सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पेक्सेल्स
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इंडोनेशिया के खाद्य और औषधि प्राधिकरण ने चीन की कंपनी साइनोवैक बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित कोविड-19 टीका के आपात स्थिति में इस्तेमाल की सोमवार को मंजूरी दे दी। मंजूरी के बाद देश में इस सप्ताह से अत्यंत जोखिम वाले आबादी समूह के टीकाकरण का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य नौकरशाहों को ‘कोरोनावैक’ के टीके की खुराक देने का अभियान इसी सप्ताह शुरू होने की संभावना है। ब्राजील, तुर्की और इंडोनेशिया के ‘क्लिनिकल ट्रायल’ के आंकड़ों की समीक्षा के बाद इंडोनेशिया के अधिकारियों ने टीका के आपात स्थिति में इस्तेमाल को मंजूरी दे दी।
इंडोनेशिया की खाद्य और औषधि निगरानी एजेंसी के प्रमुख पेन्नी लुकितो ने संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी देते हुए कहा, ‘आंकड़ों के आधार पर और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के निर्देशों के मुताबिक चीन की वैक्सीन कोरोनावैक ने इस्तेमाल के लिए अनुमति की शर्तों को पूरा किया है।’
राष्ट्रपति लेंगे वैक्सीन की पहली खुराक
बता दें कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा है कि सबसे पहले वह वैक्सीन की खुराक लेंगे। विडोडो ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘सबसे पहले राष्ट्रपति ही क्यों? मैं अपने आपको प्राथमिकता में नहीं रख रहा बल्कि मैं हर किसी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि वैक्सीन हलाल और सुरक्षित है।’
ब्राजील के टीका निर्माता ‘बुटानटन इंस्टीट्यूट’ ने कहा था कि संक्रमण के हल्के मामले में टीका 78 फीसदी उपयोगी है और मध्यम व ज्यादा जोखिम वालों में यह सौ फीसदी कारगर रहा। तुर्की ने 91.25 फीसदी असरदार रहने की बात कही थी। बाद के नतीजों को सार्वजनिक रूप से प्रकाशित नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि इंडोनिशया के शीर्ष इस्लामिक निकाय इंडोनेशियन उलेमा काउंसिल ने पिछले सप्ताह कहा था कि कोविड-19 टीका हलाल है और मुस्लिमों के इस्तेमाल के अनुकूल है। इसके बाद दुनिया में मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी वाले देश में टीकाकरण के मार्ग की बाधा खत्म हो गई थी।
इंडोनेशिया के खाद्य और औषधि प्राधिकरण ने चीन की कंपनी साइनोवैक बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित कोविड-19 टीका के आपात स्थिति में इस्तेमाल की सोमवार को मंजूरी दे दी। मंजूरी के बाद देश में इस सप्ताह से अत्यंत जोखिम वाले आबादी समूह के टीकाकरण का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य नौकरशाहों को ‘कोरोनावैक’ के टीके की खुराक देने का अभियान इसी सप्ताह शुरू होने की संभावना है। ब्राजील, तुर्की और इंडोनेशिया के ‘क्लिनिकल ट्रायल’ के आंकड़ों की समीक्षा के बाद इंडोनेशिया के अधिकारियों ने टीका के आपात स्थिति में इस्तेमाल को मंजूरी दे दी।
इंडोनेशिया की खाद्य और औषधि निगरानी एजेंसी के प्रमुख पेन्नी लुकितो ने संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी देते हुए कहा, ‘आंकड़ों के आधार पर और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के निर्देशों के मुताबिक चीन की वैक्सीन कोरोनावैक ने इस्तेमाल के लिए अनुमति की शर्तों को पूरा किया है।’
राष्ट्रपति लेंगे वैक्सीन की पहली खुराक
बता दें कि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा है कि सबसे पहले वह वैक्सीन की खुराक लेंगे। विडोडो ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘सबसे पहले राष्ट्रपति ही क्यों? मैं अपने आपको प्राथमिकता में नहीं रख रहा बल्कि मैं हर किसी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि वैक्सीन हलाल और सुरक्षित है।’
ब्राजील के टीका निर्माता ‘बुटानटन इंस्टीट्यूट’ ने कहा था कि संक्रमण के हल्के मामले में टीका 78 फीसदी उपयोगी है और मध्यम व ज्यादा जोखिम वालों में यह सौ फीसदी कारगर रहा। तुर्की ने 91.25 फीसदी असरदार रहने की बात कही थी। बाद के नतीजों को सार्वजनिक रूप से प्रकाशित नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि इंडोनिशया के शीर्ष इस्लामिक निकाय इंडोनेशियन उलेमा काउंसिल ने पिछले सप्ताह कहा था कि कोविड-19 टीका हलाल है और मुस्लिमों के इस्तेमाल के अनुकूल है। इसके बाद दुनिया में मुस्लिमों की सबसे बड़ी आबादी वाले देश में टीकाकरण के मार्ग की बाधा खत्म हो गई थी।
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