लुजैन अल हथलौल (फाइल फोटो)
– फोटो : Twitter
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सऊदी अरब की महिला अधिकार कार्यकर्ताओं में से एक लुजैन अल हथलौल को बुधवार को करीब तीन साल बाद जेल से रिहा कर दिया गया। उनके परिवार ने यह जानकारी दी। 31 साल की लुजैन ने सऊदी अरब में महिलाओं के ड्राइविंग पर लगी रोक हटाने पर बल दिया था और उन्हें आतंकवाद निरोधक कानून के तहत पिछले साल दिसंबर में लगभग छह साल कैद की सजा सुनाई गई थी।
लुजैन 1001 दिन जेल में रहीं जिनमें उन्हें सुनवाई पूर्व हिरासत में अधिक रहना पड़ा। उन पर बदलाव के लिए आंदोलन करने और विदेशी एजेंडे को आगे बढ़ाने जैसे आरोप लगाए गए। वहीं मानवाधिकार संगठनों से इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया। उनकी बहन लीना हल हथलौल ने ट्वीट किया, ‘लुजैन घर में हैं।’
उन्होंने अपने परिवार को बताया कि जेल में उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनके साथ यौन दुर्व्यवहार हुआ। रियाद ने लगातार इन आरोपों से इनकार किया है। उन्हें हिरासत में लिए जाने की संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक मानवाधिकार समूहों ने निंदा की थी। हथलौल के परिवार द्वारा जारी बयान के अनुसार, बीते दिसंबर महीने में रियाद की विशेष आपराधिक न्यायालय ने उन्हें पांच साल आठ महीने जेल की सजा सुनाई थी। इसमें दो साल और 10 महीने का निलंबन शामिल है।
परिवार के बयान के अनुसार, रिहाई के बावजूद हथलौल तीन साल के लिए परिवीक्षा (प्रोबेशन) पर रहेंगी। इस दौरान उन्हें किसी भी अवैध गतिविधि के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है। उकी यात्रा पर पांच साल का प्रतिबंध लगा हुआ है। उनकी रिहाई ऐसे समय पर हुई है जब एक हफ्ते से भी कम समय पहले व्हाइट हाउस ने किंगडम से राजनीतिक बंदियों जिसमें महिला अधिकार कार्यकर्ता भी शामिल हैं, उनकी रिहाई के लिए कहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने सऊदी अरब पर अपने अधिकारों के रिकॉर्ड में सुधार करने का दबाव डालने का संकल्प लिया था।
सऊदी अरब की महिला अधिकार कार्यकर्ताओं में से एक लुजैन अल हथलौल को बुधवार को करीब तीन साल बाद जेल से रिहा कर दिया गया। उनके परिवार ने यह जानकारी दी। 31 साल की लुजैन ने सऊदी अरब में महिलाओं के ड्राइविंग पर लगी रोक हटाने पर बल दिया था और उन्हें आतंकवाद निरोधक कानून के तहत पिछले साल दिसंबर में लगभग छह साल कैद की सजा सुनाई गई थी।
लुजैन 1001 दिन जेल में रहीं जिनमें उन्हें सुनवाई पूर्व हिरासत में अधिक रहना पड़ा। उन पर बदलाव के लिए आंदोलन करने और विदेशी एजेंडे को आगे बढ़ाने जैसे आरोप लगाए गए। वहीं मानवाधिकार संगठनों से इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया। उनकी बहन लीना हल हथलौल ने ट्वीट किया, ‘लुजैन घर में हैं।’
उन्होंने अपने परिवार को बताया कि जेल में उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनके साथ यौन दुर्व्यवहार हुआ। रियाद ने लगातार इन आरोपों से इनकार किया है। उन्हें हिरासत में लिए जाने की संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक मानवाधिकार समूहों ने निंदा की थी। हथलौल के परिवार द्वारा जारी बयान के अनुसार, बीते दिसंबर महीने में रियाद की विशेष आपराधिक न्यायालय ने उन्हें पांच साल आठ महीने जेल की सजा सुनाई थी। इसमें दो साल और 10 महीने का निलंबन शामिल है।
परिवार के बयान के अनुसार, रिहाई के बावजूद हथलौल तीन साल के लिए परिवीक्षा (प्रोबेशन) पर रहेंगी। इस दौरान उन्हें किसी भी अवैध गतिविधि के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है। उकी यात्रा पर पांच साल का प्रतिबंध लगा हुआ है। उनकी रिहाई ऐसे समय पर हुई है जब एक हफ्ते से भी कम समय पहले व्हाइट हाउस ने किंगडम से राजनीतिक बंदियों जिसमें महिला अधिकार कार्यकर्ता भी शामिल हैं, उनकी रिहाई के लिए कहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने सऊदी अरब पर अपने अधिकारों के रिकॉर्ड में सुधार करने का दबाव डालने का संकल्प लिया था।
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