न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 04 Jan 2021 06:47 PM IST
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पिक्साबे
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कोरोना वायरस संक्रमण के बीच देश के कई हिस्सों में बर्ड फ्लू भी फैलने लगा है। हाल ही में केरल के कोट्टयम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। इसकी वजह से प्रभावित इलाकों के एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गियों, बतखों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश जारी किया गया है।
मध्यप्रदेश और राजस्थान के कुछ इलाकों में भी बर्ड फ्लू के मामले सामने आ चुके हैं। मध्यप्रदेश के इंदौर में एक जनवरी को एक हरे-भरे इलाके में कई कौए मृत पाए गए थे, जिनमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। इसके बाद प्रशासन ने सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों वाले मरीजों का पता लगाने के लिए अभियान की शुरुआत कर दी है।
वहीं, राजस्थान में पिछले दिनों सैकड़ों पक्षियों की मृत्यु की जांच में बर्ड फ्लू के नमूने मिलने के बाद पशुपालन विभाग ने इससे निपटने के लिए राज्य स्तरीय नियंत्रण स्थापित किया है। जानकारी के अनुसार यहां मरने वाले पक्षियों में सबसे ज्यादा संख्या कौवों की है और अधिकांश मामले कोटा और जोधपुर संभाग से सामने आए हैं।
राजस्थान में मरने वाले पक्षियों की संख्या 252 हुई
राजस्थान में रविवार को यहां के प्रसिद्ध जल महल में सात कौवे मृत पाए थे। बता दें कि राज्य में मृत पक्षियों की संख्या 252 पहुंच गई है। 25 दिसंबर को झालावाड़ में कौवे की मौत की सूचना मिली थी और नमूनों को जांच के लिए भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजा गया था जिसके परिणामों ने बर्ड फ्लू की पुष्टि की थी।
मध्यप्रदेश के मंदसौर व खरगोन में भी कौओं की मौत
इंदौर के बाद मंदसौर और खरगोन में भी कौओं की मौत हो चुकी है, जिसके बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है। बता दें कि मंदसौर में पिछले तीन दिन के दौरान 170 कौओं की मौत हो चुकी है, जबकि खरगोन में भी 15 कौओं ने जान गंवाई है। ऐसे में इन दोनों जिलों में भी बर्ड फ्लू वायरस फैलने की आशंका बढ़ गई है।
हिमाचल: पौंग झील में हजारों प्रवासी पक्षियों की मौत
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित पौंग झील में प्रवासी पक्षियों की मौत का आंकड़ा हजारों तक पहुंच गया है। बर्ड फ्लू की आशंका के चलते झील में पर्यटन सहित अन्य सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। मत्स्य आखेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। लोगों को झील के 1410 एरिया में न जाने की सूचना दी जा रही है।
बता दें कि पौंग झील में हर साल अक्तूबर से मार्च तक रूस, साइबेरिया, मध्य एशिया, चीन, तिब्बत आदि देशों से विभिन्न प्रजातियों के रंग-बिरंगे परिंदे लंबी उड़ान भर यहां पहुंचते हैं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। वन्यप्राणी विभाग ने बर्ड फ्लू की आशंका के चलते झील में सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
कोरोना वायरस संक्रमण के बीच देश के कई हिस्सों में बर्ड फ्लू भी फैलने लगा है। हाल ही में केरल के कोट्टयम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। इसकी वजह से प्रभावित इलाकों के एक किलोमीटर के दायरे में मुर्गियों, बतखों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश जारी किया गया है।
मध्यप्रदेश और राजस्थान के कुछ इलाकों में भी बर्ड फ्लू के मामले सामने आ चुके हैं। मध्यप्रदेश के इंदौर में एक जनवरी को एक हरे-भरे इलाके में कई कौए मृत पाए गए थे, जिनमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। इसके बाद प्रशासन ने सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों वाले मरीजों का पता लगाने के लिए अभियान की शुरुआत कर दी है।
वहीं, राजस्थान में पिछले दिनों सैकड़ों पक्षियों की मृत्यु की जांच में बर्ड फ्लू के नमूने मिलने के बाद पशुपालन विभाग ने इससे निपटने के लिए राज्य स्तरीय नियंत्रण स्थापित किया है। जानकारी के अनुसार यहां मरने वाले पक्षियों में सबसे ज्यादा संख्या कौवों की है और अधिकांश मामले कोटा और जोधपुर संभाग से सामने आए हैं।
राजस्थान में मरने वाले पक्षियों की संख्या 252 हुई
राजस्थान में रविवार को यहां के प्रसिद्ध जल महल में सात कौवे मृत पाए थे। बता दें कि राज्य में मृत पक्षियों की संख्या 252 पहुंच गई है। 25 दिसंबर को झालावाड़ में कौवे की मौत की सूचना मिली थी और नमूनों को जांच के लिए भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजा गया था जिसके परिणामों ने बर्ड फ्लू की पुष्टि की थी।
मध्यप्रदेश के मंदसौर व खरगोन में भी कौओं की मौत
इंदौर के बाद मंदसौर और खरगोन में भी कौओं की मौत हो चुकी है, जिसके बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है। बता दें कि मंदसौर में पिछले तीन दिन के दौरान 170 कौओं की मौत हो चुकी है, जबकि खरगोन में भी 15 कौओं ने जान गंवाई है। ऐसे में इन दोनों जिलों में भी बर्ड फ्लू वायरस फैलने की आशंका बढ़ गई है।
हिमाचल: पौंग झील में हजारों प्रवासी पक्षियों की मौत
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित पौंग झील में प्रवासी पक्षियों की मौत का आंकड़ा हजारों तक पहुंच गया है। बर्ड फ्लू की आशंका के चलते झील में पर्यटन सहित अन्य सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। मत्स्य आखेट पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। लोगों को झील के 1410 एरिया में न जाने की सूचना दी जा रही है।
बता दें कि पौंग झील में हर साल अक्तूबर से मार्च तक रूस, साइबेरिया, मध्य एशिया, चीन, तिब्बत आदि देशों से विभिन्न प्रजातियों के रंग-बिरंगे परिंदे लंबी उड़ान भर यहां पहुंचते हैं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। वन्यप्राणी विभाग ने बर्ड फ्लू की आशंका के चलते झील में सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
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