सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पेक्सेल्स
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देश में बर्ड फ्लू का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है। शु्क्रवार को छत्तीसगढ़ में भी बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि हुई है। जिसके बाद अभी तक प्रभावित हुए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। छत्तीसगढ़ के अलावा, इस बीमारी की पुष्टि दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में हो चुकी है। सरकार का कहना है कि बीमारी के बारे में आम जनता को जागरूक करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के जीएस पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इसमें कहा गया है, कुल मिलाकर देश के 11 राज्य एवियन इन्फ्लूएंजा से प्रभावित हुए हैं। बयान के अुसार मध्यप्रदेश के हरदा जिले से कुक्कुट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है और बुरहानपुर, राजगढ़, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, मंडला, हरदा, धार, सागर और सतना जिलों में जंगली पक्षियों (कौवे और कबूतर) में इस बीमारी की पुष्टि हुई है।
महाराष्ट्र में 905 पक्षी मृत पाए गए हैं, जिनमें 753 कुक्कुट पक्षी भी शामिल हैं। कंकालों को प्रयोगशालाओं में भेजा गया है। पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आठ जनवरी से अब तक राज्य में 3,949 पक्षी मृत पाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘गुरुवार को रात साढ़े नौ बजे समाप्त हुए 12घंटों में 905 पक्षी मृत मिले। इनमें 753 कुक्कुट पक्षी भी हैं। शेष कौवे, बगुले, गौरैया और तोते आदि थे। बर्ड फ्लू का पहला मामला सामने आने के बाद से 14,507 पक्षियों को मारा जा चुका है।
मोहाली के दो कुक्कुट फार्मों के नमूनों के एवियन इंफ्लूएंजा जांच में पाजिटिव पाए जाने के बाद पंजाब में शुक्रवार को पहले संदिग्ध मामले सामने आए। एक अधिकारी के अनुसार मोहाली के डेरा बस्सी के बेहरा गांव के कुक्कुट फार्मों से नमूने लिए गए थे और जालंधर की क्षेत्रीय रोग जांच प्रयोगशाला में उनकी जांच की गई।
अब नमूनों को सत्यापन के लिए भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान में भेजा गया है। यह संस्थान बर्ड फ्लू घोषित करने के लिए अंतिम प्राधिकार है। इसके अलावा हरियाणा पहले ही अपने यहां बर्ड फ्लू की घोषणा कर चुका है। उसने पंचकूला में 1.60 लाख से अधिक कुक्कुट पक्षियों को मारने का एलान किया था।
उत्तराखंड के देहरादून जिले में कौवे और चीलों, दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में कौवों और साथ ही राजस्थान के जयपुर चिड़ियाघर में बत्तख और ब्लैक स्टॉर्क में भी इस वायरल संक्रमण की पुष्टि हुई है। पशुपालन और डेयरी विभाग में सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ एक आनलाइन बैठक की और कहा कि बर्ड फ्लू देश के लिए नया नहीं है बल्कि यह 2006 से हर साल सामने आ रहा है। लोगों के बीच एवियन इन्फ्लूएंजा के बारे में गलत सूचना को दूर करने के प्रयास चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा देश इस बीमारी को प्रभावी रूप से नियंत्रित करता आ रहा है। यह दोहराया गया कि वायरस 70 डिग्री सेंटीग्रेड पर आसानी से नष्ट हो जाता है और इसलिए, अच्छी तरह से पकाया हुआ पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पाद मानव उपयोग के लिए सुरक्षित है। इसमें कहा गया, ‘तदनुसार राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे संबंधित अधिकारियों को प्रतिबंध न लगाने का निर्देश दें और एवियन इन्फ्लूएंजा से मुक्त क्षेत्रों या राज्यों से पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों को बेचने की अनुमति दें।’
