अमर उजाला, रोहतक (हरियाणा)।
Updated Wed, 30 Dec 2020 12:28 PM IST
मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी वरुण श्रीधर।
– फोटो : फाइल फोटो
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हरियाणा के मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी वरुण श्रीधर ने दिल्ली बाईपास स्थित सर्किट हाउस के कमरा नंबर 19 में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वरुण श्रीधर रोहतक में अतिरिक्त जिला उपायुक्त कार्यालय में तैनात थे। पुलिस ने मौके से एक वाइट बोर्ड भी बरामद किया है, जिस पर लिखा है कि मैं काफी तनाव में हूं और अपनी मौत के लिए खुद जिम्मेदार हूं।
मामले की सूचना मिलते ही उपायुक्त समेत अन्य पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। मूलरूप से दिल्ली के हरीनगर निवासी 25 वर्षीय वरुण श्रीधर अतिरिक्त जिला उपायुक्त कार्यालय में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी के पद पर कार्यरत थे। करीब चार माह पहले ही यहां पर उनकी तैनाती हुई थी। फिलहाल वह सर्किट हाउस में ठहरे हुए थे।
सुबह के समय काफी देर तक भी कमरा नहीं खुला, जिस पर स्टाफ को कुछ शक हुआ। इसके बाद पता चला कि कमरे के अंदर वरुण श्रीधर ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर रखी है। इसके बाद डीएसपी विनोद कुमार और पीजीआई थाना पुलिस मौके पर पहुंची। एफएसएल इंचार्ज डा. सरोज दहिया मलिक को भी मौके पर बुलाया गया। पता चलने पर उनके माता-पिता भी दिल्ली से आ गए।
उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने भी मौके पर पहुंचकर उनके माता-पिता से बातचीत कर उन्हें सांत्वना दी। स्वजनों ने बताया कि मंगलवार शाम उन्होंने वरुण श्रीधर को फोन किया था, लेकिन उसने फोन नहीं रिसीव किया। परिजनों के अनुसार, पढ़ाई पूरी करने के बाद वह तनाव में रहता था। अक्सर कहता रहता था कि मैं आगे नहीं बढ़ पा रहा हूं। माना जा रहा है कि इसी मानसिक तनाव के कारण ही यह कदम उठाया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी को एक वर्ष के लिए नियुक्त किया जाता है जो सरकार के विभिन्न प्रोजेक्ट को लेकर काम करते हैं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी वरुण श्रीधर ने दिल्ली बाईपास स्थित सर्किट हाउस के कमरा नंबर 19 में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वरुण श्रीधर रोहतक में अतिरिक्त जिला उपायुक्त कार्यालय में तैनात थे। पुलिस ने मौके से एक वाइट बोर्ड भी बरामद किया है, जिस पर लिखा है कि मैं काफी तनाव में हूं और अपनी मौत के लिए खुद जिम्मेदार हूं।
मामले की सूचना मिलते ही उपायुक्त समेत अन्य पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। मूलरूप से दिल्ली के हरीनगर निवासी 25 वर्षीय वरुण श्रीधर अतिरिक्त जिला उपायुक्त कार्यालय में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी के पद पर कार्यरत थे। करीब चार माह पहले ही यहां पर उनकी तैनाती हुई थी। फिलहाल वह सर्किट हाउस में ठहरे हुए थे।
सुबह के समय काफी देर तक भी कमरा नहीं खुला, जिस पर स्टाफ को कुछ शक हुआ। इसके बाद पता चला कि कमरे के अंदर वरुण श्रीधर ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर रखी है। इसके बाद डीएसपी विनोद कुमार और पीजीआई थाना पुलिस मौके पर पहुंची। एफएसएल इंचार्ज डा. सरोज दहिया मलिक को भी मौके पर बुलाया गया। पता चलने पर उनके माता-पिता भी दिल्ली से आ गए।
उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने भी मौके पर पहुंचकर उनके माता-पिता से बातचीत कर उन्हें सांत्वना दी। स्वजनों ने बताया कि मंगलवार शाम उन्होंने वरुण श्रीधर को फोन किया था, लेकिन उसने फोन नहीं रिसीव किया। परिजनों के अनुसार, पढ़ाई पूरी करने के बाद वह तनाव में रहता था। अक्सर कहता रहता था कि मैं आगे नहीं बढ़ पा रहा हूं। माना जा रहा है कि इसी मानसिक तनाव के कारण ही यह कदम उठाया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी को एक वर्ष के लिए नियुक्त किया जाता है जो सरकार के विभिन्न प्रोजेक्ट को लेकर काम करते हैं।
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