कोरोना वैक्सीन (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : PTI
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देश में कोरोना वैक्सीन मिल चुकी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि टीके पहली खुराक के बाद संक्रमण होने का मतलब ये नहीं कि टीका बेअसर है। टीक लगने के बाद हल्की फुल्की स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ होने का मतलब शरीर पर टीके का असर हो रहा है। इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी की इमरजेंसी फिजिशियन डॉ. मेगन राने का कहना है कि वैक्सीन की एक डोज लगने के बाद संक्रमण की चपेट में आना कोई गंभीर मसला नहीं है। वैक्सीन की एक डोज लगने के बाद उसका असर होने में एक हफ्ता से अधिक वक्त लग सकता है। कोई भी टीका अपना प्रभाव दिखाने में थोड़ा वक्त लेता है।
अभी जो वैक्सीन सामने आई हैं वो आरएनए या एमआरएन तकनीक पर आधारित है।वैक्सीन कोशिकाओं में पहुंचने के बाद वायरस के प्रोटीन जैसे स्पाइक बनाने को निर्देशित करती है। आगे चलकर यही स्पाइक प्रोटीन को निष्क्रिय करने काम काम करता है।
संक्रमण कब हुआ ये जानना जरूरी
संक्रमण कब हुआ ये जानना जरूरी है क्या टीका लगने केबाद या उससे पहले। वैक्सीन की दो डोज लगने के बाद ही शरीर पूरी तरह सुरक्षित होता है। कोई भी वैक्सीन 100 फीसदी असरदार नहीं होती है। कुछ लोग ऐसे हो सकते हैं जिन्हें वैक्सीन लगने के बाद भी संक्रमण हो जाए।इसके कई कारण हो सकते हैं।
मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना की संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. कुपाली बताते हैं कि उनके कई साथी टीका लगने के बाद संक्रमित हुए हैं। इसमें कोई हैरान जनक बात नहीं है। वैक्सीन का असर देर में हो सकता है लेकिन इस आधार पर टीके को फेल साबित नहीं किया जा सकता।
खुराक लगते ही स्पाइक प्रोटीन बनना शुरू
वैज्ञानिकों का कहना है कि टीके की पहली डोज लगने के बाद ही सुरक्षा कवच के रूप में स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन शुरू हो जाता है। हालांकि शरीर को इसे याद रखने और वायरस के खिलाफ काम करने लिए कुछ समय चाहिए होता है। टीका लगने के बाद इम्युन सेल्स प्रोटीन को समझाती हैं उसके बाद उसे परिपक्व बनाती है। उसकेबाद शरीर में उसकी संख्या बढ़ाकर वायरस से बचाव करती है।
केस-1
कैलिफोर्निया के नर्स मैथ्यू डब्ल्यू (45) को 18 दिसंबर को टीके की पहली डोज लगी तो उन्हें शरीर में दर्द और थकान महसूस हुई। 26 दिसंबर को उनमें संक्रमण की पुष्टि हुई। खबर सोशल मीडिया पर चली और संदेश दिया गया कि टीका बेअसर है जो गलत है।
केस-2
अमेरिका में 38 वर्षीय डॉक्टर को टीके की पहली खुराक लगी उसके कुछ दिन बाद उनमें संक्रमण की पुष्टि हो गई है। कहा जाने लगा कि वैक्सीन असर नहीं करतीहै। चिकित्सकों का कहना है कि शरीर पर वैक्सीन का असर होने में थोड़ा वक्त लगता है। धैर्य से काम लें।
देश में कोरोना वैक्सीन मिल चुकी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि टीके पहली खुराक के बाद संक्रमण होने का मतलब ये नहीं कि टीका बेअसर है। टीक लगने के बाद हल्की फुल्की स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ होने का मतलब शरीर पर टीके का असर हो रहा है। इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी की इमरजेंसी फिजिशियन डॉ. मेगन राने का कहना है कि वैक्सीन की एक डोज लगने के बाद संक्रमण की चपेट में आना कोई गंभीर मसला नहीं है। वैक्सीन की एक डोज लगने के बाद उसका असर होने में एक हफ्ता से अधिक वक्त लग सकता है। कोई भी टीका अपना प्रभाव दिखाने में थोड़ा वक्त लेता है।
अभी जो वैक्सीन सामने आई हैं वो आरएनए या एमआरएन तकनीक पर आधारित है।वैक्सीन कोशिकाओं में पहुंचने के बाद वायरस के प्रोटीन जैसे स्पाइक बनाने को निर्देशित करती है। आगे चलकर यही स्पाइक प्रोटीन को निष्क्रिय करने काम काम करता है।
संक्रमण कब हुआ ये जानना जरूरी
संक्रमण कब हुआ ये जानना जरूरी है क्या टीका लगने केबाद या उससे पहले। वैक्सीन की दो डोज लगने के बाद ही शरीर पूरी तरह सुरक्षित होता है। कोई भी वैक्सीन 100 फीसदी असरदार नहीं होती है। कुछ लोग ऐसे हो सकते हैं जिन्हें वैक्सीन लगने के बाद भी संक्रमण हो जाए।इसके कई कारण हो सकते हैं।
मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना की संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. कुपाली बताते हैं कि उनके कई साथी टीका लगने के बाद संक्रमित हुए हैं। इसमें कोई हैरान जनक बात नहीं है। वैक्सीन का असर देर में हो सकता है लेकिन इस आधार पर टीके को फेल साबित नहीं किया जा सकता।
खुराक लगते ही स्पाइक प्रोटीन बनना शुरू
वैज्ञानिकों का कहना है कि टीके की पहली डोज लगने के बाद ही सुरक्षा कवच के रूप में स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन शुरू हो जाता है। हालांकि शरीर को इसे याद रखने और वायरस के खिलाफ काम करने लिए कुछ समय चाहिए होता है। टीका लगने के बाद इम्युन सेल्स प्रोटीन को समझाती हैं उसके बाद उसे परिपक्व बनाती है। उसकेबाद शरीर में उसकी संख्या बढ़ाकर वायरस से बचाव करती है।
केस-1
कैलिफोर्निया के नर्स मैथ्यू डब्ल्यू (45) को 18 दिसंबर को टीके की पहली डोज लगी तो उन्हें शरीर में दर्द और थकान महसूस हुई। 26 दिसंबर को उनमें संक्रमण की पुष्टि हुई। खबर सोशल मीडिया पर चली और संदेश दिया गया कि टीका बेअसर है जो गलत है।
केस-2
अमेरिका में 38 वर्षीय डॉक्टर को टीके की पहली खुराक लगी उसके कुछ दिन बाद उनमें संक्रमण की पुष्टि हो गई है। कहा जाने लगा कि वैक्सीन असर नहीं करतीहै। चिकित्सकों का कहना है कि शरीर पर वैक्सीन का असर होने में थोड़ा वक्त लगता है। धैर्य से काम लें।
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