नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली
– फोटो : नेपाल प्रधानमंत्री सचिवालय
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के संसद भंग करने और नया चुनाव कराने की घोषणा के खिलाफ शुक्रवार को प्रदर्शन में हजारों लोगों के साथ तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों ने भी हिस्सा लिया। पीएम ओली के फैसले के खिलाफ वहां का सुप्रीम कोर्ट एक दर्जन से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे धड़े के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कहा कि ओली ने देश को कड़ी मेहनत से मिले लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली को खतरे में डाल दिया है। हमने ओली को दुरुस्त करने की कोशिश की, लेकिन उसमें नाकाम रहे।
शुक्रवार को आंदोलनकारियों ने ओली के कदम को असांविधानिक बताते हुए उसे वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन में शामिल पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने कहा कि हम ओली को उनकी गलतियों का एहसास कराने के लिए यह आंदोलन जारी रखेंगे। प्रदर्शन में पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड और झलनाथ कमल भी शामिल हुए।
दरअसल ओली ने कहा था कि पार्टी के सदस्य सहयोग नहीं कर रहे और ऐसे में सरकार को फैसले लेने में परेशानी हो रही है। इसके कारण उन्होंने दिसंबर में संसद भंग करते हुए मध्यावधि चुनाव कराने का एलान कर दिया था।
नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के संसद भंग करने और नया चुनाव कराने की घोषणा के खिलाफ शुक्रवार को प्रदर्शन में हजारों लोगों के साथ तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों ने भी हिस्सा लिया। पीएम ओली के फैसले के खिलाफ वहां का सुप्रीम कोर्ट एक दर्जन से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे धड़े के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कहा कि ओली ने देश को कड़ी मेहनत से मिले लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली को खतरे में डाल दिया है। हमने ओली को दुरुस्त करने की कोशिश की, लेकिन उसमें नाकाम रहे।
शुक्रवार को आंदोलनकारियों ने ओली के कदम को असांविधानिक बताते हुए उसे वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन में शामिल पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने कहा कि हम ओली को उनकी गलतियों का एहसास कराने के लिए यह आंदोलन जारी रखेंगे। प्रदर्शन में पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड और झलनाथ कमल भी शामिल हुए।
दरअसल ओली ने कहा था कि पार्टी के सदस्य सहयोग नहीं कर रहे और ऐसे में सरकार को फैसले लेने में परेशानी हो रही है। इसके कारण उन्होंने दिसंबर में संसद भंग करते हुए मध्यावधि चुनाव कराने का एलान कर दिया था।
Source link
Like this:
Like Loading...