दो ही वैक्सीन से चलाना होगा काम, नए परीक्षण का बढ़ा इंतजार

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उम्मीद थी कि मार्च माह तक देश को और भी नए वैक्सीन मिल सकते हैं जिसमें सबसे आगे जायडस कैडिला का डीएनए आधारित वैक्सीन था लेकिन दादरी में एक निजी लैब के जरिए परीक्षण किए जाने के कारण जहां एक तरफ परीक्षण केंद्र पर रोक लगा दी गई है।
वहीं इस परीक्षण को पूरा करने के लिए अब दूसरे परीक्षण केंद्र के शुरू होने का इंतजार है। उधर, वैक्सीन परीक्षण की निगरानी कर रही विशेषज्ञ समिति के समक्ष भी यह मामला पहुंच चुका है। सूत्रों का कहना है कि अगली बैठक में इस मामले को लेकर जायडस कैडिला कंपनी से जवाब मांगा जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार एक तरफ देश में 30 करोड़ लोगों को सबसे पहले वैक्सीन देने का अभियान चल रहा है। वहीं दूसरी ओर कई तरह के वैक्सीन आने वाले समय में आ सकते हैं। इसी के आधार पर कहा जा रहा है कि इस साल के अंत तक बाजार में वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध हो सकती है।
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने देश में 18 तरह के वैक्सीन पर काम चलने की जानकारी दी थी। इनमें से कुछ पशु परीक्षण और कुछ मानव परीक्षण की स्थिति में हैं। जाइडस कैडिला का डीएनए आधारित वैक्सीन और रूस का स्पूतनिक-5 तीसरे और अंतिम चरण के परीक्षण में है। इसलिए इन दो वैक्सीन के सबसे पहले आने की उम्मीद जताई गई।
हालांकि लापरवाही मिलने के बाद जाइडस कैडिला का परीक्षण आगे बढ़ सकता है। जबकि रूस के स्पूतनिक वैक्सीन अगले माह के पहले या दूसरे सप्ताह तक आने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार जाइडस कैडिला का डीएनए आधारित वैक्सीन देश का दूसरा स्वदेशी वैक्सीन है जिसे भारत सरकार के डीबीटी विभाग के वैज्ञानिकों की मदद से तैयार किया है।
विशेषज्ञ समिति (एसईसी) के एक वरिष्ठ सदस्य और आईसीएमआर के महामारी विशेषज्ञ ने बताया कि देश के 43 अस्पतालों में 12 से 99 वर्ष तक के 28216 लोगों पर तीसरा परीक्षण के लिए जाइडस कैडिला कंपनी को अनुमति दी गई। इसमें गाजियाबाद का फ्लोरेस अस्पताल भी है जहां से एक निजी लैब को परीक्षण की जिम्मेदारी दी गई थी जोकि नियमों के खिलाफ है।
इसकी वजह से परीक्षण पर कितना असर पड़ता है? इसके बारे में कंपनी से जवाब मांगा जाएगा। इसे लेकर जाइडस कैडिला से ईमेल के जरिए जानकारी मांगी गई है।
सार
- कोवाक्सिन के साथ साथ भारत का दूसरा स्वदेशी वैक्सीन का परीक्षण भी आगे बढ़ा
- जायडस कैडिला डीएनए आधारित वैक्सीन पर कर रहा परीक्षण
- दादरी में लापरवाही सामने आने के बाद परीक्षण पूरा करने का फंसा पेंच
विस्तार
उम्मीद थी कि मार्च माह तक देश को और भी नए वैक्सीन मिल सकते हैं जिसमें सबसे आगे जायडस कैडिला का डीएनए आधारित वैक्सीन था लेकिन दादरी में एक निजी लैब के जरिए परीक्षण किए जाने के कारण जहां एक तरफ परीक्षण केंद्र पर रोक लगा दी गई है।
वहीं इस परीक्षण को पूरा करने के लिए अब दूसरे परीक्षण केंद्र के शुरू होने का इंतजार है। उधर, वैक्सीन परीक्षण की निगरानी कर रही विशेषज्ञ समिति के समक्ष भी यह मामला पहुंच चुका है। सूत्रों का कहना है कि अगली बैठक में इस मामले को लेकर जायडस कैडिला कंपनी से जवाब मांगा जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार एक तरफ देश में 30 करोड़ लोगों को सबसे पहले वैक्सीन देने का अभियान चल रहा है। वहीं दूसरी ओर कई तरह के वैक्सीन आने वाले समय में आ सकते हैं। इसी के आधार पर कहा जा रहा है कि इस साल के अंत तक बाजार में वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध हो सकती है।
हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने देश में 18 तरह के वैक्सीन पर काम चलने की जानकारी दी थी। इनमें से कुछ पशु परीक्षण और कुछ मानव परीक्षण की स्थिति में हैं। जाइडस कैडिला का डीएनए आधारित वैक्सीन और रूस का स्पूतनिक-5 तीसरे और अंतिम चरण के परीक्षण में है। इसलिए इन दो वैक्सीन के सबसे पहले आने की उम्मीद जताई गई।
हालांकि लापरवाही मिलने के बाद जाइडस कैडिला का परीक्षण आगे बढ़ सकता है। जबकि रूस के स्पूतनिक वैक्सीन अगले माह के पहले या दूसरे सप्ताह तक आने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार जाइडस कैडिला का डीएनए आधारित वैक्सीन देश का दूसरा स्वदेशी वैक्सीन है जिसे भारत सरकार के डीबीटी विभाग के वैज्ञानिकों की मदद से तैयार किया है।
विशेषज्ञ समिति (एसईसी) के एक वरिष्ठ सदस्य और आईसीएमआर के महामारी विशेषज्ञ ने बताया कि देश के 43 अस्पतालों में 12 से 99 वर्ष तक के 28216 लोगों पर तीसरा परीक्षण के लिए जाइडस कैडिला कंपनी को अनुमति दी गई। इसमें गाजियाबाद का फ्लोरेस अस्पताल भी है जहां से एक निजी लैब को परीक्षण की जिम्मेदारी दी गई थी जोकि नियमों के खिलाफ है।
इसकी वजह से परीक्षण पर कितना असर पड़ता है? इसके बारे में कंपनी से जवाब मांगा जाएगा। इसे लेकर जाइडस कैडिला से ईमेल के जरिए जानकारी मांगी गई है।