वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बर्लिन
Updated Mon, 04 Jan 2021 08:18 PM IST
डॉ उगुर साहिन और डॉ ओजलेम टुरेसी (फाइल फोटो)
– फोटो : social media
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वैज्ञानिक उगुर साहिन और ओजलेम टुरेसी, जिन्होंने संक्रामक बीमारियों और कैंसर के इलाज ढूंढने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। इन्हीं दोनों वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की उस वैक्सीन के विकास में भी अहम योगदान दिया है, जिसका निर्माण फाइजर ने किया है।
अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक ने दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन का निर्माण किया है, जिसके आपात इस्तेमाल की अनुमति दुनिया के कई देशों ने दे दी है। आइए जानते हैं इस वैक्सीन के विकास में ममहत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस विवाहित वैज्ञानिक जोड़े के बारे में।
55 वर्षीय उगुर साहिन बायोएनटेक के चीफ एग्जीक्यूटिव हैं। कोलोन की एक खाद्य कारखाने में काम करने वाले तुर्की के प्रवासी के बेटे उगुर का नाम अब 100 सबसे अमीर जर्मनों में शामिल है। उनकी पत्नी ओजलेम (53) भी कंपनी के बोर्ड सदसदस्यों में से एक हैं।
बायोएनटेक की स्थापना साल 2008 में हुई थी। तब से ही इस कंपनी को आर्थित मदद मुहैया कराने वाली वित्तीय फर्म एमआईजी एजी ते बोर्ड सदस्य मैथियास क्रोमायर कहते हैं, ‘उपलब्धियों के बावजूद वह (उगुर साहिन) कभी नहीं बदले। उनका विनम्र और शांत रवैया अभी भी वैसा ही है।’
क्रोमायर का कहना है कि साहिन आम तौर पर भी बिजनेस से संबंधित बैठकों में जींस पहन कर आते हैं और अपना साइकिल हेलमेट और बैकपैक अपने पास रखते हैं।
चिकित्सा का अध्ययन करने और एक चिकित्सक बनने के अपने बचपन के सपने की ओर बढ़ते हुए, साहिन ने कोलोन और दक्षिण-पश्चिमी शहर होंबर्ग के अस्पतालों में पढ़ाने का काम किया। यहां शुरुआती शैक्षणिक जीवन के दौरा उनकी ओजलेम टुरेसी से मुलाकात हुई थी।
ओजलेम टुरेसी एक तुर्की फिजीशियन ही बेटी हैं जो जर्मनी से आए थे। उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया था कि अपनी शादी के दिन भी दोनों ने लैब में अपने काम के लिए वक्त निकाला था। काम के प्रति दोनों का समर्पण इसी बात से समझा जा सकता है।
वैज्ञानिक उगुर साहिन और ओजलेम टुरेसी, जिन्होंने संक्रामक बीमारियों और कैंसर के इलाज ढूंढने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। इन्हीं दोनों वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की उस वैक्सीन के विकास में भी अहम योगदान दिया है, जिसका निर्माण फाइजर ने किया है।
अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक ने दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन का निर्माण किया है, जिसके आपात इस्तेमाल की अनुमति दुनिया के कई देशों ने दे दी है। आइए जानते हैं इस वैक्सीन के विकास में ममहत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस विवाहित वैज्ञानिक जोड़े के बारे में।
55 वर्षीय उगुर साहिन बायोएनटेक के चीफ एग्जीक्यूटिव हैं। कोलोन की एक खाद्य कारखाने में काम करने वाले तुर्की के प्रवासी के बेटे उगुर का नाम अब 100 सबसे अमीर जर्मनों में शामिल है। उनकी पत्नी ओजलेम (53) भी कंपनी के बोर्ड सदसदस्यों में से एक हैं।
बायोएनटेक की स्थापना साल 2008 में हुई थी। तब से ही इस कंपनी को आर्थित मदद मुहैया कराने वाली वित्तीय फर्म एमआईजी एजी ते बोर्ड सदस्य मैथियास क्रोमायर कहते हैं, ‘उपलब्धियों के बावजूद वह (उगुर साहिन) कभी नहीं बदले। उनका विनम्र और शांत रवैया अभी भी वैसा ही है।’
क्रोमायर का कहना है कि साहिन आम तौर पर भी बिजनेस से संबंधित बैठकों में जींस पहन कर आते हैं और अपना साइकिल हेलमेट और बैकपैक अपने पास रखते हैं।
चिकित्सा का अध्ययन करने और एक चिकित्सक बनने के अपने बचपन के सपने की ओर बढ़ते हुए, साहिन ने कोलोन और दक्षिण-पश्चिमी शहर होंबर्ग के अस्पतालों में पढ़ाने का काम किया। यहां शुरुआती शैक्षणिक जीवन के दौरा उनकी ओजलेम टुरेसी से मुलाकात हुई थी।
ओजलेम टुरेसी एक तुर्की फिजीशियन ही बेटी हैं जो जर्मनी से आए थे। उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया था कि अपनी शादी के दिन भी दोनों ने लैब में अपने काम के लिए वक्त निकाला था। काम के प्रति दोनों का समर्पण इसी बात से समझा जा सकता है।
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