वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग
Updated Tue, 05 Jan 2021 10:04 AM IST
डॉ. एई फेन
– फोटो : social media
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चीन में जिस डॉक्टर ने पहली बार कोरोना वायरस को लेकर खुलासा किया था, उन्होंने वुहान में स्थित आंख के एक अस्पताल पर आरोप लगाया है। डॉक्टर एई फेन ने आरोप लगाया है कि आंख के अस्पताल की लापरवाही की वजह से उनकी एक आंख की रोशनी चली गई है।
डॉक्टर एई फेन ने चीन के प्रमुख नेत्र अस्पताल एअर आई अस्पताल की वुहान शाखा पर ये आरोप लगाया है। उन्होंने मई के महीने में इस अस्पताल में मोतियाबिंद की सर्जरी कराई थी। इसके लिए डॉक्टर ने 30,000 युआन यानि कि 3.38 लाख रुपये का भुगतान किया था।
पिछले हफ्ते फेन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में उन्होंने बताया कि उनकी दाईं आंखे की रोशनी धीरे-धीरे कम हो रही है। डॉ. फेन ने दावा किया कि ऑपरेशन से पहले डॉक्टरों ने उनके परीक्षण के नतीजों को नजरअंदाज किया था और उसके बाद ऑपरेशन कर दिया।
डॉ. फेन वुहान केंद्रीय अस्पताल में आपात विभाग की प्रमुखहैं। बता दें कि इसी विभाग में कोरोना के शुरुआती मरीजों की जानकारी मिली थी। इधर उनकी आंख का इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा कि फेन की सर्जरी पांच महीने पहले हुई थी। डॉ. फेन मायोपियो (दूरदृष्टि दोष) से पीड़ित हैं।
हालांकि अस्पताल ने यह माना है कि डॉक्टर ऑपरेशन के बाद के जोखिम का सही अनुमान नहीं लगा सके। बता दें कि चीन के इस प्रमुख अस्पताल की देश में 500 से ज्यादा शाखाएं हैं। इसके अलावा जब कोरोना वायरस को लेकर डॉ. फेन ने कई बड़े खुलासे किए थे, तो उसके बाद ये खबर आई थी कि उन्हें बंदी बना लिया गया है।
डॉ. फेन ने एक मरीज की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया था, जिसके बाद उन्हें कई धमकियां मिली थीं। डॉ. फेन की ओर से जारी रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर कई लोगों ने शेयर भी किया था।
चीन में जिस डॉक्टर ने पहली बार कोरोना वायरस को लेकर खुलासा किया था, उन्होंने वुहान में स्थित आंख के एक अस्पताल पर आरोप लगाया है। डॉक्टर एई फेन ने आरोप लगाया है कि आंख के अस्पताल की लापरवाही की वजह से उनकी एक आंख की रोशनी चली गई है।
डॉक्टर एई फेन ने चीन के प्रमुख नेत्र अस्पताल एअर आई अस्पताल की वुहान शाखा पर ये आरोप लगाया है। उन्होंने मई के महीने में इस अस्पताल में मोतियाबिंद की सर्जरी कराई थी। इसके लिए डॉक्टर ने 30,000 युआन यानि कि 3.38 लाख रुपये का भुगतान किया था।
पिछले हफ्ते फेन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में उन्होंने बताया कि उनकी दाईं आंखे की रोशनी धीरे-धीरे कम हो रही है। डॉ. फेन ने दावा किया कि ऑपरेशन से पहले डॉक्टरों ने उनके परीक्षण के नतीजों को नजरअंदाज किया था और उसके बाद ऑपरेशन कर दिया।
डॉ. फेन वुहान केंद्रीय अस्पताल में आपात विभाग की प्रमुखहैं। बता दें कि इसी विभाग में कोरोना के शुरुआती मरीजों की जानकारी मिली थी। इधर उनकी आंख का इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा कि फेन की सर्जरी पांच महीने पहले हुई थी। डॉ. फेन मायोपियो (दूरदृष्टि दोष) से पीड़ित हैं।
हालांकि अस्पताल ने यह माना है कि डॉक्टर ऑपरेशन के बाद के जोखिम का सही अनुमान नहीं लगा सके। बता दें कि चीन के इस प्रमुख अस्पताल की देश में 500 से ज्यादा शाखाएं हैं। इसके अलावा जब कोरोना वायरस को लेकर डॉ. फेन ने कई बड़े खुलासे किए थे, तो उसके बाद ये खबर आई थी कि उन्हें बंदी बना लिया गया है।
डॉ. फेन ने एक मरीज की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया था, जिसके बाद उन्हें कई धमकियां मिली थीं। डॉ. फेन की ओर से जारी रिपोर्ट को सोशल मीडिया पर कई लोगों ने शेयर भी किया था।
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