भ्रष्टाचार से निपटने के लिए चीन बना रहा है रणनीति, बुलाई एक खास बैठक

Central Committee of the Communist Party of China (CPC)
– फोटो : Agency (File Photo)
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सार
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि इस साल चीन में आधुनिकीकरण के नए युग की शुरुआत होगी। इसके लिए संतुलित और गुणात्मक विकास, तकनीक और आविष्कार पर जोर दिया जाएगा…
विस्तार
बैठक में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए 2021 की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा। जब से शी जिनपिंग राष्ट्रपति बने हैं, इस आयोग की बैठक हर साल होती है। शी ने राष्ट्रपति बनने के साथ ही देश में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान छेड़ा था। उस समय देश में भ्रष्टाचार लगभग हर स्तर पर फैला हुआ था।
शी के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत बड़ी संख्या में लोगों को सजा दी गई है। कई लोगों को मौत की सजा भी दी गई है। हाल में भ्रष्टाचार के आरोपी कई वरिष्ठ अधिकारियों के लिए सजा का एलान हुआ था। उनमें लाइ शियाओमिन भी हैं, जो देश की सबसे बड़ी जायदाद प्रबंधन एजेंसी के प्रमुख थे। इस महीने के शुरू में लाइ को मौत की सजा सुनाई गई।
उन पर 1.79 अरब युवान (लगभग 28 करोड़ डॉलर) घूस लेने का आरोप है। बीते गुरुवार को तियानजिन स्थित हाई कोर्ट ने लाइ की सजा माफी की याचिका ठुकरा दी। अभी कई बड़े अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का मुकदमा चल रहा है। उनमें चाइना शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री कॉरपोरेशन के पूर्व अध्यक्ष हू वेनमिंग और छिनघई प्रांत के पूर्व डिप्टी गवर्नर वेन गुआदोंग भी शामिल हैँ।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि इस साल चीन में आधुनिकीकरण के नए युग की शुरुआत होगी। इसके लिए संतुलित और गुणात्मक विकास, तकनीक और आविष्कार पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए भ्रष्टाचार निवारण और कानून पर अमल को जरूरी माना गया है। पार्टी ने कहा है कि इस कार्य को उसके ही नेतृत्व में अंजाम दिया जाएगा। सेंट्रल कमीशन फॉर डिसिप्लिन इंस्पेक्शन की बैठक में इस मकसद के लिए रणनीति बनाई जाएगी। शुक्रवार को आयोग के अध्यक्ष झाओ लिजी ने अपनी रिपोर्ट पेश की, जिस पर दो दिन तक विचार-विमर्श चलेगा।
हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक इस बार की बैठक में खास जोर वित्तीय क्षेत्र में भ्रष्टाचार निवारण और आपराधिक तत्वों से हर तरह की मिलीभगत को खत्म करने पर है। बीजिंग स्थित चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज से जुड़े राजनीति-शास्त्री शिये माओसोंग ने इस अखबार से कहा कि चीन सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों को संस्थागत रूप देना भ्रष्टाचार निवारक अधिकारियों के सामने प्रमुख चुनौती है।
उन्होंने बताया कि तैयारी बैठकों में अनुशासन निरीक्षण एवं निगरानी प्रणाली में सुधार पर खास जोर दिया गया। आत्म-निरीक्षण और आत्म-अनुशासन को दो सबसे बड़ी चुनौती माना गया है। इसका अर्थ है कि भ्रष्टाचार निरोधक कर्मचारियों की निगरानी कैसे हो, इसकी विश्वसनीय व्यवस्था बनाना इस साल आयोग की बैठक का प्रमुख मुद्दा है।
बीजिंग स्थित मुगोंग लॉ फर्म के निदेशक लिउ चांगसोंग ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से कहा कि इस महीने के आरंभ में लाइ शियाओमिन को सुनाई गई मौत की सजा इस बात की चेतावनी है कि चीन का नेतृत्व भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगा- खासकर उन मामलों में जिनमें वित्तीय अधिकारी शामिल होंगे। लिउ ने कहा कि वित्तीय सेक्टर चीन की सामाजिक स्थिरता कायम रखने की जीवनरेखा है, इसलिए इसे भ्रष्टाचार मुक्त रखना बेहद महत्त्वपूर्ण है।
दूसरे जानकारों ने कहा है कि न्याय व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्थाओं में भी भ्रष्टाचार एक बडी समस्या बना हुआ है। पुलिस, अभियोजक और जज भ्रष्टाचार मुक्त रहें, यह भी सामाजिक स्थिरता के लिए उतना ही जरूरी है। अब ये देखने की बात होगी कि इन सभी क्षेत्रों को भ्रष्टाचार मुक्त रखने की इस साल कैसी रणनीति चीन के अधिकारी बनाते हैँ।