राजकीय महाविद्यालयों में प्रवक्ताओं की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू

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प्रदेश के सभी राजकीय महाविद्यालयों में प्रवक्ता के खाली पड़े पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी प्राचार्यों से नौ फरवरी तक रिक्त पदों का ब्योरा तलब कर लिया है। पहली बार राजकीय महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर ऑनलानन काउंसलिंग के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी।
राजकीय महाविद्यालयों में प्रवक्ता के पदों पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग सीधी भर्ती करता है। आयोग ने पिछले दिनों कई विषयों में प्रवक्ता के पदों का अंतिम चयन परिणाम जारी किया है। अब इन्हें कॉलेज आवंटित किए जाने हैं और इसके बाद नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। पहले यह प्रक्रिया ऑफलाइन माध्यम से होती थी, लेकिन ऑफलाइन काउंसलिंग में मनमानी, पक्षपात और गड़बड़ी के तमाम आरोप लगने के कारण शासन ने इस बार ऑनलाइन काउंसलिंग की व्यवस्था को लागू कर दिया है, ताकि कॉलेज आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता आए। इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशालय एनआईसी के माध्यम से नया सॉफ्टवेयर तैयार करवा रहा है। ऑनलाइन काउंसलिंग एनआईसी लखनऊ के माध्यम से होगी।
काउंसलिंग की प्रक्रिया जल्द शुरू करने के लिए निदेशालय ने सभी राजकीय स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालयों के प्राचार्यों से विषयवार रिक्त पदों पदों की जानकारी मांगी है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में प्रवक्ताओं के रिक्त पदों पर चयन की प्रक्रिया चल रही है और ज्यादातर विषय में प्रवक्ताओं के पदों पर चयन की संस्तुति शासन को मिल चुकी है। चयनित प्रवक्ताओं की तैनाती प्रदेश के राजकीय स्नातक/स्नाकोत्तर महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर ऑनलाइन की जानी है।
निदेशक से स्वीकृत/कार्यरत/रिक्त पदों की जानकारी नौ फरवरी तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। प्राचार्यों को उच्च शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर लॉगिन कर विभिन्न विषयों के सृजित/भरे/रिक्त पदों की सूचना अंकित करनी है। वेबसाइट पर प्रवक्ता के पदों से संबंधित सूचना भरने के बाद प्राचार्य के मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी से डाटा प्राचार्य स्तर से लॉक होगा। प्राचार्य की ओर से महाविद्यालय में प्रवक्ताओं के स्वीकृत/कार्यरत/रिक्त पदों की दी गई सूचना के आधार पर चयनित प्रवक्ताओं की ऑनलाइन तैनाती कर दी जाएगी। अगर प्राचार्य द्वारा प्रवक्ता के स्वीकृत पद के मुकाबले किसी विषय की रिक्ति को नहीं दिया जाता है या दी गई रिक्ति में कोई त्रुटि आती है और उस त्रुटिपूर्ण रिक्ति पर ऑनलाइन तैनाती हो जाती है तो इसकी जिम्मेदारी प्राचार्य की होगी।