वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ब्रासीलिया
Updated Mon, 18 Jan 2021 09:55 AM IST
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ब्राजील ने कोरोना वायरस के संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के बीच चीन की कोविड वैक्सीन सिनोवैक बायोटेक लिमिटेड और ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी। बता दें कि इससे पहले ब्राजील ने भारत से कोविड वैक्सीन भेजने का अनुरोध किया था।
ब्राजील के एनविसा स्वास्थ्य नियामक ने रविवार को चीन और ब्रिटेन की कोरोना वायरस वैक्सीन को आपातकालीन स्वीकृति दे दी। ब्राजील विनाशकारी महामारी की दूसरी लहर के बीच बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू करने की तैयारी कर रहा है। ब्राजील ने ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड की कॉविशील्ड वैक्सीन के साथ-साथ चीन की कोरोनावैक वैक्सीन को अधिकृत किया है। एनविसा ने घोषणा की कि यह एक ऐसे राष्ट्र में उपयोग के लिए है, जहां कोविड-19 से अब तक 2,09,000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
चीनी वैक्सीन ने 50 फीसदी असर दिखाया
इस महीने की शुरुआत में ब्राजील ने कहा था कि चीनी वैक्सीन ने लोगों पर वायरस के प्रभाव को रोकने में 50 प्रतिशत असर दिखाया है। ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को लेकर दिसंबर में प्रकाशित रिजल्ट में पाया गया कि यह उन वायलेंटियरों में 62 प्रतिशत प्रभावी रही जिनको दो पूर्ण डोज दिए गए, जिन्हें आधा डोज देने के बाद पूरा डोज दिया गया उनमें यह 90 प्रतिशत प्रभावी रही। लेकिन दोनों अमेरिकी दवा कंपनियों फाइजर और मॉडर्ना द्वारा विकसित वैक्सीनों के लिए बताई गई 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावशीलता दावे से कम प्रतीत होती है।
महामारी के बीच राजनीतिक लड़ाई शुरू
ब्राजील में साओ पाउलो के गवर्नर जोआओ डोरिया और राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के बीच कोरोनावैक और ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को वलेकर राजनीतिक लड़ाई शुरू गई हैं। बोल्सोनारो ने बार-बार कोरोनावाक को बदनाम करने की कोशिश की और इसे “जोआओ डोरिया का चीनी टीका” बताया।लेकिन ब्राजील की 21.2 करोड़ की आबादी के लिए पर्याप्त वैक्सीन सुरक्षित करने के लिए करोड़ डोज के लिए स्थानीय निर्माता ब्यूटान संस्थान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस बीच, ब्राजील भारत से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की 20 लाख डोज लेने की उम्मीद कर रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा इसका उत्पादन किया जाता है।
ब्राजील ने कोरोना वायरस के संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के बीच चीन की कोविड वैक्सीन सिनोवैक बायोटेक लिमिटेड और ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी। बता दें कि इससे पहले ब्राजील ने भारत से कोविड वैक्सीन भेजने का अनुरोध किया था।
ब्राजील के एनविसा स्वास्थ्य नियामक ने रविवार को चीन और ब्रिटेन की कोरोना वायरस वैक्सीन को आपातकालीन स्वीकृति दे दी। ब्राजील विनाशकारी महामारी की दूसरी लहर के बीच बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू करने की तैयारी कर रहा है। ब्राजील ने ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड की कॉविशील्ड वैक्सीन के साथ-साथ चीन की कोरोनावैक वैक्सीन को अधिकृत किया है। एनविसा ने घोषणा की कि यह एक ऐसे राष्ट्र में उपयोग के लिए है, जहां कोविड-19 से अब तक 2,09,000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
चीनी वैक्सीन ने 50 फीसदी असर दिखाया
इस महीने की शुरुआत में ब्राजील ने कहा था कि चीनी वैक्सीन ने लोगों पर वायरस के प्रभाव को रोकने में 50 प्रतिशत असर दिखाया है। ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को लेकर दिसंबर में प्रकाशित रिजल्ट में पाया गया कि यह उन वायलेंटियरों में 62 प्रतिशत प्रभावी रही जिनको दो पूर्ण डोज दिए गए, जिन्हें आधा डोज देने के बाद पूरा डोज दिया गया उनमें यह 90 प्रतिशत प्रभावी रही। लेकिन दोनों अमेरिकी दवा कंपनियों फाइजर और मॉडर्ना द्वारा विकसित वैक्सीनों के लिए बताई गई 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावशीलता दावे से कम प्रतीत होती है।
महामारी के बीच राजनीतिक लड़ाई शुरू
ब्राजील में साओ पाउलो के गवर्नर जोआओ डोरिया और राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो के बीच कोरोनावैक और ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को वलेकर राजनीतिक लड़ाई शुरू गई हैं। बोल्सोनारो ने बार-बार कोरोनावाक को बदनाम करने की कोशिश की और इसे “जोआओ डोरिया का चीनी टीका” बताया।लेकिन ब्राजील की 21.2 करोड़ की आबादी के लिए पर्याप्त वैक्सीन सुरक्षित करने के लिए करोड़ डोज के लिए स्थानीय निर्माता ब्यूटान संस्थान के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस बीच, ब्राजील भारत से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की 20 लाख डोज लेने की उम्मीद कर रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा इसका उत्पादन किया जाता है।
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