यूरोपीय संघ के देशों में कोरोना वैक्सीन की किल्लत, मॉडर्ना को भी दी मंजूरी

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नीदरलैंड
Updated Thu, 07 Jan 2021 06:57 AM IST
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यूरोपियन नेताओं ने टीकाकरण की धीमी रफ्तार को लेकर हो रहे आलोचनाओं के बीच बुधवार को अपने 45 करोड़ लोगों को कोरोना जैसी खतरनाक महामारी से निजात दिलाने के लिए मॉडर्ना की वैक्सीन को भी मंजूरी दे दी है। इस मामले में यूरोपीय संघ ने ब्रिटेन और अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। यूरोपीय संघ की औषधि एजेंसी ने फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन को तो पहले ही मंजूरी दे दी थी।
गौरतलब है कि यूरोपीय संघ के 27 देशों में कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण की शुरुआत 27 दिसंबर से हो चुकी है। जबकि नीदरलैंड ने बुधवार से अपने कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरुआत की, जिसमें नर्सिंग होम स्टाफ और अस्पतालों में फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन के लिए प्राथमिकता दी गई। यूरीपीय संघ के 27 देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के कम से कम 1.6 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आए हैं और संक्रमण से करीब साढ़े तीन लाख लोगों की जान चली गई है।
यूरोपीय संघ की औषधि एजेंसी के कार्यकारी निदेशक एमर कुक ने कहा, ‘यह टीका हमें मौजूदा महामारी को खत्म करने के लिए एक और उपकरण प्रदान करता है। यह सभी के प्रयासों और प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि हमें दूसरी वैक्सीन भी मिल गई।’
दरअसल, नीदरलैंड की सरकार को टीकाकरण देर से शुरू होने के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। प्रधानमंत्री मार्क रुटे ने मंगलवार को एक बहस में सांसदों को बताया कि अधिकारियों ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई गई वैक्सीन की तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया था, जिसे अभी तक यूरोपीय संघ में उपयोग के लिए मंजूरी नहीं मिली है।
यूरोपीय संघ से पहले इस्राइल भी मॉडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी दे चुका है। इससे पहले उसने भी फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को मंजूरी दी थी, जिसका इस्तेमाल टीकाकरण अभियान में किया जा रहा है।
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