अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Updated Sat, 16 Jan 2021 09:16 PM IST
किसान नेता राकेश टिकैत
– फोटो : अमर उजाला
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किसान आंदोलन को भारी जन समर्थन मिल रहा है। गाजीपुर, सिंघु और टीकरी तीनों सीमाओं पर शनिवार को भारी जन सैलाब नजर आया। उम्मीद की जा रही है कि रविवार को भी इसी तरह किसानों को आम जन समर्थन मिलेगा। इस दौरान गाजीपुर बॉर्डर से किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को चेताया है कि गणतंत्र दिवस की परेड इस साल भी छोटी नहीं होने देंगे। राष्ट्रपति भवन के सामने राजपथ पर सरकार अपनी परेड निकालेगी और किसान अपनी ट्रैक्टर परेड निकालेंगे।
गाजीपुर किसान आंदोलन के मंच से किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत कहा, सुना है सरकार इस बार अपनी परेड छोटी करने की तैयारी कर रही है। लेकिन वह सरकार को बताना चाहते हैं कि ऐसा नहीं होगा। इस बार भी गणतंत्र दिवस की परेड राष्ट्रपति भवन से लेकर लाल किले तक ही निकलेगी। बस अंतर इतना होगा कि राजपथ तक सरकार परेड करेगी और उसके आगे किसानों की परेड होगी।
आठ के फेर में उलझ गई सरकार
राकेश टिकैत ने कहा कि जिस तरह पुलिस के खोजी कुत्ते आठ के फेर में उलझकर गोल-गोल घूमने लग जाते हैं। उसी तरह सरकार भी किसानों के चक्कर में पड़कर आठ के फेर में उलझ चुकी है। सरकार को पहले इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह नए कृषि कानूनों को लाकर किससे उलझ रही है। सरकार यह जान ले कि किसान उनके साथ 19 जनवरी को होने वाली 10वें चरण की बातचीत में भी शामिल होंगे, लेकिन केवल एमएसपी और नए कृषि कानूनों के समाप्ति के मुद्दे पर बात करेंगे।
सिंघु बॉर्डर से जो निर्णय होगा मानेंगे
किसानों की अगली रणनीति सिंघु बॉर्डर से तय होगी। राकेश टिकैत ने शनिवार को यह बात साफ की कि किसान समिति जो कहेगी, सभी किसान वही मानेंगे। अभी तो केवल 26 जनवरी की परेड पर पूरा ध्यान केंद्रित है। उन्होंने कहा कि किसानों को इस बात का अंदाजा है कि पुलिस उन्हें दिल्ली में घुसने से रोकेगी। लेकिन किसान राजपथ पहुंचने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे।
किसान आंदोलन को भारी जन समर्थन मिल रहा है। गाजीपुर, सिंघु और टीकरी तीनों सीमाओं पर शनिवार को भारी जन सैलाब नजर आया। उम्मीद की जा रही है कि रविवार को भी इसी तरह किसानों को आम जन समर्थन मिलेगा। इस दौरान गाजीपुर बॉर्डर से किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को चेताया है कि गणतंत्र दिवस की परेड इस साल भी छोटी नहीं होने देंगे। राष्ट्रपति भवन के सामने राजपथ पर सरकार अपनी परेड निकालेगी और किसान अपनी ट्रैक्टर परेड निकालेंगे।
गाजीपुर किसान आंदोलन के मंच से किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत कहा, सुना है सरकार इस बार अपनी परेड छोटी करने की तैयारी कर रही है। लेकिन वह सरकार को बताना चाहते हैं कि ऐसा नहीं होगा। इस बार भी गणतंत्र दिवस की परेड राष्ट्रपति भवन से लेकर लाल किले तक ही निकलेगी। बस अंतर इतना होगा कि राजपथ तक सरकार परेड करेगी और उसके आगे किसानों की परेड होगी।
आठ के फेर में उलझ गई सरकार
राकेश टिकैत ने कहा कि जिस तरह पुलिस के खोजी कुत्ते आठ के फेर में उलझकर गोल-गोल घूमने लग जाते हैं। उसी तरह सरकार भी किसानों के चक्कर में पड़कर आठ के फेर में उलझ चुकी है। सरकार को पहले इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह नए कृषि कानूनों को लाकर किससे उलझ रही है। सरकार यह जान ले कि किसान उनके साथ 19 जनवरी को होने वाली 10वें चरण की बातचीत में भी शामिल होंगे, लेकिन केवल एमएसपी और नए कृषि कानूनों के समाप्ति के मुद्दे पर बात करेंगे।
सिंघु बॉर्डर से जो निर्णय होगा मानेंगे
किसानों की अगली रणनीति सिंघु बॉर्डर से तय होगी। राकेश टिकैत ने शनिवार को यह बात साफ की कि किसान समिति जो कहेगी, सभी किसान वही मानेंगे। अभी तो केवल 26 जनवरी की परेड पर पूरा ध्यान केंद्रित है। उन्होंने कहा कि किसानों को इस बात का अंदाजा है कि पुलिस उन्हें दिल्ली में घुसने से रोकेगी। लेकिन किसान राजपथ पहुंचने की हर मुमकिन कोशिश करेंगे।
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