पाकिस्तान में बिजली गुल
– फोटो : social media
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पाकिस्तान में राजधानी इस्लामाबाद समेत कई अहम शहर शनिवार रात को कई घंटों तक रात के अंधेरे में डूबे रहे। ऐसा इसलिए क्योंकि शनिवार रात को देशव्यापी पावस फ्रीक्वेंसी सिस्टम में अचानक गिरावट आ गई थी। हालांकि अगले दिन आधी बिजली रिस्टोर कर ली गई थी। अधिकारियों ने बताया कि बिजली गुल की जांच की जा रही है।
रविवार को पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री उमर अयूब ने बताया कि अब सिस्टम स्थिर है और बिजली सप्लाई को अहम शहरों में रिस्टोर कर लिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि अगले कुछ घंटों में बिजली को दोबारा शुरू कर दिया जाएगा। हाल ही में हुए बिजली गुल की घटना देश में अब तक सबसे खतरनाक घटनाओं में से एक है। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है।
पाकिस्तान की नाजुक बिजली वितरण प्रणाली के कारण, ऐसी बिजली गुल की घटनाएं होती रहती हैं।
शनिवार की रात को क्या हुआ था?
शनिवार रात 12 से बजे से थोड़ा समय पहले, पाकिस्तान के अहम शहरों जैसे लाहौर, इस्लामाबाद, कराची, रावलपिंडी और मुल्तान में एक साथ बिजली गुल हो गई थी। कई घंटों तक कई छोटे शहरों और कस्बों में बिजली नहीं थी। रविवार को उर्जा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान के तारबेला और वारसाक बिजली संयंत्र में बिजली वापस आ गई थी लेकिन बाकी शहरों में अभी आनी बाकी है।
इस्लामाबाद में सुबह अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री अयूब ने कहा कि रात को 11.41 बजे बिजली कट हो गई थी। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में गुड्डू पावर प्लांट में एक टेक्निकल फॉल्ट की वजह से बिजली चली गई थी। अचानक से पावर फ्रीक्वेंसी सिस्टमें में 50-0 की गिरावट के बाद बिजली एक साथ चली गई।
उन्होंने कहा कि कैस्केडिंग इफेक्ट कहा जाता है, जिससे पावर सिस्टम बंद हो जाता है। इससे 10,320 मेगावाट बिजली रुक गई। ऊर्जा मंत्री ने बाद में ट्वीट करते हुए लिखा कि वो निजी तौर पर बिजली के वापस आने की प्रक्रिया पर निगरानी कर रहे हैं। एक टीम तारबेला पावर स्टेशन दोबारा शुरू करने की कोशिश कर रही है।
हालांकि ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि हमाी टीम गुड्डू इलाका की जांच कर रही है ताकि इस फॉल्ट के बारे में पता लगाया जा सके। लेकिन घने कोहरे की वजह से जांच में दिक्कत आ रही है।
कोरोना महामारी के बीच कई लोगों को लगा कि देश के अस्पतालों में अब बिजली की आपूर्ति नहीं हो पाएगी। हालांकि कुछ अस्पताल बेक-अप जनरेटर्स पर निर्भर थे, हालांकि ऐसे किसी प्रतिकूलताओं के बारे में कोई रिपोर्ट्स नहीं आई। कराची में लोग गैस स्टेशन के पास लंबी लाइनों में खड़े दिखाई दिए ताकि अपने घर पर जनरेटर्स लगाने के लिए पेट्रोल खरीद सके।
देशव्यापी बिजली गुल की वजह से देश में इंटरनेट कनेक्टिविटी पर असर पड़ा। हालांकि इसी के तुरंत बाद ट्विटर पर पाकिस्तान की बिजली कटौती ट्रेंड करने लगी। हजारों लोग अपने-अपने शहर और इलाकों की फोटो शेयर करने लगे।
पाकिस्तान में बिजली कटने का लंबा इतिहास
पाकिस्तान में बिजली कटना असामान्य बात नहीं है। कई लोगों ने पाकिस्तान की नाजुक बिजली वितरण प्रणाली को इसका जिम्मेदार बताया। साल 2014 में, विश्व बैंक ने भारत से 1,200 मेगावाट बिजली आयात करने के लिए व्यवहार्यता अध्ययन और ट्रांसमिशन लाइन को वित्त प्रदान करने के बाद भारत-पाकिस्तान बिजली सौदे की बातचीत थी। हालांकि भू-राजनीतिक कारणों से यह सौदा से यह सौदा ठप हो गया था।
पाकिस्तान में बिजली कटना सामान्य है लेकिन देशव्यापी बिजली गुल काफी कम होता है। हाल ही में पाकिस्तान में हुई बिजली गुल तीन साल ही हो गई। साल 2018, पाकिस्तान में नौ घंटे तक बिजली कटौती हुई। इससे पहले 2015, पाकिस्तान में 80 फीसदी इलाका बिना बिजली के रहा क्योंकि उस समय बिजली आपूर्ति लाइन पर एक कथित आतंकवादी हमला की खबर सामने आई थी।
पाकिस्तान में राजधानी इस्लामाबाद समेत कई अहम शहर शनिवार रात को कई घंटों तक रात के अंधेरे में डूबे रहे। ऐसा इसलिए क्योंकि शनिवार रात को देशव्यापी पावस फ्रीक्वेंसी सिस्टम में अचानक गिरावट आ गई थी। हालांकि अगले दिन आधी बिजली रिस्टोर कर ली गई थी। अधिकारियों ने बताया कि बिजली गुल की जांच की जा रही है।
रविवार को पाकिस्तान के ऊर्जा मंत्री उमर अयूब ने बताया कि अब सिस्टम स्थिर है और बिजली सप्लाई को अहम शहरों में रिस्टोर कर लिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि अगले कुछ घंटों में बिजली को दोबारा शुरू कर दिया जाएगा। हाल ही में हुए बिजली गुल की घटना देश में अब तक सबसे खतरनाक घटनाओं में से एक है। लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है।
पाकिस्तान की नाजुक बिजली वितरण प्रणाली के कारण, ऐसी बिजली गुल की घटनाएं होती रहती हैं।
शनिवार की रात को क्या हुआ था?
