सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव।
– फोटो : amar ujala
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उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में अनवरगंज में बनने वाला सपा का आवासीय कार्यालय न सिर्फ पूर्वांचल में सपा की गतिविधियों का केंद्र बनेगा, बल्कि यहां से समाजवाद की नई पौध भी तैयार की जाएगी। यहां बनने वाला सपा कार्यालय शिक्षण-प्रशिक्षण का भी केंद्र होगा। साथ ही युवाओं और नए लोगों के समाजवादी संघर्ष, आंदोलनों और समाजवादी नेताओं के जीवन के बारे जानकारी दी जाएगी। समाजवाद की नई पौध तैयार की जाएगी। इस प्रशिक्षक का कार्य सपा के वरिष्ठ नेताओं रणनीतिकार करेंगे।
सपा मुखिया के परिवार का आजमगढ़ से जुड़ाव जगजाहिर है। यही कारण है कि पहले मुलायम सिंह यादव और अब उनके पुत्र में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ के सांसद के रूप में यहां प्रतिनिधित्व करते हैं। सांसद होने के बाद भी आजमगढ़ से उनकी दूरी को लेकर सवाल खड़े किए जाते हैं।
सपा के अतरौलिया विधायक डॉ. संग्राम यादव ने बताया कि सपा का ये मुख्य कार्यालय सपा की पूर्वांचल की गतिविधियों का केंद्र बिंदु होगा। गौरतलब है कि शुक्रवार को इस आवासीय कार्यालय के लिए 4374 वर्ग मीटर भूमि का बैनामा कराया गया था। कयास लगाए जा रहे हैं कि विस चुनाव से पहले इस कार्यालय का निर्माण पूरा हो सकता है।
वर्ष 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में कार्यालय की भूमि का महत्वपूर्ण होगी। विधायक डॉ. संग्राम यादव ने बताया कि जिला कार्यालय अपने पुराने स्थान पर ही चलेगा। नया मुख्य कार्यालय समाजवादी पार्टी का शिक्षण-प्रशिक्षण केंद्र होगा। यहां सपा के आंदोलनों के इतिहास को सहेजा जाएगा। युवा पीढ़ी और नये लोगों को इससे अवगत कराया जाएगा।
यहां पर डॉ. राम मनोहर लोहिया, डॉ. भीमराव आंबेडकर, जनेश्वर मिश्र, मुलायम सिंह यादव की विचारधारा और अखिलेश की नीतियों व कार्यक्रमों की जानकारी युवा पीढ़ी को देने के लिए सेमिनार आदि का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यहां आकर रुकेंगे और जिले के साथ ही पूर्वांचल के पदाधिकारियों से मुलाकात भी करेंगे।
सपा की विचारधारा को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को निर्देश भी जारी किया जाएगा। यहां युवाओं को यह भी बताया जाएगा कि भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में समाजवादियों की क्या भूमिका रही और उन्होंने किस प्रकार अपनी भूमिका का निर्वहन किया। पार्टी के बड़े नेता यहां आकर युवाओं से संवाद करेंगे। ताकि उन्हें समाजवादी विचार धारा से जोड़ा सके।
पूर्वांचल से निकलता है सपा के सत्ता में आने का रास्ता
पूर्वांचल के आजमगढ़, मऊ, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, जौनपुर, भदोही, मिर्जापुर, देवरिया आदि जनपदों की 100 से 125 विधानसभा सीटों से होकर ही सपा के सत्ता में आने का रास्ता खुलता है। इसी के दम पर सपा प्रदेश की सत्ता पर काबिज होती है। इन विधानसभा सीटों पर सपा की रणनीति इसी कार्यालय से तय होगी।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में अनवरगंज में बनने वाला सपा का आवासीय कार्यालय न सिर्फ पूर्वांचल में सपा की गतिविधियों का केंद्र बनेगा, बल्कि यहां से समाजवाद की नई पौध भी तैयार की जाएगी। यहां बनने वाला सपा कार्यालय शिक्षण-प्रशिक्षण का भी केंद्र होगा। साथ ही युवाओं और नए लोगों के समाजवादी संघर्ष, आंदोलनों और समाजवादी नेताओं के जीवन के बारे जानकारी दी जाएगी। समाजवाद की नई पौध तैयार की जाएगी। इस प्रशिक्षक का कार्य सपा के वरिष्ठ नेताओं रणनीतिकार करेंगे।
सपा मुखिया के परिवार का आजमगढ़ से जुड़ाव जगजाहिर है। यही कारण है कि पहले मुलायम सिंह यादव और अब उनके पुत्र में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ के सांसद के रूप में यहां प्रतिनिधित्व करते हैं। सांसद होने के बाद भी आजमगढ़ से उनकी दूरी को लेकर सवाल खड़े किए जाते हैं।
सपा के अतरौलिया विधायक डॉ. संग्राम यादव ने बताया कि सपा का ये मुख्य कार्यालय सपा की पूर्वांचल की गतिविधियों का केंद्र बिंदु होगा। गौरतलब है कि शुक्रवार को इस आवासीय कार्यालय के लिए 4374 वर्ग मीटर भूमि का बैनामा कराया गया था। कयास लगाए जा रहे हैं कि विस चुनाव से पहले इस कार्यालय का निर्माण पूरा हो सकता है।
वर्ष 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में कार्यालय की भूमि का महत्वपूर्ण होगी। विधायक डॉ. संग्राम यादव ने बताया कि जिला कार्यालय अपने पुराने स्थान पर ही चलेगा। नया मुख्य कार्यालय समाजवादी पार्टी का शिक्षण-प्रशिक्षण केंद्र होगा। यहां सपा के आंदोलनों के इतिहास को सहेजा जाएगा। युवा पीढ़ी और नये लोगों को इससे अवगत कराया जाएगा।
यहां पर डॉ. राम मनोहर लोहिया, डॉ. भीमराव आंबेडकर, जनेश्वर मिश्र, मुलायम सिंह यादव की विचारधारा और अखिलेश की नीतियों व कार्यक्रमों की जानकारी युवा पीढ़ी को देने के लिए सेमिनार आदि का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यहां आकर रुकेंगे और जिले के साथ ही पूर्वांचल के पदाधिकारियों से मुलाकात भी करेंगे।
सपा की विचारधारा को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को निर्देश भी जारी किया जाएगा। यहां युवाओं को यह भी बताया जाएगा कि भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में समाजवादियों की क्या भूमिका रही और उन्होंने किस प्रकार अपनी भूमिका का निर्वहन किया। पार्टी के बड़े नेता यहां आकर युवाओं से संवाद करेंगे। ताकि उन्हें समाजवादी विचार धारा से जोड़ा सके।
पूर्वांचल से निकलता है सपा के सत्ता में आने का रास्ता
पूर्वांचल के आजमगढ़, मऊ, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, जौनपुर, भदोही, मिर्जापुर, देवरिया आदि जनपदों की 100 से 125 विधानसभा सीटों से होकर ही सपा के सत्ता में आने का रास्ता खुलता है। इसी के दम पर सपा प्रदेश की सत्ता पर काबिज होती है। इन विधानसभा सीटों पर सपा की रणनीति इसी कार्यालय से तय होगी।
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