जिला जेल पानीपत में तिनका लाइब्रेरी का शुभारंभ
– फोटो : अमर उजाला
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जिला जेल पानीपत ने अब बंदियों के लिए एक विशेष लाइब्रेरी बना डाली है। यह लाइब्रेरी खास तौर पर महिला बंदियों को दिमाग में रखकर बनाई गई है। इस जेल में फिलहाल 1000 बंदी हैं। कोरोना के चलते महिलाओं को करनाल की जेल में शिफ्ट किया गया है लेकिन जल्द ही महिला बंदियों के वापस लौट आने की संभावना हैं।
तिनका तिनका अभियान के तहत अब जेलों में महिलाओं के लिए लाइब्रेरी का अभियान शुरू किया गया है ताकि वे सक्षम और साक्षर बन सकें। इस लाइब्रेरी को तिनका तिनका फाउंडेशन और देओरा सेवा निधि, कोलकाता ने बनाया है। इसका उदघाटन आज चीफ ज्यूडिशियल मेजिस्ट्रेट और सेक्रेटरी डिस्ट्रिकट लीगल सर्विसिस अथॉरिटी अमित शर्मा, पानीपत जिला जेल के सुपरिंटेंडेंट देवी दयाल और तिनका तिनका की संस्थापक डॉ. वर्तिका नंदा ने किया।
इस मौके पर अमित शर्मा ने कहा कि जेल लाइब्रेरी से बंदियों को कानूनी जानकारी से भी जोड़ा जा सकेगा। किताबें उनके लिए भविष्य का रास्ता खोलेंगी। जेल अधीक्षक देवी दयाल ने कहा कि जेल के रेडियो के बाद अब लाइब्रेरी का आना इस जेल में सुधार के कामों को और मजबूत करेगा और उनका मानसिक तनाव कम होगा। इससे उनके लिए ज्ञान को अर्जित करने का साधन बनेगा। जिला जेल पानीपत में 16 जनवरी को जेल रेडियो की शुरुआत हुई थी। दिसम्बर 2020 में ट्रैनिंग के तहत तिनका तिनका फांउंडेशन ने हरियाणा के 21 बंदियों को प्रशिक्षित किया था जिनमें से पांच बंदी पानीपत जेल से हैं। अब जेल में नियमित तौर पर एक घंटे का कार्यक्रम होता है।
इस मौके पर वर्तिका नंदा ने कहा कि यह जेल लाइब्रेरी जेल रेडियो को सुदृढ़ बनाने का एक प्रयास है। हम बन्दियों को नई किताबें पढ़ने और उनकी समीक्षा करने के लिए भी प्रोत्साहित करेंगे। तिनका तिनका इस प्रयास के जरिए देश की जेलों को रेडियो और किताबों से जोड़ रहा है। इस लाइब्रेरी का संचालन जेल के ही दो बंदी करेंगे।
देओरा सेवा निधि के संस्थापक सतीश देओरा ने कहा कि हम तिनका तिनका लाइब्रेरी के जरिए उत्तर भारत की जेलों में एक नई पहल कर रहे हैं। हमारा मकसद धीरे-धीरे देश की और जेलों में भी लाइब्रेरी स्थापित करने का है।
हरियाणा में कुल 19 जेलें हैं जिनमें से 16 ज़िला जेलें और 3 केंद्रीय जेलें हैं। भारत की जेलों में इस समय करीब पांच लाख बंदी हैं। पानीपत की जेल में करीब 1000 बंदी हैं जिनमें केवल 130 निरक्षर हैं। इसलिये जेल में लाइब्रेरी का आना सबल भारत की तरफ एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक वर्तिका नंदा ने 2019 में जिला जेल आगरा में रेडियो की शुरुआत की थी। हरियाणा की जेलों में रेडियो उन्हीं की संकल्पना पर आधारित है। वे मीडिया और महिला सशक्तिकरण के अपने काम के लिए 2014 में भारत के राष्ट्रपति से स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। वे दिल्ली विशव्विद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख हैं।
