बंगाल: सुवेंदु अधिकारी को मिल सकता है कैबिनेट पद, बनाए जा सकते हैं जेसीआई अध्यक्ष

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Updated Fri, 01 Jan 2021 09:10 AM IST
सुवेंदु अधिकारी (फाइल फोटो)
– फोटो : ANI
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हालांकि केंद्र सरकार ने अभी उनका बायोडाटा मांगा है, लेकिन इन बातों की जानकारी रखने वाले करीबी सूत्रों का कहना है कि उनकी नियुक्ति जनवरी में हो सकती है। टीएमसी छोड़ने से पहले सुवेंदु बंगाल सरकार में लंबे समय तक मंत्री रहे हैं।
अधिकारी के जूट निगम का अध्यक्ष बनने पर बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष राजू बनर्जी ने कहा, ‘यह राज्य के लिए अच्छी खबर है। बहुत सारे किसान बंगाल में जूट की खेती पर निर्भर हैं। राज्य में किसानों के लिए काम करने के लिए उनके पास एक महत्वपूर्ण पद होगा।’
यह भी पढ़ें- सुवेंदु अधिकारी के भाई से छिना कोंताई नगर पालिका चेयरमैन का पद, इन्हें मिली जिम्मेदारी
भारतीय जूट निगम (जेसीआई) की स्थापना 1971 में किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्राप्त करने में मदद करने के एकमात्र उद्देश्य से हुई थी। जब किसानों को एमएसपी मिलने में परेशानी होती है तो संस्था हस्तक्षेप करती है। इसका मुख्यालय कोलकाता में है। जेसीआई ने बंगाल के लगभग 17 जिलों में जूट की खेती में अहम भूमिका निभाई है। जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि सुवेंदु की नियुक्ति ऐसे समय पर हो रही है जब जेसीआई परिवर्तन के चरण में है।
जेसीआई पहले से ही इसरो की सहायता से जूट के बढ़ते क्षेत्रों की भू-मानचित्रण की शुरुआत कर चुका है। इसने किसानों को बिचौलियों को खत्म करने के लिए एक ई-पासबुक भी जारी की है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अनुपम हजरा ने कहा, ‘नए लोगों को भाजपा में प्रमुख स्थान नहीं मिलने के मिथक का अब खत्म हो जाएंगे।’
हालांकि केंद्र सरकार ने अभी उनका बायोडाटा मांगा है, लेकिन इन बातों की जानकारी रखने वाले करीबी सूत्रों का कहना है कि उनकी नियुक्ति जनवरी में हो सकती है। टीएमसी छोड़ने से पहले सुवेंदु बंगाल सरकार में लंबे समय तक मंत्री रहे हैं।
अधिकारी के जूट निगम का अध्यक्ष बनने पर बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष राजू बनर्जी ने कहा, ‘यह राज्य के लिए अच्छी खबर है। बहुत सारे किसान बंगाल में जूट की खेती पर निर्भर हैं। राज्य में किसानों के लिए काम करने के लिए उनके पास एक महत्वपूर्ण पद होगा।’
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भारतीय जूट निगम (जेसीआई) की स्थापना 1971 में किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्राप्त करने में मदद करने के एकमात्र उद्देश्य से हुई थी। जब किसानों को एमएसपी मिलने में परेशानी होती है तो संस्था हस्तक्षेप करती है। इसका मुख्यालय कोलकाता में है। जेसीआई ने बंगाल के लगभग 17 जिलों में जूट की खेती में अहम भूमिका निभाई है। जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि सुवेंदु की नियुक्ति ऐसे समय पर हो रही है जब जेसीआई परिवर्तन के चरण में है।
जेसीआई पहले से ही इसरो की सहायता से जूट के बढ़ते क्षेत्रों की भू-मानचित्रण की शुरुआत कर चुका है। इसने किसानों को बिचौलियों को खत्म करने के लिए एक ई-पासबुक भी जारी की है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अनुपम हजरा ने कहा, ‘नए लोगों को भाजपा में प्रमुख स्थान नहीं मिलने के मिथक का अब खत्म हो जाएंगे।’
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