लॉकडाउन में ट्रांसपोर्ट का कारोबार ठप हुआ, आबिद अली ने यूं आपदा को अवसर में बदल दिया

अमित शर्मा, अमर उजाला, मोहाली (पंजाब)
Updated Thu, 31 Dec 2020 11:01 AM IST
मोहाली के आबिद अली ने लॉकडाउन में होटल खोला और आठ लोगों को रोजगार दिया।
– फोटो : अमर उजाला
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
सार
कोरोना आया और लॉकडाउन के कारण जिंदगी थम सी गई। कारोबार बंद हो गए। रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया। भविष्य अंधकारमय दिखने लगा। मायूसी बढ़ने लगी लेकिन कुछ लोगों ने हार नहीं मानी। उन्होंने इस आपदा को अवसर में बदला और फिर अपने पैरों पर खड़े हुए। उम्मीद का उजियारा दिखा इन्होंने साबित किया कि आपदा कितनी भी बड़ी क्यों न हो, जीवन चलने का नाम है…
विस्तार
स्कूल बसों के पहिए नौ महीने से रुके हैं। धीरे-धीरे बर्बादी की ओर से बढ़ रहे थे, लेकिन आबिद ने हिम्मत नहीं हारी। अपनी खाली पड़ी बिल्डिंग को रेनोवेट कर होटल में बदल दिया। यह फैसला किसी रिस्क से कम नहीं था, मगर आगे बढ़ने के लिए चुनौती को स्वीकार किया। किस्मत ने साथ दिया और अब जिंदगी धीरे धीरे ट्रैक पर लौटने लगी है। मोहाली के शाहीमाजरा निवासी आबिद अली कहते हैं कि इस महामारी ने उन्हें कई सबक दिए, जो आगे चलकर उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ।
होटल से खर्चे निकल रहे हैं, साथ ही आठ परिवार भी पल रहे हैं
आबिद बताते हैं कि उन्होंने होटल का काम शुरू किया। आठ लोगों को रोजगार दिया। होटल मुनाफे में तो नहीं है, लेकिन कर्मचारियों का खर्चा निकल रहा है। वे 15 साल से ट्रांसपोर्ट का काम कर रहे थे। उनकी चार स्कूल बसें चलती थीं, लेकिन कोरोना की वजह से वे खड़ी हैं। उम्मीद थी कि स्थिति सुधर जाएगी, लेकिन बाद में उनकी स्थिति और खराब हो गई। इसके चलते उन्होंने ड्राइवरों की छुट्टी कर दी।
फिर उनकी जंग अपनी स्थिति सुधारने के लिए शुरू हुई। करीब छह सात महीने उन्होंने काफी मुश्किल में समय बिताया। उन्होंने बताया कि दोस्त और रिश्तेदार कई आइडिया दे रहे थे, लेकिन कोई ऐसा काम नहीं था जिससे तुरंत जिंदगी में सुधार आ जाए। होटल के काम को अच्छा रिस्पांस मिला है। सारे खर्च व मुलाजिमों की सैलरी निकल रही है। उन्हें उम्मीद है कि समय के साथ आगे सबकुछ ठीक होगा। हालांकि ट्रांसपोर्ट का बिजनेस भी आगे चलेगा।
Source link