शिवसेना ने सामना में लिखा – पेट्रोल के ‘शतक’ पार करने के बावजूद अमिताभ और अक्षय चुप क्यों हैं?

उद्धव ठाकरे, अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन
– फोटो : Amar Ujala
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शिवसेना ने आगे लिखा कि इस मुद्दे पर जो बोलेगा, उसे देशद्रोही कहा जाएगा। यही नहीं, लेख में आगे लिखा गया कि 2014 से पहले अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन जैसे कई अभिनेताओं ने तेल की बढ़ती कीमतों पर अपनी राय रखी थी लेकिन अब पेट्रोल के 100 के पार होने के बाद भी ये सेलिब्रिटी चुप क्यों हैं?
यही नहीं, सामना में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा गया है। शिवसेना ने लिखा कि मोदी सरकार ने इंडियन ऑयल, ओएनजीसी, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसे सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने की योजना बनाई और अब तेल की कीमतों में वृद्धि का ठीकरा पहले की सरकार पर फोड़ रहे हैं।
सामना में लिखा गया कि अप्रैल 2014 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर्स प्रति बैरल थी लेकिन पेट्रोल की कीमत 71 रुपये और डीजल 58 रुपये प्रति लीटर मिलता था। लेकिन आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 62 डॉलर्स प्रति बैरल है लेकिन पेट्रोल शतक मार चुका है और डीजल की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर के पार है।
सामना में अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेताओं के चुप रहने पर भी सवाल किया गया है। बता दें कि 2014 से पहले पेट्रोल और डीजल के बढ़ते भाव पर सोशल मीडिया के जरिए ये बॉलीवुड हस्ती अपने विचार प्रकट करती थीं। शिवसेना ने कहा कि अब ये लोग इसलिए चुप हैं क्योंकि इन्हें चुप कराया गया है।
इसके अलावा सामना में लिखा गया कि पहले की सरकारों में विचार प्रकट करने और टिप्पणी करने की स्वतंत्रता थी। सामना में लिखा गया कि जहां किसान आंदोलन का समर्थन करने की आजादी नहीं है, वहां पेट्रोल-डीजल के खिलाफ सेलिब्रिटी अपनी आवाज उठाएंगे, इसकी उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए।
शिवसेना ने आगे लिखा कि इस मुद्दे पर जो बोलेगा, उसे देशद्रोही कहा जाएगा। यही नहीं, लेख में आगे लिखा गया कि 2014 से पहले अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन जैसे कई अभिनेताओं ने तेल की बढ़ती कीमतों पर अपनी राय रखी थी लेकिन अब पेट्रोल के 100 के पार होने के बाद भी ये सेलिब्रिटी चुप क्यों हैं?
यही नहीं, सामना में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा गया है। शिवसेना ने लिखा कि मोदी सरकार ने इंडियन ऑयल, ओएनजीसी, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसे सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने की योजना बनाई और अब तेल की कीमतों में वृद्धि का ठीकरा पहले की सरकार पर फोड़ रहे हैं।
सामना में लिखा गया कि अप्रैल 2014 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर्स प्रति बैरल थी लेकिन पेट्रोल की कीमत 71 रुपये और डीजल 58 रुपये प्रति लीटर मिलता था। लेकिन आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 62 डॉलर्स प्रति बैरल है लेकिन पेट्रोल शतक मार चुका है और डीजल की कीमत 90 रुपये प्रति लीटर के पार है।
सामना में अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेताओं के चुप रहने पर भी सवाल किया गया है। बता दें कि 2014 से पहले पेट्रोल और डीजल के बढ़ते भाव पर सोशल मीडिया के जरिए ये बॉलीवुड हस्ती अपने विचार प्रकट करती थीं। शिवसेना ने कहा कि अब ये लोग इसलिए चुप हैं क्योंकि इन्हें चुप कराया गया है।
इसके अलावा सामना में लिखा गया कि पहले की सरकारों में विचार प्रकट करने और टिप्पणी करने की स्वतंत्रता थी। सामना में लिखा गया कि जहां किसान आंदोलन का समर्थन करने की आजादी नहीं है, वहां पेट्रोल-डीजल के खिलाफ सेलिब्रिटी अपनी आवाज उठाएंगे, इसकी उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए।