श्रीलंका में भी विरोध: कोलंबो बंदरगाह में अडाणी समूह के निवेश के पक्ष में नहीं श्रमिक संघ

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विभिन्न परियोजनाओं में निवेश को लेकर जहां अडाणी उद्योग समूह का भारत में विरोध होता है, वैसा ही श्रीलंका में भी हो रहा है। श्रीलंका बंदरगाह श्रमिक संघ के प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि वे अभी भी कोलंबो बंदरगाह के ईस्टर्न कंटेनर टर्मिनल (ईटसी) में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के अडाणी समूह के प्रस्ताव के पक्ष में नहीं हैं।
यह टिप्पणी श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे द्वारा श्रमिक संघ से मुलाकात में विदेशी पूंजी की जरूरत समझाने के एक दिन बाद आई है। एक ट्रेड यूनियन नेता निरोशन गोराकनगे ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति के साथ बातचीत असफल रही। उन्होंने कहा, ‘‘ईटसी अंतिम सांसें ले रहा है। हमने सब खो दिया है। अब हमारा लक्ष्य है कि ईटसी का 100 प्रतिशत परिचालन श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण के पास बनाए रखना है।’’
राष्ट्रपति राजपक्षे ने बुधवार को राष्ट्रपति सचिवालय में 23 कोलंबो बंदरगाह ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सरकार ने समझौते पर फिर से बातचीत की है। इसके तहत ईटसी की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी श्रीलंका के पास रहेगी और इसके परिचालन का प्रबंधन श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण के पास रहेगा।
यूनियन नेता शामल सुमनरत्ने ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति ने अडाणी समूह के निवेश के पीछे की भू-राजनीतिक वजहें बताईं।
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