पौंग डैम में अब तक 1774 प्रवासी परिंदों ने दम तोड़ा, फ्लू की आशंका, 10 किमी इलाके में सभी गतिविधियां बंद

संवाद न्यूज एजेंसी, तलवाड़ा/होशियारपुर (पंजाब)
Updated Mon, 04 Jan 2021 12:21 PM IST
पौंग डैम वेटलैंड।
– फोटो : फाइल फोटो
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पौंग झील में विदेशी परिंदों की कुछ दिनों से हो रही लगातार मौतों का रहस्य अभी बरकरार है। विभाग ने झील में पर्यटकों के आने पर रोक लगा दी है। वन्य प्राणी विंग ने पौंग झील बंद कर इसके चारों ओर 10 किलोमीटर तक के क्षेत्र में सभी गतिविधियों को फिलहाल बंद करवा दिया है। इस बारे में कांगड़ा जिला प्रशासन को अवगत करवा दिया गया है। अभी तक पोस्टमार्टम न मिलने से विदेशी परिंदों की मौत की वजह का पता नहीं चल पाया है।
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वन्य प्राणी विभाग ने मौत की वजह जानने के लिए मृत परिंदों के सैंपल जालंधर, बरेली और भोपाल भेजे हैं। मंगलवार तक रिपोर्ट आने की उम्मीद है। हालांकि एहतियातन विभाग की टीम मृत परिंदों को जला रही है, ताकि यदि कोई फ्लू हो तो वह फैल न सके।
इस बीच जानकारों का कहना है कि कीटनाशक दवा इन परिंदों की मौत का कारण नहीं हो सकता है, अपितु यह फ्लू है, जो परिंदों में पाया जाता है क्योंकि हर दिन परिंदों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। स्थानीय मछुआरों ने बताया कि झील में और झील के बीच खाली भूमि पर भी कई परिंदे मरे हुए पाए गए, जिससे अब उनकी चिंता बढ़ने लगी है। विदेशी परिंदों की लगातार मौतों से झील किनारे बसे लोगों की चिंता भी बढ़ रही है।
डीएफओ राहुल रहाणे ने बताया कि विदेशी परिंदों की मौत के आंकड़े जमा किए जा रहे हैं। विभाग पूरी मुस्तैदी से इनके बचाव के लिए लगा हुआ है। झील में वाइल्ड लाइफ व वन्य विभाग के अधिकारी दिन-रात कार्य कर रहे हैं। 29 दिसंबर से 3 जनवरी तक मरे प्रवासी पक्षियों को एक गहरे गड्ढे में डालने के पश्चात अग्नि भेंट कर दिया गया। बाद में गड्ढे को भर दिया गया है। एक किलोमीटर के अंदर जितने भी व्यापारी या फिर पोल्ट्री फार्म है, उसकी भी पूरी जानकारी एकत्र की जा रही है। इसके बारे लोगों को भी बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि झील के किनारे हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचे हुए हैं।
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