पार्टी महाधिवेशन में तय होगा वियतनाम का नया रास्ता, चीन का विकल्प बनने की तैयारी

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सार
अमेरिका से शीत युद्ध के दिनों में वियतनाम की दुश्मनी थी, लेकिन हाल के वर्षों में दोनों देशों के संबंधों में काफी सुधार हुआ है। चीन की ताकत को नियंत्रित करने के प्रयासों में अमेरिका वियतनाम को अपना सहयोगी मानता है…
विस्तार
वियतनाम उन गिने-चुने देशों में है, जिसने कोरोना महामारी का कामयाबी से मुकाबला किया। साथ ही जिसकी अर्थव्यवस्था इस दौर में भी विकसित हुई है। उसके आर्थिक प्रदर्शन को देखते हुए दुनिया भर में वियतनाम को मध्यम दर्जे की उभरती हुई आर्थिक ताकत के रूप में देखा जाने लगा है।
लेकिन देश के अंदर इन दिनों ज्यादा चर्चा फैल रहे भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और नौकरशाही की जकड़नों पर हो रही है। इन मामले में वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के 13वें महाधिवेशन में क्या फैसले होते हैं, इसपर पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया की नजर टिकी हुई है। हनोई में हो रहा ये महाधिवेशन दो फरवरी तक चलेगा। इसमें देश भर से आए 1600 से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
हाल के वर्षों में अमेरिका और चीन वियतनाम के सबसे बड़े दो व्यापार भागीदार के रूप में उभरे हैं। इसीलिए अमेरिका और चीन में बिगड़े संबंधों का सीधा असर दस करोड़ की आबादी वाले इस देश में महसूस किया गया है। आज वियतनाम के सामने चुनौती अमेरिका और चीन से संबंधों को इस तरह बनाए रखने की है, जिससे उसकी आर्थिक विकास की रफ्तार आगे बढ़ सके। वियतनाम चीन की तरह ही कम्युनिस्ट देश है, लेकिन चीन के साथ उसका सीमा विवाद है।
अमेरिका से शीत युद्ध के दिनों में वियतनाम की दुश्मनी थी, लेकिन हाल के वर्षों में दोनों देशों के संबंधों में काफी सुधार हुआ है। चीन की ताकत को नियंत्रित करने के प्रयासों में अमेरिका वियतनाम को अपना सहयोगी मानता है। अमेरिकी अधिकारियों ने खुलेआम ये इच्छा जताई है कि वियतनाम मैन्युफैक्चरिंग केंद्र के रूप में चीन का विकल्प बने।
विश्लेषकों का कहना है कि इसका वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महाधिवेशन पर असर देखने को मिल सकता है। कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर चीन और अमेरिका समर्थक गुट हैं। उनमें कौऩ भारी पड़ता है, इसे बाहरी दुनिया में दिलचस्पी से देखा जाएगा। पार्टी की सेंट्रल कमेटी के लिए होने वाले चुनाव में किस रूझान के सदस्य चुने जाते हैं, इससे वियतनाम के अगले रुख का संकेत मिलेगा।
लंदन स्थित थिंक टैंक चैटहम में एशिया प्रशांत कार्यक्रम में फेलॉ बिल हेयटॉन ने हांगकांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से कहा कि सेंट्रल कमेटी में जगह पाने के लिए पार्टी के भीतर महाधिवेशन के काफी समय पहले से संघर्ष चलता है। पांच साल पहले हुए पिछले महाधिवेशन के बाद से लड़ाई मुख्य रूप से वफादारों और उदारीकरण समर्थकों में रही है।
वफादार चाहते हैं कि वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी देश में सत्ता का केंद्रीय स्रोत बनी रहे। जबकि उदारीकरण समर्थक आर्थिक विकास के मामले में लचीलापन बरतने के समर्थक हैं। इनमें कौन गुट भारी पड़ता है, उसका असर महाधिवेशन में तय होने वाली अगली पंचवर्षीय योजना की रूप-रेखा पर पड़ेगा।
वियतनाम का नेतृत्व चार स्तरों में बंटा रहता है। ये हैं- पार्टी महासचिव, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और नेशनल असेंबली के चेयरमैन। इनके बीच पार्टी महासचिव सर्वाधिक शक्तिशाली होता है। मौजूदा महासचिव न्गुयेन फू त्रोंग 72 साल के हो चुके हैं और उनकी सेहत ठीक नहीं है।
इसलिए संभावना है कि 13वें महाधिवेशन के दौरान वे पद छोड़ने का एलान करेंगे। अनुमान लगाया जा रहा है कि 67 वर्षीय त्रान क्यूवोक वुओंग नए महासचिव बनेंगे। त्रान फिलहाल पार्टी के सेंट्रल ऑफिस के प्रमुख हैं। वे भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के प्रमुख संचालक रहे हैं।