न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Updated Thu, 07 Jan 2021 01:27 AM IST
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हरियाणा में जल्द ही 544 सेवाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के तहत दिया जाएगा। परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) पर सत्यापित डाटा सरकारी सेवाओं का लाभ देने का आधार बनेगा। अभी तक 114 सरल सेवाओं को पीपीपी से जोड़ा जा चुका है। मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल को भी 11 जनवरी से पीपीपी से जोड़ दिया जाएगा।
यह जानकारी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दी। वे बुधवार को पीपीपी को लेकर हरियाणा निवास पर प्रदेश के अतिरिक्त उपायुक्तों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि सरकारी वित्तपोषित योजनाओं में भ्रष्टाचार को खत्म करने का काम भी पीपीपी के माध्यम से होगा। इसलिए परिवार पहचान पत्र के लिए चल रही प्रक्रिया को ईमानदारी के साथ पूर्ण किया जाना अति आवश्यक है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है, जहां पर हर व्यक्ति के विकास के लिए परिवार पहचान पत्र योजना पर काम किया जा रहा है।
इस योजना के अंतर्गत स्वयं को 50 हजार रुपये से कम की सालाना आमदनी वाला बताने वाले 12 लाख परिवारों की आय संबंधी दावे की जांच 31 जनवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। इस जांच के लिए लोकल कमेटियां गठित की जाएंगी। इन कमेटियों का गठन 11 से 13 जनवरी के बीच करने के निर्देश भी दिए।
इन कमेटियों में एक सरकारी अधिकारी ग्रुप बी या सी रैंक का होगा। इनके साथ कमेटी में एक ऑपरेटर, एक कॉलेज विद्यार्थी, एक सामाजिक कार्यकर्ता (इन्हें उपायुक्त नामित करेगा) और एक वॉलंटियर शामिल होगा। यह कमेटी 250 से 300 घरों में जाकर जांच करेगी। प्रत्येक 15 कमेटियों पर एक अधिकारी लगाया जाएगा, जो नागरिक संसाधन एवं सूचना विभाग (सीआरआईडी) की डेपुटेशन पर अतिरिक्त उपायुक्त के नेतृत्व में कार्य करेगा।
जाति विवरण की भी होगी जांच
आय संबंधी दावे की जांच के साथ ही पीपीपी में दर्ज किए गए जाति विवरण की जांच भी की जाएगी। यह जांच पटवारी करेगा और पीपीपी में डाटा वेरिफाई करेगा। यह डाटा अपडेट होने के बाद जाति प्रमाण पत्र के लिए कहीं भी चक्कर लगाने नहीं पड़ेंगे। हर जिले का अतिरिक्त उपायुक्त इस सारे कार्य की निगरानी करेगा।
हरियाणा में जल्द ही 544 सेवाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के तहत दिया जाएगा। परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) पर सत्यापित डाटा सरकारी सेवाओं का लाभ देने का आधार बनेगा। अभी तक 114 सरल सेवाओं को पीपीपी से जोड़ा जा चुका है। मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल को भी 11 जनवरी से पीपीपी से जोड़ दिया जाएगा।
यह जानकारी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दी। वे बुधवार को पीपीपी को लेकर हरियाणा निवास पर प्रदेश के अतिरिक्त उपायुक्तों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने कहा कि सरकारी वित्तपोषित योजनाओं में भ्रष्टाचार को खत्म करने का काम भी पीपीपी के माध्यम से होगा। इसलिए परिवार पहचान पत्र के लिए चल रही प्रक्रिया को ईमानदारी के साथ पूर्ण किया जाना अति आवश्यक है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है, जहां पर हर व्यक्ति के विकास के लिए परिवार पहचान पत्र योजना पर काम किया जा रहा है।
आय से संबंधित दावों की जांच 31 जनवरी तक होगी
इस योजना के अंतर्गत स्वयं को 50 हजार रुपये से कम की सालाना आमदनी वाला बताने वाले 12 लाख परिवारों की आय संबंधी दावे की जांच 31 जनवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। इस जांच के लिए लोकल कमेटियां गठित की जाएंगी। इन कमेटियों का गठन 11 से 13 जनवरी के बीच करने के निर्देश भी दिए।
इन कमेटियों में एक सरकारी अधिकारी ग्रुप बी या सी रैंक का होगा। इनके साथ कमेटी में एक ऑपरेटर, एक कॉलेज विद्यार्थी, एक सामाजिक कार्यकर्ता (इन्हें उपायुक्त नामित करेगा) और एक वॉलंटियर शामिल होगा। यह कमेटी 250 से 300 घरों में जाकर जांच करेगी। प्रत्येक 15 कमेटियों पर एक अधिकारी लगाया जाएगा, जो नागरिक संसाधन एवं सूचना विभाग (सीआरआईडी) की डेपुटेशन पर अतिरिक्त उपायुक्त के नेतृत्व में कार्य करेगा।
जाति विवरण की भी होगी जांच
आय संबंधी दावे की जांच के साथ ही पीपीपी में दर्ज किए गए जाति विवरण की जांच भी की जाएगी। यह जांच पटवारी करेगा और पीपीपी में डाटा वेरिफाई करेगा। यह डाटा अपडेट होने के बाद जाति प्रमाण पत्र के लिए कहीं भी चक्कर लगाने नहीं पड़ेंगे। हर जिले का अतिरिक्त उपायुक्त इस सारे कार्य की निगरानी करेगा।
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