सरकार ने दोहराया, हम कानून वापसी छोड़ हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार, किसान ही अड़े

कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से 19 जनवरी को अपनी जिद छोड़कर तीनों कानूनों पर बिंदुवार चर्चा करने के लिए आने को कहा। वहीं किसानों ने दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने का एलान किया है।
तोमर ने कहा, अब जब सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों पर रोक लगा दी है तो किसानों के जिद्दी रवैये का सवाल ही नहीं उठता। दिखाने की जरूरत नहीं है। सरकार पूरी गंभीरता के साथ खुले दिल से किसानों की बात सुनने को तैयार है और किसानों को भी नरमी दिखानी होगी।
उन्होंने कहा, सरकार ने कई प्रस्ताव दिए लेकिन किसान कानून वापसी पर अड़े हैं। उनकी तरफ से कोई नरमी नहीं दिखाई जा रही है। सरकार पूरे देश के लिए कानून बनाती है। कई किसान और विशेषज्ञों ने इन कानूनों का समर्थन भी किया है।
सुप्रीम कोर्ट की समिति कल करेगी पहली बैठक
किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए गठित सुप्रीम कोर्ट की समिति मंगलवार को पूसा प्रांगण में पहली बैठक कर सुलह कराने की रणनीति तय करेगी।
इसमें तीनों सदस्य शामिल होंगे। समिति के सदस्य अनिल घनवत ने बताया कि समिति के पास मामले का विवरण आ गया है और 21 जनवरी से काम शुरू किया जाएगा।
इस बीच सरकार की किसान संगठनों के साथ हो रही बातचीत पर घनवत ने कहा, हमें इससे फर्क नहीं पड़ता, अगर उस तरह से समाधान निकल आता है तो उसमें कुछ गलत नहीं है। मसला हल होना चाहिए फिर चाहें वह सरकार के प्रयास से हो या समिति के।
सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया था, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को समिति से अलग करने के बाद तीन ही सदस्य बचे हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट सोमवार को किसान आंदोलन के मामले में सुनवाई के दौरान समिति से सदस्यों हटने के मुद्दे पर भी संज्ञान ले सकता है।
ट्रैकटर रैली निकालने की आपत्तियों पर शीर्ष कोर्ट आज करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को किसान आंदोलन के मुद्दे पर सनवाई करेगा। इस दौरान गणतंत्र दिवस के चलते किसान संगठनों की ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की दिल्ली पुलिस की अपील पर सुनवाई होगी।
गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली पुलिस की ओर से याचिका दाखिल की है। इस दौरान शीर्ष कोर्ट की समिति से सदस्यों के हटने और समिति के पुनर्गठन के मुद्दे पर भी संज्ञान लिया जा सकता है। दरअसल किसान संगठनों की दलील है कि समिति में सरकार के समर्थक शामिल हैं और इसे पुनर्गठित किया जाए।
समिति के पुनर्गठन की मांग से ऑल इंडिया किसान सभा ने बनाई दूरी
ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हनान मोल्ला ने रविवार को कहा कि उनका संगठन सुप्रीम कोर्ट की समिति के पुनर्गठन की मांग से इत्तेफाक नहीं रखता।
उन्होंने कहा, यह हमारा मत कतई नहीं है और हमने कोर्ट को इस तरह का कोई सुझाव नहीं देते। मोल्ला ने कहा ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति ने भी कभी इस तरह का निर्णय नहीं किया। दरअसल भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर कहा था कि समिति के सदस्य सरकार समर्थक हैं इसलिए समिति में बदलाव किया जाए।
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