पेट्रोल के दामों का शतक: राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश में भी 100 रुपये के पार पहुंचा पेट्रोल

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बृहस्पतिवार को पेट्रोल की कीमत में 34 पैसे और डीजल की कीमत में 32 पैसे की वृद्धि हुई। मध्यप्रदेश के अनूपपुर में पेट्रोल 100 रुपये 25 पैसे और डीजल 90.35 रुपये में बिक रहा है। गौरतलब है कि स्थानीय कर के आधार पर अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमत में अंतर रहता है। राजस्थान में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा वैट वसूला जाता है।
उसके बाद सबसे ज्यादा कर मध्य प्रदेश का है। प्रधानमंत्री मोदी ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में उछाल के लिए भारत का 85 फीसदी से ज्यादा आयात पर निर्भरता को जिम्मेदार ठहराया था।
- केंद्र ने एक साल में एक्साइज ड्यूटी 13 रुपये बढ़ाई, बोझ पूरा पर राहत नहीं मिली।
- 2019-20 में तेल का आयात 85 फीसदी हुआ जबकि गैस 53 फीसदी।
- जानकारों का का कहना है कि इस बार दामों में बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय वजहों से नहीं हो रही है। इस बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम उतार-चढ़ाव की स्थिति में नहीं हैं। डॉलर के मुकाबले रुपया भी स्थिर है।
पीएम ने कहा, पुरानी कांग्रेस सरकारों ने अगर समय रहते ईंधन के मामले में विदेशों पर निर्भरता घटाई होती तो आज दाम इस तरह बेतहाशा नहीं बढ़ते।
तेल इसलिए महंगा
पेट्रोल पर केंद्र की एक्साइज ड्यूटी
जनवरी में – 19.98 रुपये
वर्तमान – 32.98 रुपये
डीजल पर केंद्र की एक्साइज ड्यूटी
जनवरी में – 15.83 रुपये
वर्तमान-31.83 रुपये
- इसके अलावा राज्य सरकारों ने भी वैट बढ़ाया, दिल्ली में 27 से बढ़कर 30 फीसदी किया गया।
ये भी कारण
- कोविड से उबरने के बाद तेल की मांग बढ़ी है। अक्तूबर से अब तक 40 डॉलर से बढ़कर 63 डॉलर हुए दाम।
- सऊदी अरब ने उत्पादन में कमी की। फरवरी-मार्च में विभिन्न इकाइयों पर उत्पादन 10 लाख से 81 लाख बैरल तक घटाया।
अन्य देशों में पेट्रोल के दाम (रुपये प्रति लीटर)
अमेरिका – 45
चीन – 52
ब्राजील – 62
पाकिस्तान – 48
वेनेजुएला – 1.4
बृहस्पतिवार को पेट्रोल की कीमत में 34 पैसे और डीजल की कीमत में 32 पैसे की वृद्धि हुई। मध्यप्रदेश के अनूपपुर में पेट्रोल 100 रुपये 25 पैसे और डीजल 90.35 रुपये में बिक रहा है। गौरतलब है कि स्थानीय कर के आधार पर अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमत में अंतर रहता है। राजस्थान में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा वैट वसूला जाता है।
उसके बाद सबसे ज्यादा कर मध्य प्रदेश का है। प्रधानमंत्री मोदी ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में उछाल के लिए भारत का 85 फीसदी से ज्यादा आयात पर निर्भरता को जिम्मेदार ठहराया था।
- केंद्र ने एक साल में एक्साइज ड्यूटी 13 रुपये बढ़ाई, बोझ पूरा पर राहत नहीं मिली।
- 2019-20 में तेल का आयात 85 फीसदी हुआ जबकि गैस 53 फीसदी।
- जानकारों का का कहना है कि इस बार दामों में बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय वजहों से नहीं हो रही है। इस बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम उतार-चढ़ाव की स्थिति में नहीं हैं। डॉलर के मुकाबले रुपया भी स्थिर है।
पीएम ने कहा, पुरानी कांग्रेस सरकारों ने अगर समय रहते ईंधन के मामले में विदेशों पर निर्भरता घटाई होती तो आज दाम इस तरह बेतहाशा नहीं बढ़ते।
तेल इसलिए महंगा
पेट्रोल पर केंद्र की एक्साइज ड्यूटी
जनवरी में – 19.98 रुपये
वर्तमान – 32.98 रुपये
डीजल पर केंद्र की एक्साइज ड्यूटी
जनवरी में – 15.83 रुपये
वर्तमान-31.83 रुपये
- इसके अलावा राज्य सरकारों ने भी वैट बढ़ाया, दिल्ली में 27 से बढ़कर 30 फीसदी किया गया।
ये भी कारण
- कोविड से उबरने के बाद तेल की मांग बढ़ी है। अक्तूबर से अब तक 40 डॉलर से बढ़कर 63 डॉलर हुए दाम।
- सऊदी अरब ने उत्पादन में कमी की। फरवरी-मार्च में विभिन्न इकाइयों पर उत्पादन 10 लाख से 81 लाख बैरल तक घटाया।
अन्य देशों में पेट्रोल के दाम (रुपये प्रति लीटर)
अमेरिका – 45
चीन – 52
ब्राजील – 62
पाकिस्तान – 48
वेनेजुएला – 1.4