न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अंबाला (हरियाणा)
Updated Fri, 22 Jan 2021 02:20 AM IST
शहीद निर्मल सिंह अपनी पत्नी के साथ।
– फोटो : अमर उजाला
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तान की फायरिंग में अंबाला के सीनियर हवलदार निर्मल सिंह शहीद हो गए हैं। निर्मल सेना की 10 जेके राइफल्स यूनिट में तैनात थे। क्रॉस फायरिंग के दौरान यह घटना हुई। इसके बाद उन्हें मौके पर ही प्राथमिक उपचार देकर यूनिट बेस में ले जाया गया। हेलीकॉप्टर से मौके पर एक डॉक्टर को भी बुलाया गया लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। शहीद निर्मल सिंह अंबाला शहर के जनसूई गांव के रहने वाले थे। परिवार में उनकी पत्नी के अलावा छह साल की बेटी और तीन साल के बेटे के अलावा एक दिव्यांग भाई भी है। निर्मल की शहादत की सूचना के बाद गांव में गम का माहौल बन गया।
सुबह करीब 11 बजे शहीद का शव हेलीकॉप्टर से अंबाला पहुंचेगा। शव यहां हेडक्वार्टर के सुपुर्द किया जाएगा। इसके बाद तमाम औपचारिकता पूरी करने के बाद शव को सम्मान के साथ गांव जनसूई पहुंचाया जाएगा। जानकारी के अनुसार पुंछ में निर्मल सिंह सीनियर हवलदार पोस्ट कमांडर थे। सुबह 11 बजे अचानक पाकिस्तानी सेना से सीजफायर तोड़ दिया। नियंत्रण रेखा पर कृष्णा घाटी सेक्टर में बनी फॉरवर्ड पोजिशन पर की गई इस फायरिंग में हवलदार निर्मल सिंह घायल हो गए थे। बाद में उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
तीन घंटे पहले पत्नी से की थी बातचीत
ऑनरेरी कैप्टन बजीर सिंह ने बताया कि सुबह आठ बजे करीब दो मिनट के लिए सरकारी फोन से निर्मल सिंह ने अपनी पत्नी से बातचीत की थी और कहा था कि यहां सब ठीक है। कैप्टन बजीर सिंह ने बताया कि निर्मल सिंह करीब तीन महीने पहले ही अंबाला अपने घर से वापस ड्यूटी पर आए थे। जल्द ही उन्हें एक माह की छुट्टी पर जाना था।
दादा ने किया था लालन-पालन
ऑनरेरी कैप्टन बजीर सिंह ने बताया कि निर्मल सिंह के पिता त्रिलोक सिंह उन्हें पांच वर्ष की उम्र में ही छोड़ गए थे। इसके बाद उनका लालन-पालन दादा भगवान सिंह ने किया। लेकिन दो साल पहले भगवान सिंह का भी निधन हो गया था। इस समय परिवार संकट की स्थिति से गुजर रहा है। भाई दिव्यांग है। इसी तरह निर्मल सिंह की माता भी बीमार रहती हैं। परिवार में पत्नी के अलावा छह साल की बड़ी बेटी, तीन साल का छोटा बेटा है। इन सभी की जिम्मेदारी निर्मल सिंह के कंधों पर थी।
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तान की फायरिंग में अंबाला के सीनियर हवलदार निर्मल सिंह शहीद हो गए हैं। निर्मल सेना की 10 जेके राइफल्स यूनिट में तैनात थे। क्रॉस फायरिंग के दौरान यह घटना हुई। इसके बाद उन्हें मौके पर ही प्राथमिक उपचार देकर यूनिट बेस में ले जाया गया। हेलीकॉप्टर से मौके पर एक डॉक्टर को भी बुलाया गया लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। शहीद निर्मल सिंह अंबाला शहर के जनसूई गांव के रहने वाले थे। परिवार में उनकी पत्नी के अलावा छह साल की बेटी और तीन साल के बेटे के अलावा एक दिव्यांग भाई भी है। निर्मल की शहादत की सूचना के बाद गांव में गम का माहौल बन गया।
सुबह करीब 11 बजे शहीद का शव हेलीकॉप्टर से अंबाला पहुंचेगा। शव यहां हेडक्वार्टर के सुपुर्द किया जाएगा। इसके बाद तमाम औपचारिकता पूरी करने के बाद शव को सम्मान के साथ गांव जनसूई पहुंचाया जाएगा। जानकारी के अनुसार पुंछ में निर्मल सिंह सीनियर हवलदार पोस्ट कमांडर थे। सुबह 11 बजे अचानक पाकिस्तानी सेना से सीजफायर तोड़ दिया। नियंत्रण रेखा पर कृष्णा घाटी सेक्टर में बनी फॉरवर्ड पोजिशन पर की गई इस फायरिंग में हवलदार निर्मल सिंह घायल हो गए थे। बाद में उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
तीन घंटे पहले पत्नी से की थी बातचीत
ऑनरेरी कैप्टन बजीर सिंह ने बताया कि सुबह आठ बजे करीब दो मिनट के लिए सरकारी फोन से निर्मल सिंह ने अपनी पत्नी से बातचीत की थी और कहा था कि यहां सब ठीक है। कैप्टन बजीर सिंह ने बताया कि निर्मल सिंह करीब तीन महीने पहले ही अंबाला अपने घर से वापस ड्यूटी पर आए थे। जल्द ही उन्हें एक माह की छुट्टी पर जाना था।
दादा ने किया था लालन-पालन
ऑनरेरी कैप्टन बजीर सिंह ने बताया कि निर्मल सिंह के पिता त्रिलोक सिंह उन्हें पांच वर्ष की उम्र में ही छोड़ गए थे। इसके बाद उनका लालन-पालन दादा भगवान सिंह ने किया। लेकिन दो साल पहले भगवान सिंह का भी निधन हो गया था। इस समय परिवार संकट की स्थिति से गुजर रहा है। भाई दिव्यांग है। इसी तरह निर्मल सिंह की माता भी बीमार रहती हैं। परिवार में पत्नी के अलावा छह साल की बड़ी बेटी, तीन साल का छोटा बेटा है। इन सभी की जिम्मेदारी निर्मल सिंह के कंधों पर थी।
Source link
Like this:
Like Loading...