हरियाणा : बहुचर्चित महम कांड में इनेलो नेता अभय चौटाला को राहत, पुनर्विचार याचिका खारिज

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एक समय हरियाणा की राजनीति में उथल-पुथल मचाने वाले बहुचर्चित महम कांड में सोमवार को रोहतक की अदालत ने फैसला सुना दिया। अदालत ने इस मामले में केस को दोबारा शुरू करने की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। इससे इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला और अन्य लोगों को बड़ी राहत मिली है। इस मामले में अब दोबारा केस शुरू नहीं होगा।
1990 में महम उपचुनाव के दौरान बेंसी गांव में बवाल हुआ था। इस मामले को लेकर खरक जाटान निवासी मृतक हरि सिंह के भाई रामफल ने सेशन कोर्ट में इनेलो नेता अभय चौटाला और पूर्व डीआईजी शमशेर सिंह समेत कई के ऊपर आरोप लगाया था।
2018 में सेशन कोर्ट में रिवीजन फाइल की गई थी। जिस पर आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए रिवीजन को खारिज कर दिया है। इससे पहले शुक्रवार को एडीजे रितु वाईके बहल की अदालत में डेढ़ घंटा दोनों पक्षों में बहस चली। अदालत ने बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ये है मामला
जब ताऊ देवीलाल केंद्र में उप प्रधानमंत्री बने तो हरियाणा में उनकी जगह ओमप्रकाश चौटाला को मुख्यमंत्री बनाया गया। चौटाला ने फरवरी 1990 में महम उप चुनाव लड़ने के लिए पर्चा दाखिल किया। दूसरी तरफ कभी ताऊ देवीलाल के करीबी रहे आनंद सिंह दांगी ने भी नामांकन दाखिल किया। उप चुनाव के दौरान हिंसा हुई। इसमें खरक गांव निवासी हरिसिंह की मौत हो गई। पुलिस ने मामले में एफआईआर तो दर्ज कर ली, लेकिन आज तक मामला अनट्रेस है।
2015 में सब इंस्पेक्टर के पद से रिटायर होने के बाद हरिसिंह के भाई रामफल ने सबसे पहले रोहतक एससी को नवंबर 2016 में शिकायत देकर मामले की जांच की मांग की। जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो रामफल ने महम अदालत में मार्च 2017 में याचिका दायर कर अभय चौटाला सहित सात लोगों के खिलाफ केस चलाने की मांग की। महम अदालत ने याचिका को जून 2018 में खारिज कर दिया।