पश्चिम बंगाल के सियासी मैदान में शिवसेना भी ठोकेगी ताल, संजय राउत ने किया एलान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Updated Sun, 17 Jan 2021 07:34 PM IST
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सूत्रों के मुताबिक शिवसेना, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी जल्द ही पश्चिम बंगाल का दौरा कर सकते हैं। इससे पहले साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में भी शिवसेना ने बंगाल में अपने 15 उम्मीदवार उतारे थे। उस समय शिवसेना एनडीए का हिस्सा थी। लेकिन पार्टी को बंगाल में असफलता हाथ लगी थी।
क्या कांग्रेस-वाम मोर्चे के साथ जाएगी शिवसेना
बंगाल चुनावों के लिए कांग्रेस और वाम मोर्चे ने हाथ मिलाया है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस और वाम दलों से साथ आने की अपील की थी, लेकिन दोनों ने ही इस पेशकश को ठुकरा दिया है। शिवसेना की बात करें तो महाराष्ट्र में उसने कांग्रेस की मदद से सरकार बनाई है, ऐसे में संभव है कि यहां भी दोनों दल हाथ मिला लें।
लेकिन, यहां पर पेच यह है कि कांग्रेस के कई नेता मौके-बेमौके यह कह चुके हैं कि पार्टी का शिवसेना से नाता केवल महाराष्ट्र में है, और कहीं नहीं। उधर, भाजपा पूरे दम-खम के साथ चुनावी तैयारियों में जुटी है। उसे अकेले दम पर इस बार सरकार बनाने का भरेसा है। ऐसे में राज्य की राजनीतिक स्थिति क्या बनती है यह तो समय ही बताएगा, लेकिन मामला रोचक होना तय है।
सूत्रों के मुताबिक शिवसेना, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी जल्द ही पश्चिम बंगाल का दौरा कर सकते हैं। इससे पहले साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में भी शिवसेना ने बंगाल में अपने 15 उम्मीदवार उतारे थे। उस समय शिवसेना एनडीए का हिस्सा थी। लेकिन पार्टी को बंगाल में असफलता हाथ लगी थी।
So, here is the much awaited update.
After discussions with Party Chief Shri Uddhav Thackeray, Shivsena has decided to contest the West Bengal Assembly Elections.
We are reaching Kolkata soon…!!
Jai Hind, জয় বাংলা !
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) January 17, 2021
क्या कांग्रेस-वाम मोर्चे के साथ जाएगी शिवसेना
बंगाल चुनावों के लिए कांग्रेस और वाम मोर्चे ने हाथ मिलाया है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस और वाम दलों से साथ आने की अपील की थी, लेकिन दोनों ने ही इस पेशकश को ठुकरा दिया है। शिवसेना की बात करें तो महाराष्ट्र में उसने कांग्रेस की मदद से सरकार बनाई है, ऐसे में संभव है कि यहां भी दोनों दल हाथ मिला लें।
लेकिन, यहां पर पेच यह है कि कांग्रेस के कई नेता मौके-बेमौके यह कह चुके हैं कि पार्टी का शिवसेना से नाता केवल महाराष्ट्र में है, और कहीं नहीं। उधर, भाजपा पूरे दम-खम के साथ चुनावी तैयारियों में जुटी है। उसे अकेले दम पर इस बार सरकार बनाने का भरेसा है। ऐसे में राज्य की राजनीतिक स्थिति क्या बनती है यह तो समय ही बताएगा, लेकिन मामला रोचक होना तय है।