व्हाट्सएप हो या कोई दूसरा डिजिटल प्लेटफार्म, डिजिटल संप्रभुता से नहीं करेंगे समझौता: प्रसाद

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संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री प्रसाद ने मंगलवार को 15वें भारत डिजिटल शिखर सम्मेलन में कहा, व्हाट्सएप के मुद्दे पर उनका मंत्रालय काम कर रहा है और इस पर निर्णायक प्राधिकारी होने के नाते फिलहाल टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। लेकिन एक बात स्पष्ट तौर पर कहना चाहूंगा कि चाहे कोई भी डिजिटल प्लेटफार्म हो, भारतीय नागरिकों की निजता से समझौता नहीं किया जा सकता।
भारत में उत्पादों को पेश करने में चीनी कंपनियों की भागीदारी के सवाल पर प्रसाद ने कहा, सामान्य नीतिगत पहल का जिक्र करने के अलावा किसी देश का नाम लेना उचित नहीं होगा। हां हमने कुछ चीनी एप पर प्रतिबंध लगाया है क्योंकि यह डाटा गोपनीयता से जुड़ा मुद्दा था। यह मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़ा मुद्दा था। हर कंपनी को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिये से भी विचार किया जाएगा, चाहे वह निजी हो या सरकारी।
डाटा एकत्र करने के लिए सहमति जरूरी
प्रसाद ने कहा, डाटा को सहमति से हासिल करना चाहिए। इसका इस्तेमाल उसी काम के लिए करना चाहिए, जिसके लिए इसे एकत्र किया गया है। मैं चाहता हूं कि भविष्य में भारत डाटा अर्थव्यवस्था का बड़ा केंद्र बन जाए। जब मैं डाटा अर्थव्यवस्था की बात करता हूं तो मेरा मतलब डाटा प्रोसेसिंग और इनोवेशन से है। भारत में डाटा रिफाइनरी बनने की बहुत बड़ी संभावना है। दुनिया हमारे डाटा कानून की ओर देख रही है, जिसे हम बहुत जल्द लाने जा रहे हैं।
विधेयक के कानून बनने से सुरक्षित होगा डाटा
डाटा संरक्षण विधेयक डाटा प्रोसेसिंग की ‘निश्चित सीमा’ तय करता है। इसका मतलब है कि कंपनियां केवल उन्हीं उद्देश्य के लिए यूजर के डाटा का इस्तेमाल कर पाएंगी, जिसके लिए यूजर ने सहमति दी है। अगर यह विधेयक कानून बनता है तो फेसबुक और व्हाट्सएप जैसी कंपनियों के लिए भारतीय यूजर्स के डाटा का इस्तेमाल करना मुश्किल हो जाएगा। फिलहाल यह विधेयक संयुक्त प्रवर समिति के समक्ष चर्चा के शुरुआती चरण में हैं।