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‘अपराध से कैसे मुक्त हो समाज’ विषय पर निबंध लिखकर दहेज हत्या के आरोपी वाराणसी जिला जेल के बैरक नंबर आठ के बंदी त्रिपुरेश्वर कुमार त्रिपाठी ने कारागार में आयोजित प्रतियोगिता में पहला स्थान पाया। इस निबंध लेखन प्रतियोगिता में दहेज हत्या के मामले में ही निरुद्ध बंदी प्रवीण पटेल दूसरे स्थान पर रहा।
वसंत पंचमी और जेल दिवस के अवसर पर 16 से 18 फरवरी तक जिला जेल में विविध खेलकूद प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। शुक्रवार को प्रतियोगिताओं के परिणाम घोषित किए गए। जिला जेल के अधीक्षक पवन कुमार त्रिवेदी ने बताया कि क्रिकेट और वॉलीबाल प्रतियोगिता में राइटर की टीम विजयी रही। बैडमिंटन में बैरक नंबर आठ के बंदियों ने बैरक नंबर एक के बंदियों को हराया।
शतरंज में बैरक नंबर एक का बंदी अरुण तिवारी और कैरमबोर्ड प्रतियोगिता में बैरक नंबर आठ का बंदी फारूक विजयी रहा। रस्साकसी में सर्किल नंबर एक के बंदी विजयी रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रम में नक्सल गतिविधियों के आरोप में निरुद्ध नंदू कोल पहले स्थान पर रहा। विजेता बंदियों को सम्मानित करते हुए जेल अधीक्षक ने कहा कि गलती तो इंसान से होती ही रहती है। अच्छा व्यक्ति वह होता है जो गलती से सीख लेकर खुद में सुधार करे। इस दौरान डिप्टी जेलर शिशिर कांत कुशवाहा व जय शंकर यादव के साथ ही जेल के समस्त कर्मचारी और बंदी मौजूद रहे।
‘अपराध से कैसे मुक्त हो समाज’ विषय पर निबंध लिखकर दहेज हत्या के आरोपी वाराणसी जिला जेल के बैरक नंबर आठ के बंदी त्रिपुरेश्वर कुमार त्रिपाठी ने कारागार में आयोजित प्रतियोगिता में पहला स्थान पाया। इस निबंध लेखन प्रतियोगिता में दहेज हत्या के मामले में ही निरुद्ध बंदी प्रवीण पटेल दूसरे स्थान पर रहा।
वसंत पंचमी और जेल दिवस के अवसर पर 16 से 18 फरवरी तक जिला जेल में विविध खेलकूद प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। शुक्रवार को प्रतियोगिताओं के परिणाम घोषित किए गए। जिला जेल के अधीक्षक पवन कुमार त्रिवेदी ने बताया कि क्रिकेट और वॉलीबाल प्रतियोगिता में राइटर की टीम विजयी रही। बैडमिंटन में बैरक नंबर आठ के बंदियों ने बैरक नंबर एक के बंदियों को हराया।
शतरंज में बैरक नंबर एक का बंदी अरुण तिवारी और कैरमबोर्ड प्रतियोगिता में बैरक नंबर आठ का बंदी फारूक विजयी रहा। रस्साकसी में सर्किल नंबर एक के बंदी विजयी रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रम में नक्सल गतिविधियों के आरोप में निरुद्ध नंदू कोल पहले स्थान पर रहा। विजेता बंदियों को सम्मानित करते हुए जेल अधीक्षक ने कहा कि गलती तो इंसान से होती ही रहती है। अच्छा व्यक्ति वह होता है जो गलती से सीख लेकर खुद में सुधार करे। इस दौरान डिप्टी जेलर शिशिर कांत कुशवाहा व जय शंकर यादव के साथ ही जेल के समस्त कर्मचारी और बंदी मौजूद रहे।
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