परमाणु हथियारों का पहले उपयोग न करने के लिए प्रतिबद्ध है भारत : विदेश सचिव श्रृंगला

भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला
– फोटो : ANI
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भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सोमवार को कहा कि भारत एक जिम्मेदार परमाणु हथियार संपन्न देश के तौर पर परमाणु हथियारों का पहले उपयोग नहीं करने के रुख के साथ न्यूनतम विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत, परमाणु हथियार रहित देशों के खिलाफ भी इसका उपयोग नहीं करने को प्रतिबद्ध है।
निरस्त्रीकरण के विषय पर उच्च स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रृंगला ने कहा कि भारत सार्वभौम, भेदभाव रहित, पुष्टि योग्य परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने मतभेदों से ऊपर उठकर सामूहिक लक्ष्य को हासिल करने के लिए सच्चे इरादे एवं राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘ हम चरणबद्ध प्रक्रिया के तहत परमाणु हथियारों को पूरी तरह समाप्त करने की बात करते हैं जो वर्ष 2007 के हमारे परमाणु निरस्त्रीकरण पर कामकाजी पत्र में उल्लिखित है।’
श्रृंगला ने कहा कि भारत उस कामकाजी दस्तावेज में वर्णित कदमों को आगे बढ़ाने का आह्वान करता है, जिसमें समग्र परमाणु हथियार निरस्त्रीकरण संधि पर सम्मेलन को लेकर वार्ता का विषय शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत ने विखंडनीय सामग्री निषेध संधि (एफएमसीटी) पर निरस्त्रीकरण सम्मेलन वार्ता तत्काल शुरू करने का समर्थन किया है।
विदेश सचिव ने कहा, ‘‘मैं भारत के, निरस्त्रीकरण सम्मेलन में एफएमसीटी वार्ता में हिस्सा लेने को तैयार होने की बात को दोहराता हूं।’’ उन्होंने कहा कि बाह्य अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ को रोकने का विषय निरस्त्रीकरण सम्मेलन का एक और बहुप्रतीक्षित विषय है और भारत इस विषय पर जल्द बातचीत शुरू होने को लेकर आशान्वित है ।
इस सम्मेलन का यह उच्च स्तरीय खंड ब्राजील की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। श्रृंगला ने अपने संबोधन के दौरान कोविड-19 महामारी और उसके कारण उत्पन्न स्थितियों का जिक्र किया और ऐसे समय में वैश्विक एकजुटता और बहुपक्षीयता को मजबूत बनाने पर जोर दिया ।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को भारत निर्मित टीका मानवता को उपलब्ध कराने का वादा पूरा किया है । उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में 2021-22 के दौरान भारत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सोमवार को कहा कि भारत एक जिम्मेदार परमाणु हथियार संपन्न देश के तौर पर परमाणु हथियारों का पहले उपयोग नहीं करने के रुख के साथ न्यूनतम विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत, परमाणु हथियार रहित देशों के खिलाफ भी इसका उपयोग नहीं करने को प्रतिबद्ध है।
निरस्त्रीकरण के विषय पर उच्च स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रृंगला ने कहा कि भारत सार्वभौम, भेदभाव रहित, पुष्टि योग्य परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने मतभेदों से ऊपर उठकर सामूहिक लक्ष्य को हासिल करने के लिए सच्चे इरादे एवं राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा, ‘ हम चरणबद्ध प्रक्रिया के तहत परमाणु हथियारों को पूरी तरह समाप्त करने की बात करते हैं जो वर्ष 2007 के हमारे परमाणु निरस्त्रीकरण पर कामकाजी पत्र में उल्लिखित है।’
श्रृंगला ने कहा कि भारत उस कामकाजी दस्तावेज में वर्णित कदमों को आगे बढ़ाने का आह्वान करता है, जिसमें समग्र परमाणु हथियार निरस्त्रीकरण संधि पर सम्मेलन को लेकर वार्ता का विषय शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत ने विखंडनीय सामग्री निषेध संधि (एफएमसीटी) पर निरस्त्रीकरण सम्मेलन वार्ता तत्काल शुरू करने का समर्थन किया है।
विदेश सचिव ने कहा, ‘‘मैं भारत के, निरस्त्रीकरण सम्मेलन में एफएमसीटी वार्ता में हिस्सा लेने को तैयार होने की बात को दोहराता हूं।’’ उन्होंने कहा कि बाह्य अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ को रोकने का विषय निरस्त्रीकरण सम्मेलन का एक और बहुप्रतीक्षित विषय है और भारत इस विषय पर जल्द बातचीत शुरू होने को लेकर आशान्वित है ।
इस सम्मेलन का यह उच्च स्तरीय खंड ब्राजील की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। श्रृंगला ने अपने संबोधन के दौरान कोविड-19 महामारी और उसके कारण उत्पन्न स्थितियों का जिक्र किया और ऐसे समय में वैश्विक एकजुटता और बहुपक्षीयता को मजबूत बनाने पर जोर दिया ।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को भारत निर्मित टीका मानवता को उपलब्ध कराने का वादा पूरा किया है । उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में 2021-22 के दौरान भारत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।