भारत-चीन को एकसाथ शांति से रखने का प्रयास कर रहा रूस : लवरोफ

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लवरोफ ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, मैं साफ कर देना चाहता हूं कि भारत के लोगों में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। हम भारत के दोस्त हैं। भारत और चीन हमारे अच्छे दोस्त व भाई हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि दोनों एक दूसरे के साथ शांति से रहें। यही हमारी नीति है। हम इसे न केवल एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) और ब्रिक्स में बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि हम इस पर विशेष त्रिस्तरीय प्रारूप में भी काम कर रहे हैं। यह प्रारूप त्रोइका या आरआईसी यानी रूस, भारत और चीन है, जो 90 के दशक में सामने आया था और अब भी जारी है।
शीर्ष रूसी राजनयिक की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच पिछले साल मई से चल रहे सैन्य गतिरोध के दौरान आई है। दोनों देशों के बीच राजनयिक व सैन्य स्तर पर वार्ता के दर्जनों दौर होने के बावजूद अब तक इस गतिरोध का हल नहीं निकला है, जिसके चलते दोनों तरफ के हजारों सैनिक माइनस 30 डिग्री से भी ठंडे माहौल में रहना पड़ रहा है।
लवरोफ ने कहा कि मास्को में सितंबर, 2020 में हुई मंत्रिस्तरीय बैठक में तीनों देशों ने एक संयुक्त शासकीय सूचना स्वीकार की थी, जो तीनों देशों के एशिया व विश्व में शांति, स्थिरता व सुरक्षा को बढ़ाने तथा आपसी सहयोग करने को लेकर थी।
उन्होंने अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति का हवाला देते हुए कहा, हम सभी यह देखने के लिए पर्याप्त बुद्धिमान हैं कि यदि कोई रणनीति समावेशी नहीं बल्कि विभाजनकारी है तो हमारे देशों की बुद्धिमता निश्चित ही प्रबल होगी और किसी भी कारण से हमारा भारत के साथ करीबी सहयोग और साझेदारी प्रभावित नहीं होगा।
पीएम मोदी के आने से मजबूत हुए संबंध
लवरोफ ने कहा, रूस के लिए भारत बहुत क़रीब है, बहुत रणनीतिक और विशेषाधिकार प्राप्त है। आप चाहे इसे अर्थव्यवस्था के स्तर पर देखें, नवाचार के स्तर पर या फिर सैन्य तकनीक के स्तर पर। सभी क्षेत्रों में भारत हमारा करीबी साझेदार है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र हो या ब्रिक्स में, हम दोनों के बीच बेहद नज़दीकी राजनीतिक समन्वय है। हमने इन मंचों पर साथ में बहुत कुछ किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद हमारी रणनीतिक साझेदारी एक विशेष रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हुई है।