सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
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बांग्लादेशी युवती को बेचने के लिए दिल्ली ले जा रहे दोनों आरोपियों मोहम्मद अयाज व अब्दुल रज्जाक के बारे में बड़े खुलासे हो रहे हैं। रज्जाक वर्ष 2014 से 2020 तक सात बार वीजा लेकर भारत आया।
वहीं खुद को शरणार्थी बताने वाले अयाज ने जमानत अर्जी दाखिल करने के लिए हैदराबाद से आए युवक की फोटो देखकर उसे पहचानने से ही इनकार कर दिया। अपर जिला जज सप्तम अभिषेक उपाध्याय की अदालत में मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।
कोर्ट के सामने सोमवार को दोनों आरोपियों से बरामद माल की फर्द खुलने पर रज्जाक के पासपोर्ट से पता चला कि उसने सात बार वीजा बनवाया। वहीं हैदराबाद के बालापुर निवासी मो. रफीक ने खुद को अयाज का चचेरा भाई बताकर जमानत अर्जी दाखिल की थी।
इसमें कहा था कि अयाज शरणार्थी है। रिश्तेदार से मिलने हैदराबाद जा रहा था। ट्रेन में किसी यात्री का सामान चोरी हो गया, उसने पुलिस बुला ली। पुलिस ने अयाज को ही गिरफ्तार कर लिया।
अयाज का शरणार्थी कार्ड भी दाखिल किया गया था। पेशी पर कोर्ट आए अयाज को जब जमानत अर्जी में लगी चचेरे भाई की फोटो दिखाई गई तो उसने पहचानने से ही इनकार कर दिया।
एडीजीसी जितेंद्र कुमार पांडे ने बताया कि हैदराबाद में रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या अधिक है। उम्मीद है कि गिरोह के सदस्य को बचाने के लिए किसी को भाई बनाकर हैदराबाद से कानपुर भेजा गया होगा।
बांग्लादेशी युवती को बेचने के लिए दिल्ली ले जा रहे दोनों आरोपियों मोहम्मद अयाज व अब्दुल रज्जाक के बारे में बड़े खुलासे हो रहे हैं। रज्जाक वर्ष 2014 से 2020 तक सात बार वीजा लेकर भारत आया।
वहीं खुद को शरणार्थी बताने वाले अयाज ने जमानत अर्जी दाखिल करने के लिए हैदराबाद से आए युवक की फोटो देखकर उसे पहचानने से ही इनकार कर दिया। अपर जिला जज सप्तम अभिषेक उपाध्याय की अदालत में मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।
कोर्ट के सामने सोमवार को दोनों आरोपियों से बरामद माल की फर्द खुलने पर रज्जाक के पासपोर्ट से पता चला कि उसने सात बार वीजा बनवाया। वहीं हैदराबाद के बालापुर निवासी मो. रफीक ने खुद को अयाज का चचेरा भाई बताकर जमानत अर्जी दाखिल की थी।
इसमें कहा था कि अयाज शरणार्थी है। रिश्तेदार से मिलने हैदराबाद जा रहा था। ट्रेन में किसी यात्री का सामान चोरी हो गया, उसने पुलिस बुला ली। पुलिस ने अयाज को ही गिरफ्तार कर लिया।
अयाज का शरणार्थी कार्ड भी दाखिल किया गया था। पेशी पर कोर्ट आए अयाज को जब जमानत अर्जी में लगी चचेरे भाई की फोटो दिखाई गई तो उसने पहचानने से ही इनकार कर दिया।
एडीजीसी जितेंद्र कुमार पांडे ने बताया कि हैदराबाद में रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या अधिक है। उम्मीद है कि गिरोह के सदस्य को बचाने के लिए किसी को भाई बनाकर हैदराबाद से कानपुर भेजा गया होगा।
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