जिला जेल पानीपत ने अब बंदियों के लिए एक विशेष लाइब्रेरी बना डाली है। यह लाइब्रेरी खास तौर पर महिला बंदियों को दिमाग में रखकर बनाई गई है। इस जेल में फिलहाल 1000 बंदी हैं। कोरोना के चलते महिलाओं को करनाल की जेल में शिफ्ट किया गया है लेकिन जल्द ही महिला बंदियों के वापस लौट आने की संभावना हैं।
तिनका तिनका अभियान के तहत अब जेलों में महिलाओं के लिए लाइब्रेरी का अभियान शुरू किया गया है ताकि वे सक्षम और साक्षर बन सकें। इस लाइब्रेरी को तिनका तिनका फाउंडेशन और देओरा सेवा निधि, कोलकाता ने बनाया है। इसका उदघाटन आज चीफ ज्यूडिशियल मेजिस्ट्रेट और सेक्रेटरी डिस्ट्रिकट लीगल सर्विसिस अथॉरिटी अमित शर्मा, पानीपत जिला जेल के सुपरिंटेंडेंट देवी दयाल और तिनका तिनका की संस्थापक डॉ. वर्तिका नंदा ने किया।
इस मौके पर अमित शर्मा ने कहा कि जेल लाइब्रेरी से बंदियों को कानूनी जानकारी से भी जोड़ा जा सकेगा। किताबें उनके लिए भविष्य का रास्ता खोलेंगी। जेल अधीक्षक देवी दयाल ने कहा कि जेल के रेडियो के बाद अब लाइब्रेरी का आना इस जेल में सुधार के कामों को और मजबूत करेगा और उनका मानसिक तनाव कम होगा। इससे उनके लिए ज्ञान को अर्जित करने का साधन बनेगा। जिला जेल पानीपत में 16 जनवरी को जेल रेडियो की शुरुआत हुई थी। दिसम्बर 2020 में ट्रैनिंग के तहत तिनका तिनका फांउंडेशन ने हरियाणा के 21 बंदियों को प्रशिक्षित किया था जिनमें से पांच बंदी पानीपत जेल से हैं। अब जेल में नियमित तौर पर एक घंटे का कार्यक्रम होता है।
इस मौके पर वर्तिका नंदा ने कहा कि यह जेल लाइब्रेरी जेल रेडियो को सुदृढ़ बनाने का एक प्रयास है। हम बन्दियों को नई किताबें पढ़ने और उनकी समीक्षा करने के लिए भी प्रोत्साहित करेंगे। तिनका तिनका इस प्रयास के जरिए देश की जेलों को रेडियो और किताबों से जोड़ रहा है। इस लाइब्रेरी का संचालन जेल के ही दो बंदी करेंगे।
देओरा सेवा निधि के संस्थापक सतीश देओरा ने कहा कि हम तिनका तिनका लाइब्रेरी के जरिए उत्तर भारत की जेलों में एक नई पहल कर रहे हैं। हमारा मकसद धीरे-धीरे देश की और जेलों में भी लाइब्रेरी स्थापित करने का है।
हरियाणा में कुल 19 जेलें हैं जिनमें से 16 ज़िला जेलें और 3 केंद्रीय जेलें हैं। भारत की जेलों में इस समय करीब पांच लाख बंदी हैं। पानीपत की जेल में करीब 1000 बंदी हैं जिनमें केवल 130 निरक्षर हैं। इसलिये जेल में लाइब्रेरी का आना सबल भारत की तरफ एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक वर्तिका नंदा ने 2019 में जिला जेल आगरा में रेडियो की शुरुआत की थी। हरियाणा की जेलों में रेडियो उन्हीं की संकल्पना पर आधारित है। वे मीडिया और महिला सशक्तिकरण के अपने काम के लिए 2014 में भारत के राष्ट्रपति से स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। वे दिल्ली विशव्विद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख हैं।
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