शनिवार रात 12 से बजे से थोड़ा समय पहले, पाकिस्तान के अहम शहरों जैसे लाहौर, इस्लामाबाद, कराची, रावलपिंडी और मुल्तान में एक साथ बिजली गुल हो गई थी। कई घंटों तक कई छोटे शहरों और कस्बों में बिजली नहीं थी। रविवार को उर्जा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान के तारबेला और वारसाक बिजली संयंत्र में बिजली वापस आ गई थी लेकिन बाकी शहरों में अभी आनी बाकी है।
पाकिस्तान में बिजली गुल क्यों हुई?
इस्लामाबाद में सुबह अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री अयूब ने कहा कि रात को 11.41 बजे बिजली कट हो गई थी। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में गुड्डू पावर प्लांट में एक टेक्निकल फॉल्ट की वजह से बिजली चली गई थी। अचानक से पावर फ्रीक्वेंसी सिस्टमें में 50-0 की गिरावट के बाद बिजली एक साथ चली गई।
उन्होंने कहा कि कैस्केडिंग इफेक्ट कहा जाता है, जिससे पावर सिस्टम बंद हो जाता है। इससे 10,320 मेगावाट बिजली रुक गई। ऊर्जा मंत्री ने बाद में ट्वीट करते हुए लिखा कि वो निजी तौर पर बिजली के वापस आने की प्रक्रिया पर निगरानी कर रहे हैं। एक टीम तारबेला पावर स्टेशन दोबारा शुरू करने की कोशिश कर रही है।
हालांकि ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि हमाी टीम गुड्डू इलाका की जांच कर रही है ताकि इस फॉल्ट के बारे में पता लगाया जा सके। लेकिन घने कोहरे की वजह से जांच में दिक्कत आ रही है।
बिजली गुल का क्या असर हुआ?
कोरोना महामारी के बीच कई लोगों को लगा कि देश के अस्पतालों में अब बिजली की आपूर्ति नहीं हो पाएगी। हालांकि कुछ अस्पताल बेक-अप जनरेटर्स पर निर्भर थे, हालांकि ऐसे किसी प्रतिकूलताओं के बारे में कोई रिपोर्ट्स नहीं आई। कराची में लोग गैस स्टेशन के पास लंबी लाइनों में खड़े दिखाई दिए ताकि अपने घर पर जनरेटर्स लगाने के लिए पेट्रोल खरीद सके।
देशव्यापी बिजली गुल की वजह से देश में इंटरनेट कनेक्टिविटी पर असर पड़ा। हालांकि इसी के तुरंत बाद ट्विटर पर पाकिस्तान की बिजली कटौती ट्रेंड करने लगी। हजारों लोग अपने-अपने शहर और इलाकों की फोटो शेयर करने लगे।
पाकिस्तान में बिजली कटने का लंबा इतिहास
पाकिस्तान में बिजली कटना असामान्य बात नहीं है। कई लोगों ने पाकिस्तान की नाजुक बिजली वितरण प्रणाली को इसका जिम्मेदार बताया। साल 2014 में, विश्व बैंक ने भारत से 1,200 मेगावाट बिजली आयात करने के लिए व्यवहार्यता अध्ययन और ट्रांसमिशन लाइन को वित्त प्रदान करने के बाद भारत-पाकिस्तान बिजली सौदे की बातचीत थी। हालांकि भू-राजनीतिक कारणों से यह सौदा से यह सौदा ठप हो गया था।
पाकिस्तान में बिजली कटना सामान्य है लेकिन देशव्यापी बिजली गुल काफी कम होता है। हाल ही में पाकिस्तान में हुई बिजली गुल तीन साल ही हो गई। साल 2018, पाकिस्तान में नौ घंटे तक बिजली कटौती हुई। इससे पहले 2015, पाकिस्तान में 80 फीसदी इलाका बिना बिजली के रहा क्योंकि उस समय बिजली आपूर्ति लाइन पर एक कथित आतंकवादी हमला की खबर सामने आई थी।
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