राजभवन के आदेश पर डीएम ने छीना एनसीजेडसीसी के निदेशक का चार्ज, आनाकानी करने पर बुलाना पड़ा फोर्स

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Updated Tue, 19 Jan 2021 01:03 AM IST
prayagraj news : एनसीजेडसीसी में निदेशक पद का कार्यभार ग्रहण करते डीएम भानुचंद्र गोस्वामी।
– फोटो : prayagraj
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चार्ज हस्तांतरण में आनाकानी के बीच सोमवार की देर रात इंद्रजीत सिंह ग्रोवर से एनसीजेडसीसी के निदेशक का कार्यभार छीन लिया गया। कार्यकाल समाप्त होने पर राजभवन की ओर से डीएम को दायित्व सौंपने का आदेश जारी होने पर भी ग्रोवर सेवा विस्तार का हवाला देकर कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे। आनाकानी पर फोर्स के साथ पहुंचे डीएम ने एक तरफा कार्यभार ग्रहण किया। डीएम ने राजभवन की ओर से नए निदेशक की तैनाती न होने तक प्रयागराज मेला प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी संत कुमार श्रीवास्तव को एनसीजेडसीसी का प्रभार देखने का निर्देश जारी कर दिया है।
निदेशक पद पर राजभवन से छुट्टी के बावजूद सेवा विस्तार का हवाला देकर ग्रोवर केकुर्सी पर जमे रहने और चार्ज न सौंपने का खुलासा अमर उजाला की ओर से प्रमुखता से किए जाने के बाद सोमवार को इस मामले में प्रशासन हरकत में आ गया। राजभवन से डीएम को चार्ज सौंपने का आदेश जारी होने के बाद भी निदेशक ग्रोवर अपने सेवा विस्तार की दुहाई देते रहे। रात करीब आठ बजे डीएम के निर्देश पर मेला प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी संत कुमार श्रीवास्तव और ट्रेजरी अफसर एनसीजेडसीसी पहुंचे।
अफसरों ने डीएम को चार्ज हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पूरी कराने के बारे में ग्रोवर को जानकारी दी, लेकिन वह संस्कृत मंत्रालय की ओर से दो वर्ष के सेवा विस्तार का पत्र दिखाने लगे। ग्रोवर ने विशेष कार्याधिकारी से कहा कि वह डीएम को बता दें कि निदेशक का दो वर्ष के लिए सेवा विस्तार हो चुका है। वह चार्ज हस्तांतरण के लिए जब राजी नहीं हुए, तब इसकी सूचना डीएम को दी गई।
इसके कुछ देर बाद ही सिविल लाइंस पुलिस एनसीजेडसीसी पहुंच गई। फिर रात पौने नौ बजे जब डीएम खुद एनसीजेडसीसी का चार्ज लेने के लिए पहुंचे, तब भी कार्यभार सौंपने की बजाए ग्रोवर दफ्तर से हट गए। अंतत: डीएम ने एक तरफा चार्ज ग्रहण किया। इसके साथ ही डीएम ने मेला प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी को एनसीजेडसीसी का नया प्रभारी बना दिया।
निदेशक चेंबर और ट्रेजरी कार्यालय दोनों पर डबल लॉक
चार्ज हस्तांतरण के बाद एनसीजेडसीसी के ट्रेजरी कार्यालय और निदेशक चेंबर को लॉक कर दिया गया। दोनों कक्षों पर एनसीजेडसीसी के ताले के बाद सिविल लाइंस पुलिस की मौजूदगी में प्रशासन की ओर भी ताले जड़े गए। साथ ही निर्देशित किया गया कि रात 8:30 बजे के बाद ट्रेजरी और निदेशक चेंबर में किसी तरह का पत्रचार या मेल नहीं किया जाएगा। दोनों कक्षों के लॉक मंगलवार की सुबह प्रभारी निदेशक की मौजूदगी में खोले जाएंगे। चाभी प्रभारी निदेशक के ही पास रखी गई है।
क्या है पूरा मामला
एनसीजेडसीसी के निदेशक का तीन वर्ष का कार्यकाल इंद्रजीत सिंह ग्रोवर 17 दिसंबर को ही पूरा कर चुके हैं। इसके बाद राजभवन की ओर से नए निदेशक की तलाश शुरू कर दी गई। इस बीच 31 दिसंबर को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि नए निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। इसमें समय लगने की संभावना है। ऐसे में कार्यहित में एनसीजेडसीसी के निदेशक का दायित्व डीएम प्रयागराज को सौंपा जाता है। लेकिन, ग्रोवर इस आदेश को दरकिनार कर कुर्सी पर जमे रहे। वह 14 दिसंबर को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी राजेश साहा की ओर से जारी दो वर्ष के सेवा विस्तार का पत्र दिखाते रहे।