की 1976 में इबोला वायरस का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका थी। इबोला वायरस का जब पहली बार पता चला था तो कांगो के यामबूकू मिशन अस्पताल में 88 फीसदी मरीजों और 80 फीसदी कर्मचारियों की मौत हो गई थी।
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