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एक्सिस बैंक में शुआट्स के खातों से 23 करोड़ के गबन मामले में पूर्व बैंक कर्मचारी भी ईडी के रडार पर हैं। यह वह कर्मचारी हैं जो मुख्य आरोपी पूर्व बैंक अफसर कमाल एहसान के न सिर्फ बेहद करीबी रहे, बल्कि उससे किसी न किसी तरह फायदा भी उठाया। फिलहाल तफ्तीश चल रही है। यह भी आशंका है कि गबन की रकम का कुछ हिस्सा इन कर्मचारियों तक भी पहुंचा हो।
बता दें कि इस मामले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर ईडी की टीम भी जांच में जुटी है। कुछ दिनों पहले ही मुख्य आरोपी कमाल एहसान के साथ ही उसके भाई जमाल अशरफ, ड्राइवर सैयद यावर हुसैन और शुआट्स के पूर्व एकाउंटेंट राजेश कुमार के खिलाफ ईडी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।
सूत्रों के मुताबिक, जांच पड़ताल में सामने आए तथ्यों के आधार पर एक्सिस बैंक के कुछ पूर्व कर्मचारी भी ईडी के रडार पर हैं। दरअसल यह वह कर्मचारी हैं जो न सिर्फ कमाल के बेहद भरोसेमंद रहे बल्कि उनसे किसी न किसी तरह फायदा भी पाया। फिलहाल यह जानकारी जुटाई जा रही है कि गबन की रकम का हिस्सा इन्हें मिला या नहीं। ऐसा हुआ तो मामले में उनका भी नाम प्रकाश में लाकर आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा।
ड्राइवर के नाम खरीदा था 15 लाख का म्यूचुअल फंड
सूत्रों के मुताबिक, मनी लांड्रिंग के केस मेें चल रही जांच पड़ताल में चौंकाने वाली बात सामने आई। जिसके बाद ही ईडी अफसरों ने कमाल के ड्राइवर सैयद यावर के भी खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया। अफसरों को जानकारी मिली कि कमाल ने गबन के रुपयों से ही अपने ड्राइवर के नाम 15 लाख का म्यूचुअल फंड भी खरीदा था।
महज चेक नंबर पर करोड़ों का भुगतान
मामले का खुलासा 2017 में होने के बाद हड़कंप मच गया था। एक्सिस बैंक की सिविल लाइंस शाखा के तत्कालीन बैंक मैनेजर योगेश ने शुआट्स के खाते से जालसाजी कर 22.37 करोड़ रुपये निकाले जाने का आरोप लगाते हुए बैंक के पूर्व अफसर कमाल एहसान व शुआट्स के एकाउंटेंट राजेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि रुपये बिना चेक के महज चेक नंबर के आधार पर निकाल लिए गए थे। कार्रवाई में सिविल लाइंस पुलिस की हीलाहवाली पर मामले की शिकायत पर हाईकोर्ट ने एसआईटी गठित की। जिसने गिरफ्तारी के साथ ही कई आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी। बाद में ईडी की ओर से मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई।
एक्सिस बैंक में शुआट्स के खातों से 23 करोड़ के गबन मामले में पूर्व बैंक कर्मचारी भी ईडी के रडार पर हैं। यह वह कर्मचारी हैं जो मुख्य आरोपी पूर्व बैंक अफसर कमाल एहसान के न सिर्फ बेहद करीबी रहे, बल्कि उससे किसी न किसी तरह फायदा भी उठाया। फिलहाल तफ्तीश चल रही है। यह भी आशंका है कि गबन की रकम का कुछ हिस्सा इन कर्मचारियों तक भी पहुंचा हो।
बता दें कि इस मामले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर ईडी की टीम भी जांच में जुटी है। कुछ दिनों पहले ही मुख्य आरोपी कमाल एहसान के साथ ही उसके भाई जमाल अशरफ, ड्राइवर सैयद यावर हुसैन और शुआट्स के पूर्व एकाउंटेंट राजेश कुमार के खिलाफ ईडी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।
सूत्रों के मुताबिक, जांच पड़ताल में सामने आए तथ्यों के आधार पर एक्सिस बैंक के कुछ पूर्व कर्मचारी भी ईडी के रडार पर हैं। दरअसल यह वह कर्मचारी हैं जो न सिर्फ कमाल के बेहद भरोसेमंद रहे बल्कि उनसे किसी न किसी तरह फायदा भी पाया। फिलहाल यह जानकारी जुटाई जा रही है कि गबन की रकम का हिस्सा इन्हें मिला या नहीं। ऐसा हुआ तो मामले में उनका भी नाम प्रकाश में लाकर आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा।
ड्राइवर के नाम खरीदा था 15 लाख का म्यूचुअल फंड
सूत्रों के मुताबिक, मनी लांड्रिंग के केस मेें चल रही जांच पड़ताल में चौंकाने वाली बात सामने आई। जिसके बाद ही ईडी अफसरों ने कमाल के ड्राइवर सैयद यावर के भी खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में प्रेषित किया। अफसरों को जानकारी मिली कि कमाल ने गबन के रुपयों से ही अपने ड्राइवर के नाम 15 लाख का म्यूचुअल फंड भी खरीदा था।
महज चेक नंबर पर करोड़ों का भुगतान
मामले का खुलासा 2017 में होने के बाद हड़कंप मच गया था। एक्सिस बैंक की सिविल लाइंस शाखा के तत्कालीन बैंक मैनेजर योगेश ने शुआट्स के खाते से जालसाजी कर 22.37 करोड़ रुपये निकाले जाने का आरोप लगाते हुए बैंक के पूर्व अफसर कमाल एहसान व शुआट्स के एकाउंटेंट राजेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप था कि रुपये बिना चेक के महज चेक नंबर के आधार पर निकाल लिए गए थे। कार्रवाई में सिविल लाइंस पुलिस की हीलाहवाली पर मामले की शिकायत पर हाईकोर्ट ने एसआईटी गठित की। जिसने गिरफ्तारी के साथ ही कई आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी। बाद में ईडी की ओर से मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई।
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