Antarctica में दिखी बर्फ की चादर से ढकी अजीब सी आकृति, वैज्ञानिक भी हुए परेशान

नई दिल्ली: अंटार्कटिका (Antarctica) की बर्फ की चादर हमेशा से चर्चा में रही है, कभी ग्लेशियर (Glacier) के कारण तो कभी किसी और वजह से. एक बार फिर अंटार्कटिका की बर्फ की चादर (Ice Sheet) सुर्खियों में है. दरअसल, हजारों किलोमीटर वर्गमील इलाके में बर्फ की चादर फैली हुई है, जहां पर अजीब सी आकृति दिखाई दे रही है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के वैज्ञानिक भी इस दांतेदार संरचना की जांच में लगे हुए हैं. इस आकृति को लेकर दावा किया जा रहा है कि बर्फ पर यह आकृति किसी वस्तु के तेजी से नीचे उतरने और मीलों तक घिसटने के कारण बनी है. लेकिन वैज्ञानिकों (Scientists) को यह कुछ और ही लग रहा है.
जांच में जुटे नासा के वैज्ञानिक
रिपोर्ट के मुताबिक, यह तस्वीर देखने में किसी वस्तु के टकराने से बनी हुई लग रही है. एविएशन जर्नलिस्ट (Aviation Journalist) जो पप्पालार्डो ने बताया, हो सकता है कि वहां कोई चीज तेजी से उतरी हो, जिससे बर्फ में ऐसी संरचनाएं बन गई हों. इसके अलावा न्यूजीलैंड (New Zealand) के यात्री विमान के 1979 में बर्फीले तूफान में दुर्घटनाग्रस्त होने वाली घटना का भी हवाला दिया है.
इस दुर्घटना को माउंट एरेबस डिजास्टर (Mount Erebus Disaster) के नाम से भी जाना जाता है.
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हर तरफ नजर आ रही है बर्फ
नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, मैकमुर्डो साउंड के जमे हुए समुद्र में दांतेदार बर्फ की सात मील लंबी दीवार दिखाई देती है. उन्होंने बताया कि यह एक दुर्लभ प्रकार का ग्लेशियर (Glacier) है, जो जमे हुए समुद्रों में माउंट एरेबस (Mount Erebus) से बहने वाली लाखों टन बर्फ से मिलकर बना है. भूवैज्ञानिक डॉ एलन लेस्टर ने बताया है कि व्हाइटआउट के दौरान हर तरफ सिर्फ सफेद रंग ही दिखाई देगा.
नीचे सफेद ग्लेशियर (White Glacier) और ऊपर सफेद बादल के कारण यह घटना होती है. इस दौरान ऊपर या नीचे क्या है, यह पता नहीं चल पाता है. इस दुर्घटना में 237 यात्रियों के साथ प्लेन के 20 क्रू मेंबर्स की मौत हो गई थी.
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अंटार्कटिका के रहस्यों का पता लगाने की कोशिश
आपकी जानकारी के लिए बता दें, अंटार्कटिका (Antarctica) में हर साल करीब 1,000 से अधिक शोधकर्ता पहुंचते हैं. वे यहां के छिपे रहस्य को जानने और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) का पता लगाने की कोशिश करते हैं. अंटार्कटिका के कुछ क्षेत्रों में तापमान (Antarctica Temperature) माइनस 90 डिग्री तक पहुंच जाता है.
कठोर भौगोलिक परिस्थितियों के कारण अंटार्कटिका (Antarctica) के कई क्षेत्रों की निगरानी केवल सैटेलाइट्स (Satellites) के जरिए ही की जाती है.