मसूद अजहर (फाइल फोटो)
– फोटो : Social Media
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पाकिस्तान में बृहस्पतिवार को एक आतंक निरोधी अदालत (एटीसी) ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के मुखिया मसूद अजहर का गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। मसूद अजहर 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमले और साल 2001 में भारतीय संसद पर आतंकी हमले का मास्टर माइंड है।
अजहर का नाम संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित वैश्विक आतंकी सूची में भी शामिल है। फिलहाल उसके अपने पैतृक शहर बहावलपुर में एक ‘सेफ हाउस’ में छिपे होने की सूचना है। मसूद के खिलाफ कार्रवाई को पाकिस्तान की तरफ से वैश्विक आतंकी वित्त पोषण निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की वित्तीय प्रतिबंधों की ग्रे सूची से बाहर निकलने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें पाकिस्तान का नाम जून, 2018 से मौजूद है।
गुजरांवाला की आतंक निरोधी अदालत ने जैश के कुछ सदस्यों के खिलाफ दाखिल आतंकी वित्त पोषण मामले में सुनवाई के दौरान अजहर का वारंट जारी किया। यह मामला पंजाब पुलिस के काउंटर टेररिजम डिपार्टमेंट (सीटीडी) की तरफ से दाखिल किया गया है। एक अधिकारी के मुताबिक, एटीसी गुजरांवाला की जज नताशा नसीम सपरा ने मसूद अजहर की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। जज ने सीटीडी को वारंट पर अमल करते हुए अजहर को अदालत में पेश करने का आदेश दिया। सीटीडी ने जज से कहा था कि जैश प्रमुख अजहर आतंकी वित्त पोषण और जिहादी साहित्य की बिक्री में शामिल है। अधिकारी ने बताया कि एटीसी जज ने सीटीडी इंस्पेक्टर के आग्रह के बाद जैश प्रमुख का गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
अजहर भारत में भगोड़ा घोषित है। उसे 1999 में आतंकियों ने भारतीय विमान आईसी-814 का अपहरण करने के बाद काबुल ले जाकर यात्रियों के बदले रिहा कराया था। रिहा होने के बाद ही अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद का गठन कर भारत में आतंकी हमले कराने शुरू किए थे।
पुलवामा हमले के बाद किया था कार्रवाई का दावा
फरवरी, 2019 में भारत में पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की पंजाब राज्य पुलिस ने आतंकी वित्त पोषण के खिलाफ अभियान छेड़ने की घोषणा की थी। इस दौरान गुजरांवाला में जैश के करीब छह प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार कर लाखों रुपये की नगदी बरामद करने का दावा किया गया था। सीटीडी का आरोप है कि गिरफ्तार किए गए छह संदिग्ध जैश की वित्तीय गतिविधियों के लिए फंड जुटाने का काम करते हैं। इन छह लोगों के खिलाफ गुजरांवाला की आतंक निरोधी अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई थी।
पाकिस्तान में बृहस्पतिवार को एक आतंक निरोधी अदालत (एटीसी) ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के मुखिया मसूद अजहर का गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। मसूद अजहर 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमले और साल 2001 में भारतीय संसद पर आतंकी हमले का मास्टर माइंड है।
अजहर का नाम संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित वैश्विक आतंकी सूची में भी शामिल है। फिलहाल उसके अपने पैतृक शहर बहावलपुर में एक ‘सेफ हाउस’ में छिपे होने की सूचना है। मसूद के खिलाफ कार्रवाई को पाकिस्तान की तरफ से वैश्विक आतंकी वित्त पोषण निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की वित्तीय प्रतिबंधों की ग्रे सूची से बाहर निकलने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें पाकिस्तान का नाम जून, 2018 से मौजूद है।
गुजरांवाला की आतंक निरोधी अदालत ने जैश के कुछ सदस्यों के खिलाफ दाखिल आतंकी वित्त पोषण मामले में सुनवाई के दौरान अजहर का वारंट जारी किया। यह मामला पंजाब पुलिस के काउंटर टेररिजम डिपार्टमेंट (सीटीडी) की तरफ से दाखिल किया गया है। एक अधिकारी के मुताबिक, एटीसी गुजरांवाला की जज नताशा नसीम सपरा ने मसूद अजहर की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। जज ने सीटीडी को वारंट पर अमल करते हुए अजहर को अदालत में पेश करने का आदेश दिया। सीटीडी ने जज से कहा था कि जैश प्रमुख अजहर आतंकी वित्त पोषण और जिहादी साहित्य की बिक्री में शामिल है। अधिकारी ने बताया कि एटीसी जज ने सीटीडी इंस्पेक्टर के आग्रह के बाद जैश प्रमुख का गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
अजहर भारत में भगोड़ा घोषित है। उसे 1999 में आतंकियों ने भारतीय विमान आईसी-814 का अपहरण करने के बाद काबुल ले जाकर यात्रियों के बदले रिहा कराया था। रिहा होने के बाद ही अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद का गठन कर भारत में आतंकी हमले कराने शुरू किए थे।
पुलवामा हमले के बाद किया था कार्रवाई का दावा
फरवरी, 2019 में भारत में पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की पंजाब राज्य पुलिस ने आतंकी वित्त पोषण के खिलाफ अभियान छेड़ने की घोषणा की थी। इस दौरान गुजरांवाला में जैश के करीब छह प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार कर लाखों रुपये की नगदी बरामद करने का दावा किया गया था। सीटीडी का आरोप है कि गिरफ्तार किए गए छह संदिग्ध जैश की वित्तीय गतिविधियों के लिए फंड जुटाने का काम करते हैं। इन छह लोगों के खिलाफ गुजरांवाला की आतंक निरोधी अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई थी।
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