बिहार : महंगाई के बीच विपक्षी विधायकों का हल्लाबोल, कोई साइकिल तो कोई मिट्टी का चूल्हा लेकर पहुंचा विधानसभा

बिहार : कांग्रेस और राजद विधायकों का तेल और गैसे की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोध प्रदर्शन
– फोटो : ANI
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कोई साइकिल लेकर विधानसभा पहुंचा तो किसी के हाथ में पारंपरिक मिट्टी का चूल्हा दिखाई दिया। पेट्रोल-़़डीजल के बढ़ते दामों के मद्देनजर महुआ से राजद विधायक मुकेश रौशन साइकिल चलाकर विधानसभा पहुंचे। मुकेश रौशन ने कहा कि मैं हाजीपुर से आ रहा हूं और मैंने सुबह सात बजे से साइकिल चलानी शुरू की थी। राज्य में अपराध चरम पर है, हर चीज महंगी हो रही है, हम सरकार से सवाल करेंगे।
#WATCH Bihar: RJD MLA from Mahua, Mukesh Raushan arrived at State Assembly in Patna today on a bicycle, in protest against rising fuel prices. He says, “I’ve come from Hajipur, I started from there at 7 am today. Crime is at its peak, everything is expensive. We’ll question govt” pic.twitter.com/PsnOrznWeD
— ANI (@ANI) February 19, 2021
इसके अलावा कांग्रेस के विधायक शकील अहमद खान ने भी राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। शकील अहमद रसोई गैस के बढ़ते दाम की वजह से एक हाथ में पारंपरिक मिट्टी का चूल्हा तो दूसरे हाथ में लकड़ी लेकर बजट सत्र के लिए पहुंचे।
विधायक शकील अहमद खान ने कहा कि रसोई गैस के दाम बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं, इसलिए लोगों के पास खाना बनाने की पारंपरिक विधि को इस्तेेमाल करने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमें ये करने के लिए मजबूर किया है।
Bihar: Congress MLAs brought a traditional firewood stove to the State Assembly in Patna today in protest against LPG cylinder price hike. MLA Shakeel Ahmad Khan says, “LPG prices are rising. So people will follow traditional method of cooking food now. BJP has brought us there.” pic.twitter.com/CHQEJgUlca
— ANI (@ANI) February 19, 2021
वहीं सीपीआई-एमएल, सीपीएम और वाम दलों ने कृषि कानून के खिलाफ विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। इनकी मांग है कि बिहार विधानसभा में कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाए और पास कराकर केंद्र को भेजना चाहिए। इसके अलावा एआईएमआईएम के विधायकों ने सीमांचल के बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देने को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। विधायकों का कहना है कि बाढ़ को खत्म हुए कई दिन हो गए हैं लेकिन पीड़ितों को अभी तक उनका मुआवजा नहीं मिला है।