देश में बर्ड फ्लू का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है। शु्क्रवार को छत्तीसगढ़ में भी बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि हुई है। जिसके बाद अभी तक प्रभावित हुए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। छत्तीसगढ़ के अलावा, इस बीमारी की पुष्टि दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में हो चुकी है। सरकार का कहना है कि बीमारी के बारे में आम जनता को जागरूक करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के जीएस पोल्ट्री फार्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। इसमें कहा गया है, कुल मिलाकर देश के 11 राज्य एवियन इन्फ्लूएंजा से प्रभावित हुए हैं। बयान के अुसार मध्यप्रदेश के हरदा जिले से कुक्कुट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है और बुरहानपुर, राजगढ़, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, मंडला, हरदा, धार, सागर और सतना जिलों में जंगली पक्षियों (कौवे और कबूतर) में इस बीमारी की पुष्टि हुई है।
महाराष्ट्र में 905 पक्षी मृत पाए गए, जांच जारी
महाराष्ट्र में 905 पक्षी मृत पाए गए हैं, जिनमें 753 कुक्कुट पक्षी भी शामिल हैं। कंकालों को प्रयोगशालाओं में भेजा गया है। पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आठ जनवरी से अब तक राज्य में 3,949 पक्षी मृत पाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘गुरुवार को रात साढ़े नौ बजे समाप्त हुए 12घंटों में 905 पक्षी मृत मिले। इनमें 753 कुक्कुट पक्षी भी हैं। शेष कौवे, बगुले, गौरैया और तोते आदि थे। बर्ड फ्लू का पहला मामला सामने आने के बाद से 14,507 पक्षियों को मारा जा चुका है।
पंजाब में पहली बार बर्ड फ्लू के संदिग्ध मामले
मोहाली के दो कुक्कुट फार्मों के नमूनों के एवियन इंफ्लूएंजा जांच में पाजिटिव पाए जाने के बाद पंजाब में शुक्रवार को पहले संदिग्ध मामले सामने आए। एक अधिकारी के अनुसार मोहाली के डेरा बस्सी के बेहरा गांव के कुक्कुट फार्मों से नमूने लिए गए थे और जालंधर की क्षेत्रीय रोग जांच प्रयोगशाला में उनकी जांच की गई।
अब नमूनों को सत्यापन के लिए भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान में भेजा गया है। यह संस्थान बर्ड फ्लू घोषित करने के लिए अंतिम प्राधिकार है। इसके अलावा हरियाणा पहले ही अपने यहां बर्ड फ्लू की घोषणा कर चुका है। उसने पंचकूला में 1.60 लाख से अधिक कुक्कुट पक्षियों को मारने का एलान किया था।
अच्छी तरह पकाए गए पोल्ट्री उत्पाद सुरक्षित
उत्तराखंड के देहरादून जिले में कौवे और चीलों, दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में कौवों और साथ ही राजस्थान के जयपुर चिड़ियाघर में बत्तख और ब्लैक स्टॉर्क में भी इस वायरल संक्रमण की पुष्टि हुई है। पशुपालन और डेयरी विभाग में सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ एक आनलाइन बैठक की और कहा कि बर्ड फ्लू देश के लिए नया नहीं है बल्कि यह 2006 से हर साल सामने आ रहा है। लोगों के बीच एवियन इन्फ्लूएंजा के बारे में गलत सूचना को दूर करने के प्रयास चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा देश इस बीमारी को प्रभावी रूप से नियंत्रित करता आ रहा है। यह दोहराया गया कि वायरस 70 डिग्री सेंटीग्रेड पर आसानी से नष्ट हो जाता है और इसलिए, अच्छी तरह से पकाया हुआ पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पाद मानव उपयोग के लिए सुरक्षित है। इसमें कहा गया, ‘तदनुसार राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे संबंधित अधिकारियों को प्रतिबंध न लगाने का निर्देश दें और एवियन इन्फ्लूएंजा से मुक्त क्षेत्रों या राज्यों से पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पादों को बेचने की अनुमति दें।’
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