26/11: केवल एक लाठी के सहारे तुकाराम ओंबले ने कसाब को ऐसे जिंदा पकड़ा था

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Thu, 26 Nov 2020 06:51 PM IST
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इन आतंकवादियों में सबसे खूंखार आतंकवादी अजमल कसाब था, जिसने रक्तपात का ऐसा खूनी खेल खेला जिससे पूरी दुनिया सन्न रह गई थी। कसाब उन आतंकी हमले में अकेला ऐसा पाकिस्तानी आतंकी था जिसे जिंदा पकड़ा गया था।
आतंकी कसाब को जिंदा पकड़ने के लिए काफी कोशिशें की गई थी लेकिन बार-बार वह चकमा दे रहा था। आखिर में मुंबई पुलिस में बतौर सहायक इंस्पेक्टर तैनात रहे तुकाराम ओंबले ने सिर्फ एक लाठी के सहारे उसे पकड़ लिया।
मुंबई की डीबी मार्ग पुलिस को करीब 10 बजे सूचना मिली की दो आतंकी जिनके पास भारी हथियार हैं, उन्होंने सीएसटी में यात्रियों को भूना डाला है और सड़क पर एक गाड़ी की मदद से आतंक मचा रहा है।
सूचना मिलते ही 15 पुलिसवालों को डीबी मार्ग से चौपाटी की ओर मरीन ड्राइव पर बैरीकेडिंग करने के लिए भेजा गया। वहीं पुलिस को देखते ही आतंकी अपनी गाड़ी को बैरीकेडिंग से 40 से 50 फीट पहले ही रोक दी और यू-टर्न ले लिया, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी होने के कारण आतंकी भाग नहीं सके और चारो तरफ से घिर गए।
इस दौरान पुलिस सभी आतंकी को जिंदा पकड़ना चाहते थे लेकिन आतंकियों ने फायरिंग कर दी और पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की जिसमें एक आतंकी मारा गया और कसाब ने मरने का नाटक शुरू कर दिया।
ओंबले ने कुछ इस तरह से पकड़ा कसाब को
पुलिस की ओर से हुई फायरिंग में एक आतंकी मारा गया और कसाब नाटक करने लगा कि वह मर गया है। उस समय तुकाराम ओंबले के पास सिर्फ एक लाठी थी और कसाब के पास एक एके-47 थी। ओंबले ने कसाब की बंदूक की बैरल पकड़ ली थी।
उसी समय कसाब ने ट्रिगर दबा दिया और गोलियां ओंबले के पेट और आंत में लगीं। ओंबले वहीं गिर गए लेकिन उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक बैरल को थामे रखा था ताकि कसाब और गोलियां न चला पाए।
ओंबले की बहादुरी को देश ने किया सलाम
ओंबले ने जिस तरह खूंखार आतंकी को जिंदा पकड़ने में मदद की, उनकी बहादुरी को देखते हुए भारत सरकार की ओर से ओंबले को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।
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