वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, इस्लामाबाद
Updated Tue, 05 Jan 2021 04:11 PM IST
पाकिस्तान में मंदिर को तोड़ते हुए कट्टरपंथी
– फोटो : video grab
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पाकिस्तान में मंदिर विध्वंस मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई में कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताते हुए खैबर पख्तूनख्वा की सरकार को आदेश दिया कि मंदिर के साथ-साथ श्री परमहंस जी महाराज की समाधि का दो सप्ताह के अंदर पुनर्निर्माण करे। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि मंदिर में तोड़फोड़ करने वाले ही इसके पुनर्निर्माण का खर्च उठाएंगे।
बता दें कि मंदिर विध्वंस मामले में अब तक 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार किए गए लोगों को आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) में पेश किया गया और अदालत ने आरोपियों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के नेताओं ने मंदिर पर हमले की कड़ी निंदा की है।
वहीं इस मामले में पाकिस्तान सरकार ने 8 पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया है। भारत ने भी मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को लेकर पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया था और इस घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की।
गौरतलब है कि खैबर पख्तूनख्वा में करक जिले के टेरी गांव में पिछले बुधवार को कुछ स्थानीय मौलवियों और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी (फजल उर रहमान समूह) के समर्थकों की अगुवाई में भीड़ ने पुराने ढांचे के साथ-साथ नए निर्माण कार्य को ध्वस्त कर दिया था और आग लगा दी थी।
पाकिस्तान में मंदिर विध्वंस मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई में कोर्ट ने सख्त नाराजगी जताते हुए खैबर पख्तूनख्वा की सरकार को आदेश दिया कि मंदिर के साथ-साथ श्री परमहंस जी महाराज की समाधि का दो सप्ताह के अंदर पुनर्निर्माण करे। मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि मंदिर में तोड़फोड़ करने वाले ही इसके पुनर्निर्माण का खर्च उठाएंगे।
बता दें कि मंदिर विध्वंस मामले में अब तक 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार किए गए लोगों को आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) में पेश किया गया और अदालत ने आरोपियों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के नेताओं ने मंदिर पर हमले की कड़ी निंदा की है।
वहीं इस मामले में पाकिस्तान सरकार ने 8 पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया है। भारत ने भी मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को लेकर पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया था और इस घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की।
गौरतलब है कि खैबर पख्तूनख्वा में करक जिले के टेरी गांव में पिछले बुधवार को कुछ स्थानीय मौलवियों और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी (फजल उर रहमान समूह) के समर्थकों की अगुवाई में भीड़ ने पुराने ढांचे के साथ-साथ नए निर्माण कार्य को ध्वस्त कर दिया था और आग लगा दी थी।
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