Allahabad University : इलाहाबाद विवि ने कई विभागों ने कोर्स में की कटौती

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के कई विभागों ने अपने पाठ्यक्रम में अधिकतम 30 फीसदी तक की कटौती कर दी है। दरअसल, कोविड के कारण सत्र काफी पीछे चल रहा है और आगामी परीक्षाएं समय से करानी हैं। ऐसे में पाठ्यक्रम निर्धारित समय में पूरा करा पाना कई विभागों के मुश्किल होगा, खासतौर पर उन विभागों के लिए चुनौती बड़ी है, जहां शिक्षकों की संख्या काफी कम और पाठ्यक्रम अधिक है। डीन की ओर सेऌ सभी विभागाध्यक्षों को पत्र जारी कर कहा गया है कि संशोधित पाठ्यक्रम के बारे में डीन ऑफिस को भी सूचना दी जाए, ताकि छात्र-छात्राओं की सहूलियत के लिए इसे विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कराया जा सके।
इविवि में विषम सेमेस्टर की परीक्षाएं मार्च में प्रस्तावित हैं, जबकि स्नातक की वार्षिक परीक्षाएं मई में कराए जाने की तैयारी चल रही है। हालांकि इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। लेकिन, इविवि प्रशासन की प्राथमिकता है कि परीक्षाओं का आयोजन समय से करा लिया जाए। विश्वविद्यालय में परास्नातक प्रवेश की प्रक्रिया अभी चल रही है, जबकि स्नातक प्रवेश की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। स्नातक के अधिकतर पाठ्यक्रमों की दाखिले की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। विश्वविद्यालय में कक्षाओं का संचालन ऑनलाइन किया जा रहा है। लेकिन, परीक्षाएं किस प्रारूप में होंगी, यह अभी तय नहीं है। इसके लिए यूजीसी से दिशा-निर्देश मिलने का इंतजार किया जा रहा है।
इविवि में काफी समय से शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है। कई विभागों में शिक्षकों की संख्या काफी कम है और उनके लिए समय से पाठ्यक्रम को पूरा करा पाना मुश्किल होगा। ऐसे में विभागों के पास एक ही रास्ता है कि पाठ्यक्रम में कटौती की जाए। भूगोल, हिंदी,ख्अंग्रेजी, रक्षा अध्ययन, भौतिक विज्ञान समेत कई विभागों ने अपने पाठ्यक्रम में कुछ न कुछ कटौती की है। वहीं, डीन ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र जारी कर इस बारे में तत्काल सूचना उपलब्ध कराने को कहा है।
संशोधित कोर्स विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा। इविवि की पीआरओ डॉ. जया कपूर का कहना है कि सत्र को पटरी पर लाने के लिए कुछ विभागों ने आवश्यकता के अनुसार पाठ्यकम थोड़ा कम किया है। खासतौर पर उन विभागों ने पाठ्यक्रम घटाया है, जहां शिक्षकों की संख्या काफी कम है या विभागों को लगता है कि थोड़ी बहुत कटौती के बाद पाठ्यक्रम समय से पूरा करा लिया जाएगा। कई विभाग ऐसे हैं, जिन्होंने पाठ्यक्रम में कटौती नहीं की है।
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